मध्य प्रदेश: लंबे इंतज़ार के बाद हुआ मंत्रिमंडल विस्तार, 20 कैबिनेट और आठ राज्यमंत्री बनाए गए

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराकर मुख्यमंत्री बनने वाले शिवराज सिंह चौहान ने करीब तीन महीने बाद पूर्ण कैबिनेट का गठन किया है. इसमें 16 भाजपा विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 12 विधायकों को शामिल किया गया है.

Bhopal: Madhya Pradesh Governor Anandiben Patel and Chief Minister Shivraj Chouhan pose for a group photo with the newly inducted ministers of the State Cabinet, after the swearing-in ceremony at Raj Bhawan in Bhopal, Thursday, July 2, 2020. (PTI Photo) (PTI02-07-2020 000089B)

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराकर मुख्यमंत्री बनने वाले शिवराज सिंह चौहान ने करीब तीन महीने बाद पूर्ण कैबिनेट का गठन किया है. इसमें 16 भाजपा विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 12 विधायकों को शामिल किया गया है.

Bhopal: Madhya Pradesh Governor Anandiben Patel and Chief Minister Shivraj Chouhan pose for a group photo with the newly inducted ministers of the State Cabinet, after the swearing-in ceremony at Raj Bhawan in Bhopal, Thursday, July 2, 2020. (PTI Photo) (PTI02-07-2020 000089B)
भोपाल स्थित राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह के बाद नए मंत्रियों के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. (फोटो: पीटीआई)

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया और 28 मंत्री बनाए. इसमें 20 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्री शामिल हैं.

बता दें कि बीते मार्च में कमलनाथ सरकार गिराकर मुख्यमंत्री बनने वाले शिवराज सिंह चौहान ने करीब तीन महीने बाद गुरुवार को पूर्ण कैबिनेट का गठन किया है.

मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सुबह 11 बजे राजभवन में एक सादे समारोह में मंत्रिमंडल के नए मंत्रियों को शपथ दिलाया.

शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में भाजपा के पुराने 16 विधायकों को कैबिनेट में जगह मिली है, जबकि 22 कांग्रेस विधायकों को लेकर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 12 विधायकों को जगह दी गई है.

इनमें पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री विजय शाह, वरिष्ठ भाजपा विधायक जगदीश देवड़ा, यशोधरा राजे सिंधिया, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, प्रेम सिंह पटेल, इंदर सिंह परमार, ऊषा ठाकुर, ओम प्रकाश सकलेचा, भारत सिंह कुशवाह, रामकिशोर कांवरे, मोहन यादव, अरविंद भदौरिया, राम खिलावन पटेल शामिल हैं.

कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले सिंधिया के खेमे के विधायकों में इमरती देवी, डॉ. प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़ (राठखेड़ा), हरदीप सिंह डंग, पूर्व कांग्रेस नेता बिसाहूलाल सिंह, पूर्व कांग्रेस मंत्री एदल सिंह कंसाना और राज्यवर्धन सिंह शामिल रहे.

शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, ‘आज मंत्री पद की शपथ लेने वाले मेरे सभी साथियों को हार्दिक बधाई. हम सब मध्य प्रदेश की प्रगति, विकास एवं जनकल्याण के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए साथ मिलकर कार्य करेंगे. मुझे विश्वास है कि प्रदेश के नवनिर्माण में आप सबका भरपूर सहयोग और योगदान मिलेगा.’

बता दें कि राज्यसभा टिकट न मिलने से नाराज होकर 10 मार्च को कांग्रेस इस्तीफा देने के बाद सिंधिया ने 11 मार्च को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.

इसके बाद 22 कांग्रेस विधायकों के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के कारण ही बीते 20 मार्च को प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी.

इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर काबिज हो गए. हालांकि, मुख्यमंत्री बनने के बाद कोरोना वायरस महामारी के दौरान करीब एक महीने तक कैबिनेट का विस्तार न करने पर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

इसके बाद चौहान ने मुख्यमंत्री बनने के 29 दिन बाद 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया था.

मुख्यमंत्री ने जिन पांच सदस्यों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया था उनमें तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह और कमल पटेल शामिल थे.

इनमें से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं.

ये दोनों कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे और सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उन 22 विधायकों में शामिल थे जो कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)