मुंबई हवाईअड्डा: जीवीके समूह के चेयरमैन और उनके बेटे पर 700 करोड़ रुपये की हेराफेरी का केस दर्ज

जीवीके समूह पर मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के संचालन में 705 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता का आरोप है. सीबीआई ने जीवीके समूह के अधिकारियों के साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अज्ञात अधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.

मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा. (फोटो: रॉयटर्स)

जीवीके समूह पर मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के संचालन में 705 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता का आरोप है. सीबीआई ने जीवीके समूह के अधिकारियों के साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अज्ञात अधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.

मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा. (फोटो: रॉयटर्स)
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा. (फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जीवीके समूह के चेयरमैन वेंकट कृष्ण रेड्डी गणपति और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी समेत अन्य के खिलाफ हवाईअड्डे के संचालन में 705 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं के सिलसिले में मामला दर्ज किया है.

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) लिमिटेड ने मुंबई हवाईअड्डे के रखरखाव और उन्नयन के लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) वाली कंपनी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) के तहत जीवीके समूह की कंपनी जीवीके एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड के साथ संयुक्त उपक्रम बनाया था.

एएआई ने चार अप्रैल, 2006 को एमआईएएल के साथ मुंबई हवाईअड्डे के आधुनिकीकरण, रखरखाव, परिचालन और देखरेख के लिए करार किया था.

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि ऐसा आरोप है कि एमआईएएल में जीवीके समूह के प्रवर्तकों ने उसके अधिकारियों तथा एएआई के अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अलग-अलग तरीकों से पैसे का गबन किया.

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 2017-18 में नौ कंपनियों को कामकाज के फर्जी ठेके दिखाकर पैसों की हेराफेरी की गई.

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जीवीके समूह के प्रवर्तकों ने कथित तौर पर एमआईएएल की 395 करोड़ रुपये की सुरक्षित निधि का दुरुपयोग किया और अपने समूह की कंपनियों में वो पैसा लगाया.

आरोप है कि समूह ने अपने मुख्यालय में कार्यरत और समूह की कंपनियों के कर्मचारियों को भुगतान दिखाकर एमआईएएल के खर्च संबंधी आंकड़ों को बढ़ा दिया. हालांकि ये कर्मचारी एमआईएलए के परिचालन में शामिल नहीं थे. इससे एएआई को राजस्व का नुकसान हुआ.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि जीवीके समूह ने एमआईएएल के राजस्व को कम करते हुए अत्यधिक कम दरों पर परिवार के सदस्यों, रिश्तेदार और कर्मचारियों द्वारा संचालित कंपनियों को मुंबई हवाईअड्डे का खास क्षेत्र सौंपा है.

जिन कंपनियों को कम दरों पर ये खास क्षेत्र मिले उनमें रॉकलाइन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और इंटरनेशनल एयरपोर्ट होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)