बाबरी मस्जिद विध्वंस: सीबीआई अदालत में पेश हुईं उमा भारती, ख़ुद को बताया निर्दोष

विशेष सीबीआई अदालत 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में 32 आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है. इस मामले में भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी का बयान दर्ज होना अभी बाकी है.

Lucknow: Senior BJP leader Uma Bharti arrives at a special CBI court for a hearing in Babri mosque demolition case, in Lucknow, Thursday, July 2, 2020. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI02-07-2020 000109B)

विशेष सीबीआई अदालत 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में 32 आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है. इस मामले में भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी का बयान दर्ज होना अभी बाकी है.

Lucknow: Senior BJP leader Uma Bharti arrives at a special CBI court for a hearing in Babri mosque demolition case, in Lucknow, Thursday, July 2, 2020. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI02-07-2020 000109B)
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले को लेकर बीते गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती पेश हुईं. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में गुरुवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश हुईं.

वह इस मामले में अदालत में बयान दर्ज कराने वाली 19वीं आरोपी हैं. उन्होंने विशेष सीबीआई न्यायाधीश एसके यादव की अदालत में दिए गए अपने बयान में कहा कि 1992 में केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक बदले की भावना से उन पर बाबरी विध्वंस का आरोप मढ़ा था. वह बिल्कुल निर्दोष हैं.

उन्होंने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने बाबरी विध्वंस मामले में अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए उनके तथा अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. सभी को राजनीतिक दबाव में गलत तरीके से फंसाया गया.

उमा भारती ने इस मामले में सीबीआई द्वारा पेश किए गए सबूतों पर कहा कि यह सब राजनीतिक दुश्मनी की वजह से किया गया है.

हालांकि अदालत के बाहर आकर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राम मंदिर अभियान से जुड़कर वह खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं तो राम भक्त हूं और राम भक्ति के भाव की वजह से मैंने इस पूर्ण अभियान में भाग लिया. इसके लिए मैं हमेशा खुद को गौरवशाली मानती हूं.’

उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि उसका जीवन ‘गंगा’, ‘तिरंगा’, ‘गऊ’, ‘गरीब’, ‘नारी’ और ‘राम’ को समर्पित है.

भारती ने अदालत में दिए गए बयान पर संवाददाताओं को कुछ भी बताने से इनकार करते हुए कहा, ‘मैं भारत के कानून को वेदों की तरह मानती हूं. अदालत एक मंदिर है और उसमें बैठे हुए न्यायाधीश को मैं भगवान की तरह मानती हूं. उनके सामने मैंने जो बातें कहीं हैं, उन पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकती, क्योंकि सारी बातों पर फैसले आने बाकी हैं. मैंने अदालत में जो भी कहा, उसके बारे में मैं आपको कुछ नहीं बताऊंगी.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह 500 साल तक चली लंबी लड़ाई है. शायद ही संसार का कोई अभियान ऐसा रहा हो जिसने पांच शताब्दियां पार की हों और उन पांचों शताब्दियों में वह लगातार बढ़ता ही गया हो. अंत में उच्चतम न्यायालय का जो निर्णय आया है, उसे भारतवासियों ने जिस प्रकार स्वीकार किया उससे भारत की छवि दुनिया में बहुत उज्ज्वल हुई है.’

मालूम हो कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल 40 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद नौ नवंबर को बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जमीन विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज करते हुए हिंदू पक्ष को जमीन देने को कहा था.

भारती ने कहा, ‘क्योंकि भारत के बारे में यह माना जाता था कि यहां धार्मिक विभाजन मौजूद रहता है लेकिन उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भारत ने जिस तरह एकजुट होकर उसे स्वीकार किया, उससे एक गौरवशाली परंपरा कायम हुई है.’

विवादित जमीन पर अदालत का फैसला आने और केंद्र सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने के फैसले बाद उमा भारती ने कहा था कि अगर बाबरी मस्जिद का ढांचा नहीं हटाया जाता, तो सच लोगों के सामने न आता.

विशेष सीबीआई अदालत 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में 32 आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है. उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार विशेष अदालत इस मामले की सुनवाई 31 अगस्त तक पूरी करने के लिए रोजाना काम कर रही है.

इस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी का बयान दर्ज होना अभी बाकी है. उनके वकीलों ने अदालत को बताया है कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दर्ज कराना चाहते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)