5 जुलाई को गाज़ियाबाद ज़िले में मोमबत्ती बनाने के एक अवैध कारखाने में भीषण आग लग गई थी, जिसमें छह महिला श्रमिकों समेत आठ लोगों की मौत हो गई. मृतकों में एक नाबालिग भी शामिल था. एनएचआरसी ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के अंदर इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गाजियाबाद में मोमबत्ती बनाने वाली एक अवैध फैक्ट्री में आग लगने से आठ लोगों मृत्यु पर उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है.
इस बारे में आई मीडिया की खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने कहा, ‘स्थानीय प्रशासन के लिए आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय करे और उनके खिलाफ विभागीय या आपराधिक कार्यवाही तुरंत शुरू करे ताकि पीड़ितों और उनके परिजन को न्याय सुनिश्चित हो सके.’
गौरतलब है कि गाजियाबाद जिले में मोमबत्ती बनाने वाले एक कारखाने में रविवार की दोपहर भीषण आग लग गई, जिससे वहां काम करने वाली छह महिला श्रमिकों समेत आठ लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 16 वर्षीय एक किशोर भी शामिल है.
हादसे में घायल तीन श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मोदी नगर के बखरवा गांव में स्थित कारखाने में दिन में करीब चार बजे आग लगी. बताया गया कि कारखाने में अति ज्वलनशील पदार्थ का स्टॉक था.
एक बयान के मुताबिक मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
बयान के मुताबिक, उनसे फैक्ट्री मालिक और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई रिपोर्ट देने, घायलों को दी जा रही चिकित्सा उपचार की स्थिति और राज्य की तरफ से पीड़ितों को मुहैया कराई गई राहत या उनके पुनर्वास की स्थिति रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.
वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार कर लिया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि मामले में केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तार फैक्ट्री मालिक नितिन चौधरी से पूछताछ की जा रही है.
एसएसपी नैथानी ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है. फैक्ट्री मालिक नितिन चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
उसने पुलिस को बताया कि वहांं पेंसिल बम रखी गई थीं और आग लगने के समय उन्हें पैक किया जा रहा था. आरोपी पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि तीन महीने पहले ही यह फैक्ट्री अवैध रूप से शुरू की गई थी और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे.
अवैध फैक्ट्री में हुए धमाके में लोगों की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने मौके पर पहुंचे डीएम और एसएसपी को घेर लिया था. आक्रोशित लोग शवों को घटनास्थल से नहीं हटाने दे रहे थे.
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया कि मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके अलावा घायलों का मुफ्त इलाज करवाया जाएगा. हर घायल को 50 हजार रुपये की मदद भी दी जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)