इस साल बाढ़ से असम में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य का लखीमपुर ज़िला सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
असम में बाढ़ से हालात नाज़ुक हो गए हैं. बीते सोमवार को राज्य के गोलपाड़ा, गोलाघाट, ज़ोरहाट और लखीमपुर ज़िलों में सात लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है. इसके साथ ही इस साल बाढ़ के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है.
अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ से हालात नाज़ुक बने हुए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश के पपमपारे ज़िले में भूस्खलन से 10 लोगों की मौत हो गई है. कहा जा रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की ओर से जारी रिपोर्ट के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने सोमवार को बताया कि बाढ़ से असम के 20 ज़िलों के 12.55 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हैं.
प्रभावित ज़िलों में लखीमपुर, दरांग, ज़ोरहाट, गोलाघाट, कछार, धीमाजी, विश्वनाथ, करीमगंज, सोनितपुर, मजुली, बरपेटा, नौगांव, नलबारी, शिवसागर, मोरीगांव, चिरांग, डिब्रूगढ़, धुबरी, कोकराझाड़ और दक्षिण सालमारा ज़िले प्रमुख हैं.
More than 10 people dead in a landslide in Papumpare district of Arunachal Pradesh. pic.twitter.com/bkAFXyoChU
— ANI (@ANI) July 11, 2017
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बाढ़ से राज्य का लखीमपुर ज़िला सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इस ज़िले में तकरीबन 2.92 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. लखीमपुर के बाद दक्षिणी सलमार ज़िले में 2.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
लखीमपुर में भूस्खलन और डूबने की वजह से पिछले 24 घंटे में तीन लोगों की मौत होने की सूचना मिली है. वहीं ज़ोरहाट ज़िले को टेओक में दो बच्चों की मौत होने की ख़बर मिली है. इसके अलावा गोलाघाट के बोकाखाट में एक व्यक्ति और गोलपाड़ा के मटिया में एक बच्चे की मौत हुई है.
रविवार तक राज्य में पांच लाख लोगों के प्रभावित होने की सूचना थी. काज़ीरंगा नेशनल पार्क का अधिकांश हिस्सा भी बाढ़ की चपेट में आ गया है.
जानवरों के मारे जाने की खबर हैं. पार्क के जानवर ऊंचाई वाले स्थानों की ओर भाग रहे हैं. इस चक्कर में कुछ जानवर राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर तेज रफ्तार गाड़ियों की चपेट में आकर मारे गए हैं.
बाढ़ की वजह से तकरीबन 4,48,803 जानवर और मुर्गियां प्रभावित हुए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक काज़ीरंगा में बाढ़ से छह हिरनों की मौत हो गई है.
गुवाहाटी भी लगातार बारिश और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. यहां भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं. हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
प्रशासन 11 ज़िलों में 148 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहा हैं, जहां वर्तमान में 18,295 लोग शरण लिए हुए हैं.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया है कि सरकार ने 2,523.70 कुंतल चावल, 461.11 कुंतल दाल और 130.34 कुंतल नमक बाढ़ प्रभावितों के बीच बांटे गए हैं.
#AssamFloods: Most of the Kaziranga National Park inundated, wild animals straying into higher ground, six hog deers have died. pic.twitter.com/G71nGU3Zun
— ANI (@ANI) July 11, 2017
बाढ़ के प्रभाव से कोकड़ाझार, लखीमपुर, डिब्रुगढ़, मजुली, बिस्वनाथ, बरपेटा, धीमाजी, गोलाघाट, सिवसागर, करीमगंज, दक्षिण सालमारा और नलबाड़ी ज़िलों में कई सड़कें, तटबंध और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं.
ब्रह्मपुत्र नदी ज़ोरहाट में निमतीघाट, सोनितपुर में तेज़पुर, डिब्रुगढ़, गोलपाड़ा, धुबरी कस्बों में ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है.
लखीमपुर के बदती घाट में सुबनसिरि नदी, शिवसागर में दिखो नदी, गोलाघाट के नुमालीगढ़ में धनसिरि नदी, सोनितपुर में एनटी रोड क्रॉसिंग के पास जिया भराली नदी, कामरूप में एनएच क्रॉसिंग के पास पुथिमारी नदी, बरपेटा में रोड ब्रिज के पास बेकी नदी, करीमगंज में बदरपुरघाट के पास बराक नदी और करीमगंज कस्बे में कुशियारा नदी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है.
उधर, भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग 2 और 37 के क्षतिग्रस्त होने के कारण से मणिपुर बाकी देश से कटा रहा.
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)