असम में बाढ़ से तकरीबन 17 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने काज़ीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य में सड़क हादसों में कई पशुओं की मौत के मामले में बुधवार को असम सरकार को आड़े हाथ लिया और उसे ख़ासकर मानसून के मौसम में पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध इस अभयारण्य के पास सड़क दुर्घटनाओं में वन्यजीवों की मौत के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने असम सरकार को बाढ़ के दौरान पशुओं की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया.
पीठ ने कहा, रोज़ाना सड़क हादसों में पशु मारे जा रहे हैं. आपके यातायात सेंसर क्या कर रहे हैं. हमें बताइए कि सेंसर इन पशुओं की सुरक्षा क्यों नहीं कर पा रहे.
#WATCH Large Parts of Kaziranga National Park in Assam inundated due to incessant rains causing floods pic.twitter.com/MVSPiX5CMK
— ANI (@ANI) July 12, 2017
राज्य की सर्बानंद सोनोवाल सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित किया कि उसने काज़ीरंगा नेशनल पार्क की दक्षिण सीमा के पास से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर तेज़ गाड़ी चलाने और ओवरलोडिंग के मामले में 10 जुलाई तक 1010 चालान किए हैं.
असम सरकार के वकील ने एनजीटी को बताया कि जिस पट्टी में सेंसर संचालित स्वचालित यातायात बैरियर लगाए गए हैं, वहां एक भी पशु नहीं मारा गया है.
अधिकरण वन्यजीव कार्यकर्ता रोहित चौधरी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने अभयारण्य के पास से जाखलाबांध से बोकाखाट तक एनएच 37 को चौड़ा करने का विरोध किया.
याचिकाकर्ता की ओर से वकील रित्विक ने आरोप लगाया कि पिछले 10 दिन में सड़क दुर्घटनाओं में नौ हॉग डियर मारे गए. उन्होंने कहा कि इन पशुओं की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाना जरूरी हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, काज़ीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य का 80 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया है जिससे 25 वन्य जीवों की मौत हो गई है.
More than 50% of area submerged;elephants, rhinos & deer migrated to Karbi Hills, flood level expected to rise: M Das,Asstt Conservator, KNP pic.twitter.com/FIfedYOMG8
— ANI (@ANI) July 12, 2017
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में अभयारण्य के सहायक संरक्षक एम. दास ने बताया कि पार्क का 50 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा बाढ़ की वजह से डूबा हुआ है. हाथी, गैंडों और हिरण कर्बी हिल्स की ओर चले गए हैं.
टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 23 ज़िलों के 17 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
2,498 गांवों के 50,000 लोग अपने घरों को छोड़कर सरकारी स्कूलों, विभिन्न इमारतों में बने अस्थायी राहत शिविरों और सबसे अधिक प्रभावित होने वाले 16 ज़िलों के तटबंधों पर जाकर रहने लगे हैं.
Papumpare (Arunachal Pradesh) landslide: Death toll rises to 14 as National Disaster Response Force (NDRF) team retrieved another dead body.
— ANI (@ANI) July 12, 2017
उधर, अरुणाचल प्रदेश के पापमपारे में मंगलवार को बारिश की वजह से हुए भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ.)