मामला बेंगलुरु का है, जहां अस्पतालों द्वारा भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार किए जाने के बाद महिला ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अस्पतालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक 22 वर्षीय गर्भवती महिला को इलाज के लिए उसके परिजन ऑटो में लेकर भटकते रहे लेकिन तीन सरकारी अस्पतालों ने कथित तौर पर बेड नहीं होने की बात कहकर भर्ती करने से मना कर दिया.
महिला ने ऑटो में ही बच्चे को जन्म दिया, बच्चे की मौत हो गई. घटना 19-20 जुलाई की दरमियानी रात की है.
एनडीटीवी के मुताबिक गर्भवती महिला और उनके परिजन सोमवार सुबह 3 बजे ही निकले थे, लेकिन 6 घंटे बाद भी उन्हें किसी भी अस्पताल में जगह नहीं मिल पाई. महिला ने ऑटो में ही बच्चे को जन्म दे दिया, जिसके बाद ऑटो चालक ने उन्हें लेकर केसी जनरल अस्पताल पहुंचे लेकिन अस्पताल के बाहर ही बच्चे की मौत हो गई.
शहर के श्रीरामपुरा सरकारी अस्पताल, विक्टोरिया अस्पताल और वनिविलास अस्पताल ने महिला को भर्ती करने से कथित तौर पर मना कर दिया था. सभी अस्पतालों का कहना था कि उनके पास गर्भवती महिला को भर्ती करने के लिए बेड उपलब्ध नहीं है.
विक्टोरिया अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है. शहर में विल्सन गार्डन गर्भवती महिलाओं के लिए समर्पित एक अस्पताल है, लेकिन महिला को शायद इसकी जानकारी नहीं थी.
द न्यूज़ मिनट के मुताबिक, बेंगलुरु के श्रीरामपुरा की रहने वाली 22 वर्षीय निवेधा सोमवार सुबह 3 बजे केसी जनरल अस्पताल गई थीं, जब उन्हें अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उनका बच्चा मर चुका है.
विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य सरकार से उन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया, जिन्होंने महिला को इलाज से वंचित कर दिया था.
A pregnant woman, who was experiencing labour pain, was denied treatment by many hospitals in Bengaluru. She lost her newborn baby after delivering it in an autorickshaw.@CMofKarnataka, I urge you to take action against all those hospitals that denied treatment.
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— Siddaramaiah (@siddaramaiah) July 20, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘एक गर्भवती महिला, जो प्रसव पीड़ा का अनुभव कर रही थी, बेंगलुरु के कई अस्पतालों द्वारा इलाज से इनकार कर दिया गया. उसने एक ऑटोरिक्शा में प्रसव के बाद अपने नवजात बच्चे को जन्म के बाद खो दिया. मैं सीएम से उन सभी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं जिन्होंने उपचार से इनकार कर दिया.’