बिहार: दस ज़िलों की छह लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित

बिहार में बाढ़ के खतरे के मद्देनज़र एनडीआरएफ की 21 टीमों को राज्य के विभिन्न संवेदनशील ज़िलों में तैनात किया गया है. इसी बीच मुज़फ़्फ़रपुर में बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चियों की जान चली गई.

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Muzaffarpur: Residents move to a safer place on a boat from a flood affected area, following heavy monsoon rain, in Muzaffarpur district, Tuesday, July 21, 2020. (PTI Photo)(PTI21-07-2020_000161B)

बिहार में बाढ़ के खतरे के मद्देनज़र एनडीआरएफ की 21 टीमों को राज्य के विभिन्न संवेदनशील ज़िलों में तैनात किया गया है. इसी बीच मुज़फ़्फ़रपुर में बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चियों की जान चली गई.

Muzaffarpur: Residents move to a safer place on a boat from a flood affected area, following heavy monsoon rain, in Muzaffarpur district, Tuesday, July 21, 2020. (PTI Photo)(PTI21-07-2020_000161B)
(फोटो: पीटीआई)

पटना/मुज़फ्फरपुर: बिहार के 10 जिलों की करीब छह लाख 36 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है और 18,612 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है.

आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 10 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण एवं खगड़िया जिले के 55 प्रखंडों के 282 पंचायतों की करीब छह लाख 36 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

वहां से सुरक्षित निकाले गए 18,612 लोग दस राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.

जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा में, बूढी गंडक मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर में, कमला बलान मधुबनी में, लालबकिया पूर्वी चंपारण में, अधवारा सीतामढी में, खिरोई दरभंगा में और महानंदा किशनगंज एवं पूर्णिया जिला में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि जुलाई महीने में भारी बारिश के बावजूद सभी तटबंध सुरक्षित हैं तथा तकनीक के उपयोग और विभाग की अतिरिक्त सतर्कता के कारण तटबंध पर उत्पन्न खतरों को समय रहते टाला जा सका है.

बिहार में बाढ़ के खतरे के मद्देनजर एनडीआरएफ की 21 टीमों को राज्य के विभिन्न संवेदनशील जिलों में तैनात किया गया है.

एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मांग पर एनडीआरएफ की 21 टीमों को प्रदेश के 12 जिलों में तैनात किया गया है.

प्रभात खबर के मुताबिक, दरभंगा के बाढ़ग्रस्त लोगों की मदद के लिए 98 सामुदायिक रसोई चलायी जा रहा है. बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच 2,217 पॉलिथिन शीट्स वितरित किए गए हैं.

इसके अलावा 160 नावों की व्यवस्था की गयी है. पशुओं के लिए भी चारे का पर्याप्त इंतजाम किया गया है. लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.

बाढ़ के पानी में डूबकर दो बच्चियों की मौत

मुज़फ़्फ़रपुर जिले के बेनीबाद पुलिस चौकी के केवटसा गांव में बागमती की बाढ़ से भरे पानी में डूबकर बुधवार को दो बच्चियों की मौत हो गई.

पुलिस उपाधीक्षक (पूर्वी) कुंदन कुमार ने बताया कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है.

दोनों बच्चियां अपने गांव के स्कूल के पास खेल रही थीं, उसी दौरान पैर फिसलने से बाढ़ के पानी में गिर गयीं.

बच्चियों की पहचान केवटसा गांव निवासी दिवंगत पवन राय की पुत्री जमुना कुमारी और बबलू राय की पुत्री करिश्मा कुमारी के रूप में हुई है. दोनों की उम्र करीब नौ साल है.

तेजस्वी यादव ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

इस बीच बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने दरभंगा और मधुबनी जिलों के बाढ प्रभावित इलाकों का बुधवार को दौरा किया.

तेजस्वी ने संवाददाताओं से ‘यह सरकार की जिम्मेदारी है कि बाढ़ पीड़ितों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था करे तथा बाढ़ के कारण हुए उनके नुकसान को देखते हुए उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए थी.’

तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, बिहार के मुख्यमंत्री इस गंभीर आपदाकाल में भी चार महीने से अदृश्य है. इस निर्दयी सरकार ने छात्रों, मजदूरों, मरीज़ों, गरीबों और आम आदमी को मुसीबत के बीच मरने के लिए छोड़ दिया. नीतीश जी को कोरोना, बाढ़, बेरोजगारी, पलायन, गरीबी और बाढ़ से बेहाल एवं मरने वालों की कोई चिंता नहीं.

वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया, ‘जिनके माता-पिता के राज में 90 करोड़ रुपये का बाढ़ राहत घोटाला हुआ, वे कुछ बाढ़ पीड़ितों को एक वक्त का भोजन कराते हुए फोटो खिंचवा कर राजद राज के पाप धोने की कोशिश कर रहे हैं.’

सुशील ने ट्वीट कर तेजस्वी पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि ‘उन्हें कैग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए, जिसमें खुलासा किया गया है कि बिहार को केंद्र सरकार से मिली बाढ़ सहायता की 90 करोड़ की राशि का फर्जीवाड़ा कैसे हुआ था.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)