पश्चिम बंगाल: पड़ोसियों ने कोरोना संदिग्ध और उसके परिवार को पीटा

मामला कोलकाता के पटुली क्षेत्र का है. कोरोना संदिग्ध आईटी पेशेवर ने आरोप लगाया है कि उनके पड़ोसियों ने उनके घर पर रहने का विरोध करते हुए उनके, उनकी गर्भवती पत्नी और तीन साल के बच्चे के साथ मारपीट की है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

मामला कोलकाता के पटुली क्षेत्र का है. कोरोना संदिग्ध आईटी पेशेवर ने आरोप लगाया है कि उनके पड़ोसियों ने उनके घर पर रहने का विरोध करते हुए उनके, उनकी गर्भवती पत्नी और तीन साल के बच्चे के साथ मारपीट की है.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: कोलकाता के पटुली क्षेत्र में कोरोना वायरस के संदिग्ध संक्रमित, उसकी गर्भवती पत्नी और बच्चे को पड़ोसियों द्वारा पीटे जाने का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को लोगों से कहा कि वह बीमारी से लड़ें न कि बीमार से लड़ें.

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एक आईटी पेशेवर ने बुधवार को आरोप लगाया कि उनके पड़ोसियों ने उनकी, उनकी गर्भवती पत्नी और बच्चे की पिटाई की.

उन्होंने कहा, ‘पड़ोसियों ने मंगलवार दोपहर मुझे, मेरे तीन साल के बेटे, मेरी तीन महीने की गर्भवती पत्नी के साथ मारपीट की. उन्होंने मेरी पत्नी को धक्का दिया और मुझे जूतों से मारा. पड़ोसी हमारे फ्लैट में रहने का विरोध कर रहे थे जबकि हम क्वारंटीन के नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए अपने फ्लैट में रह रहे थे.’

वहीं, पड़ोसियों ने उनके इस आरोप को खारिज किया है और आरोप लगाया है कि व्यक्ति और उसका परिवार कोविड-19 के घर में क्वारंटीन नियमों का उल्लंघन कर रहा था.

व्यक्ति की कोविड-19 जांच पिछले सप्ताह हुई थी और रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है. वहीं उसकी पत्नी और बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई थी.

पुलिस ने बुधवार को बताया कि पुलिस थाने में मामला दर्ज कराए जाने के बाद इस संबंध में जांच शुरू कर दी गई.

राज्य से समय-समय पर कोरोना वायरस के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे लोगों और मरीजों के साथ मारपीट का मामला सामने आता रहा है.

इस बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमें यह ध्यान में रखना होगा कि हमारी लड़ाई बीमारी के खिलाफ है, बीमार के खिलाफ नहीं. ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां लोग संक्रमित व्यक्ति को अपने इलाके में नहीं आने देना चाहते हैं, मैं उनसे अपील करती हूं कि वे ऐसा न करें.

उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई ‘जीवन की लड़ाई’ है और लोगों को मरीजों का साथ देना चाहिए और जल्दी स्वस्थ होने में उनकी मदद करनी चाहिए.

उन्होंने आगे कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति कभी भी संक्रमित हो सकता है. इसलिए हमें एकजुट होकर वायरस के खिलाफ लड़ना है. मरीजों का इलाज करना हमारा कर्तव्य है और हम बेहतर तरीके से उनकी मदद करेंगे… यह जीवन की लड़ाई है.’

बता दें कि राज्य में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच मुख्यमंत्री ने यह स्वीकारा था कि यहां कुछ स्थानों पर कोरोना का सामुदायिक प्रसार हो रहा है.

इसके मद्देनज़र बीते  सोमवार को राज्य सरकार ने इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए राज्यभर में सप्ताह में दो दिन के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया.

पश्चिम बंगाल में बुधवार को कोविड-19 के रिकॉर्ड 2,291 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य में कुल मामले बढ़कर 49,321 हो गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में संक्रमण से अब तक 1,221 जानें जा चुकी हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)