यूपी: कथित आर्थिक संकट से परेशान युवक ने की आत्महत्या

मामला बांदा ज़िले के अतर्रा का है. पुलिस ने बताया कि मृतक की साइकिल पंक्चर बनाने की दुकान थी. बताया जा रहा है कि घर में पैसे को लेकर हुई कहासुनी के बाद क्षुब्ध युवक ने यह क़दम उठाया.

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(फोटो साभार: indiarailinfo)

मामला बांदा ज़िले के अतर्रा का है. पुलिस ने बताया कि मृतक की साइकिल पंक्चर बनाने की दुकान थी. बताया जा रहा है कि घर में पैसे को लेकर हुई कहासुनी के बाद क्षुब्ध युवक ने यह क़दम उठाया.

(फोटो साभार: indiarailinfo)
(फोटो साभार: indiarailinfo)

बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के अतर्रा कस्बे में कथित तौर पर आर्थिक संकट से परेशान एक युवक ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

अतर्रा थाने के प्रभारी निरीक्षक रवींद्र तिवारी ने गुरुवार को बताया कि कस्बे के मूसानगर में बुधवार को दीपू उर्फ रामफल (26) ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजन को सौंप दिया है.

अमर उजाला के मुताबिक, दीपू उर्फ रामफल ने बुधवार को सुबह छत पर जाकर धन्नी में रस्सी का फंदा गले में कस लिया. कुछ देर बाद छत पर पहुंची पत्नी ममता ने शव लटका देखा और घर के अन्य सदस्यों को घटना की जानकारी दी.

परिजनों ने बताया कि दीपू भूमिहीन होने के कारण घर में साइकिल पंक्चर की दुकान से परिवार का गुजर-बसर करता था. सुबह किसी बात पर पत्नी से कहासुनी हो गई थी. इसी से क्षुब्ध होकर उसने आत्महत्या कर ली.

थाना प्रभारी रवींद्र तिवारी ने बताया, ‘दीपू की साइकिल का पंक्चर बनाने की दुकान थी. प्रथमदृष्टया पैसे को लेकर पत्नी से कहासुनी होने की बात सामने आयी है. आर्थिक संकट आत्महत्या की वजह हो सकती है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.’

दीपू की पत्नी ममता ने बताया कि दो साल पूर्व उसकी शादी हुई थी और दुकान से घर का खर्च चलता था, उसने पति को बाजार से सब्जी लाने के लिए कहा था जिस पर पैसा न होने पर दोनों के बीच मामूली कहासुनी हुई थी.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगातार कोरोना वायरस और लॉकडाउन से बनी परिस्थितियों में आत्महत्या की खबरें आ रही हैं. बांदा जिले में लॉकडाउन के दौरान 22 से 23 लोगों के आत्महत्या करने की खबरें आ चुकी हैं.

बीते 18 जुलाई को बांदा जिले के इंगुआ गांव में बेरोजगारी से परेशान एक मजदूर ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. वह लॉकडाउन के दौरान मई महीने में गांव लौटे थे. गांव में कोई काम न मिलने से परेशान थे.

बीते दो जुलाई को मुजफ्फरनगर जिले में 48 वर्षीय ढाबा मालिक ने मंसूरपुर रेलवे स्टेशन के समीप एक ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी.

उनके परिवार ने बताया था कि वह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के दौरान अपना ढाबा बंद होने के कारण कथित तौर पर परेशान थे.

उधर, जिले के कुटेसरा गांव में एक नवविवाहिता ने शादी के दो दिन बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.  बीते 25 जून को बांदा और चित्रकूट जिलों अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली थी.

बीते 23 जून को बांदा जिले की नगर कोतवाली क्षेत्र के पडुई गांव में एक युवती ने अपने घर के शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

बीते 19 जून को बांदा जिले के चिल्ला ही महेड़ गांव में एक 17 वर्षीय लड़की ने घर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.

बीते पांच जून को मुज़फ्फरनगर जिले में लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से परेशान एक गन्ना किसान ने आत्महत्या की थी. उनकी पहचान 50 वर्षीय ओमपाल सिंह के रूप में हुई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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