उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में पत्रकार की गोली मारकर हत्या

मध्य प्रदेश के निवाड़ी ज़िले के पुतरीखेरा गांव का मामला. पुलिस ने हत्या की वजह ज़मीन का विवाद बताया है. 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में भी एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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मध्य प्रदेश के निवाड़ी ज़िले के पुतरीखेरा गांव का मामला. पुलिस ने हत्या की वजह ज़मीन का विवाद बताया है. 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में भी एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

Niwari

निवाड़ी: मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर पुतरीखेरा गांव में 22 जुलाई की शाम एक पत्रकार पर कुछ लोगों ने कथित तौर पर लाठियों से हमला किया और उसके बाद गोली मार दी, गंभीर हालत में अस्पताल में पत्रकार की मौत हो गई.

अनुविभागीय पुलिस अधिकारी बलराम सिंह परिहार ने बृहस्पतिवार को बताया कि पत्रकार सुनील तिवारी (35) हत्या मामले में अवधेश तिवारी, नरेंद्र तिवारी और अनिल तिवारी समेत सात लोगों के खिलाफ सेंदरी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि आरोपियों की सुनील से पुरानी रंजिश थी.

परिहार ने बताया कि 22 जुलाई की शाम सुनील निवाड़ी से अपने भाई आशीष के साथ मोटरसाइकिल से अपने गांव पुतरीखेरा जा रहे थे. तभी गांव से कुछ पहले आरोपियों ने उन पर लाठियों से हमला कर दिया और बाद में सुनील को गोली मार दी.

उन्होंने बताया कि हमले के बीच आशीष मौके से भागकर गांव आया और अपने परिजन को लेकर वापस घटनास्थल पर पहुंचा, जहां सुनील की हालत गंभीर थी.

उन्होंने बताया कि सुनील को झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.

परिहार ने बताया कि सुनील की आरोपियों के साथ पुरानी रंजिश थी.

बृहस्पतिवार को एडिशनल एसपी प्रतिभा त्रिपाठी ने बताया, ‘मैंने घटनास्थल का मुआयना किया है. प्राथमिक जांच में यह मामला जमीन को लेकर पुरानी रंजिश का लगता है. हमारे पास जमीन विवाद से संबंधित शिकायत पहुंची थी. हमने उसे लेकर कार्रवाई की थी.’

उल्लेखनीय है कि सुनील ने करीब दो माह पहले तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव को आवेदन देकर आरोपियों से जान का खतरा होने की बात कही थी. सुनील, ग्वालियर से प्रकाशित एक दैनिक अखबार के निवाड़ी जिले के प्रतिनिधि थे.

लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक सुनील तिवारी बाइक एजेंसी के मालिक थे. इसके अलावा एक दैनिक समाचार पत्र में पत्रकार भी थे.

सुनील के परिजनों ने आरोप लगाया कि सुनील ने क्षेत्र के कुछ दबंगों के कारनामे उजागर किए थे. इससे वह उससे रंजिश पाले हुए थे. इसकी जानकारी पहले भी सुनील ने निवाड़ी पुलिस व अफसरों की दी थी.

अमर उजाला के मुताबिक, जमीनी विवाद को लेकर सुनील तिवारी का गांव के कुछ लोगों से करीब दो साल से विवाद चल रहा था. पुलिस से लगातार शिकायत के बाद भी हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी.

उनको अपनी हत्या का भी डर था, इसे लेकर पुलिस से शिकायत की थी, कोई कार्रवाई न होने के बाद सुनील ने कई वीडियो बनाकर फेसुबक पर भी डाले थे.

भाई का आरोप है कि यदि पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करती तो उनके भाई की जान नहीं जाती. परिजनों का आरोप है कि पांच लाख रुपये की मांग भी की जा रही थी, जिसका जिक्र सुनील ने वीडियो में भी किया है. उनका यह भी आरोप है कि झूठे मुकदमे में भी फंसाने की तैयारी चल रही थी.

इधर सुनील की मौत के बाद मीडिया संगठनों ने सुनील की हत्या की निंदा करते हुए आक्रोश जताया.

पुलिस ने बताया कि वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए. पुलिस आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है.

बता दें कि ऐसी घटना उत्तर प्रदेश के ग़ाजियाबाद में 21 जुलाई को हुई थी. पत्रकार विक्रम जोशी को अपनी बेटियों के सामने कुछ बदमाशों ने गोली मार दी थी, इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मौत हो गई थी. जोशी ने भांजी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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