बिहारः कोरोना नेगेटिव होने पर भी अस्पताल ने नहीं किया भर्ती, डॉक्टर की पत्नी की मौत

मृतका पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर की पत्नी थीं. डॉक्टर का कहना है कि कोरोना टेस्ट नेगेटिव आने के बावजूद कई अस्पतालों ने उनकी पत्नी को भर्ती नहीं किया. उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को पत्र लिखकर निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की है.

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(फोटो: पीटीआई)

मृतका पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर की पत्नी थीं. डॉक्टर का कहना है कि कोरोना टेस्ट नेगेटिव आने के बावजूद कई अस्पतालों ने उनकी पत्नी को भर्ती नहीं किया. उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को पत्र लिखकर निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की है.

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(फोटो: पीटीआई)

पटना: राजधानी के पटना मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (पीएमसीएच) के डॉक्टर की पत्नी की समय पर इलाज न मिलने से मौत हो गई.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतका पीएमसीएच के ही डॉक्टर रंजीत सिन्हा की पत्नी थीं और मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर की मरीज थीं.

उनका कोरोना टेस्ट कराया गया था, जो निगेटिव आया था लेकिन इसके बाद भी किसी अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया और समय पर इलाज नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई.

इससे पहले उन्हें तबियत बिगड़ने पर कुर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए उन्हें दूसरे अस्पताल में जाने को कहा.

इसके बाद उन्हें पाटलिपुत्र के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी पत्नी का कोरोना टेस्ट किया गया और रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें ओपीडी में भर्ती किया गया, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा.

अपनी पत्नी की तबियत को लेकर चिंतित डॉक्टर बाद में उन्हें बेली रोड स्थित एक बड़े अस्पताल में ले गए, लेकिन एक घंटे तक पूछताछ के बाद भी किसी ने उन्हें भर्ती नहीं किया.

इसके बाद वह उन्हें आईजीआईसी ले जाया गया लेकिन वहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उन्हें अच्छे सेंटर ले जाने की सलाह दी लेकिन भर्ती नहीं किया.

अंत में वह एम्स पहुंचे लेकिन उनके अनुसार वहां भी उन्हें आधे घंटे रोककर रखा गया. इस बीच उनकी पत्नी की अस्पताल के गेट पर ही मौत हो गई.

पीड़ित डॉक्टर ने अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को पत्र लिखकर निजी अस्पतालों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है.

इससे पहले 23 जुलाई को मध्य प्रदेश के गुना के जिला अस्पताल में मरीज को कथित तौर पर इलाज के लिए 14 घंटे इंतजार करना पड़ा लेकिन समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई थी.

मरीज की पत्नी का आरोप था कि अस्पताल ने इलाज के लिए पर्ची बनवाने के लिए उनसे पैसे मांगे थे. पैसे न होने के कारण उनके पति को भर्ती नहीं किया गया और इलाज नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई.