असम: अखिल गोगोई की रिहाई और सीएए वापस लेने की मांग को लेकर पूरे राज्य में प्रदर्शन

बीते साल हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मामले में गिरफ़्तार हुए कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई गुवाहाटी जेल में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. मंगलवार को केएमएसएस ने उनकी रिहाई और सीएए को वापस लेने के लिए पूरे असम में प्रदर्शन किया है.

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(फोटो साभार: ट्विटर/केएमएसएस)

बीते साल हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मामले में गिरफ़्तार हुए कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई गुवाहाटी जेल में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. मंगलवार को केएमएसएस ने उनकी रिहाई और सीएए को वापस लेने के लिए पूरे असम में प्रदर्शन किया है.

Guwahati: Activists of Krishak Mukti Sangram Samiti (KMSS) adviser Akhil Gogoi and others raise slogans during a protest against the Citizenship Amendment Bill (CAB), in Guwahati, Thursday, Dec. 5, 2019. (PTI Photo)(PTI12_5_2019_000049B)
दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ गुवाहाटी में हुए एक प्रदर्शन में अखिल गोगोई. (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी: किसानों के संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने मंगलवार को अपने नेता अखिल गोगोई को रिहा करने और विवादित संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने की मांग करते हुए समूचे असम में प्रदर्शन किया.

संगठन के सदस्यों ने गुवाहाटी में निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया, जिस वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया. वहीं, अन्य स्थानों पर उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में मानव श्रृंखला और कलाकृतियां बनाई.

असम की राजधानी में केएमएसएस समर्थकों ने धारा-144 का उल्लंघन कर मानव श्रृंखला बनाई और नारेबाजी की तथा गोगोई की रिहाई और सीएए को वापस लेने की मांग की.

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद गोगोई का गुवाहाटी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में इलाज चल रहा है.

वह गुवाहाटी जेल में कैद रहने के दौरान संक्रमित हो गए थे. गोगोई पिछले साल सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप में जेल में हैं.

केएमएसएस अध्यक्ष राजू बोरा ने कहा कि समूह ने मंगलवार को सीएए के खिलाफ आंदोलन फिर से शुरू कर दिया है और कानून के वापस लिए जाने तक यह जारी रहेगा.

उन्होंने कहा, ‘इस बार विरोध अधिक एकजुट और शक्तिशाली होगा. भाजपा सरकार अखिल गोगोई से डरती है इसलिए उन्हें जेल में रखा है. वह गोगोई को जेल में रखकर लोगों की आवाज दबाना चाहती है.’

जोरहाट शहर में प्रदर्शन में कलाकार, छात्र, शिक्षाविद, वकील, पत्रकार और आम लोग शामिल हुए और गीत गाकर तथा कविता पाठ कर अपनी मांग रखी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में कुछ  प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उन्हें प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई थी इसलिए प्रतिबंध का उल्लंघन करने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया.’

प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को प्रदर्शित करने लिए रेखाचित्र बनाए. गोलाघाट जिले के डेरगांव, मोरापानी, बोकाखाट और कई अन्य स्थानों पर भी सांस्कृतिक रूप से विरोध हुआ.

वहीं, डिब्रूगढ़ में किसानों ने एक अनोखे तरीके से विरोध जताया. उन्होंने अपने खेतों में धान के पौधे रोपे. कुछ स्थानों पर लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई.

(फोटो साभार: ट्विटर/केएमएसएस)
(फोटो साभार: ट्विटर/केएमएसएस)

इसके अलावा बारपेटा के चेनिमारी क्षेत्र इलाके में जहां अभी विनाशकारी बाढ़ की स्थिति है लोगों ने स्वनिर्मित नौकाओं पर मानव श्रृंखला बना कर विरोध किया.

इसी तरह की विभिन्न कलात्मक अभिव्यक्तियों के साथ विरोध प्रदर्शन शिवसागर, चराइदेव, नागांव, मोरीगांव, धेमाजी, दर्रांग, तिनसुकिया सहित अन्य जिलों में देखा गया.

बराक घाटी के हैलाकांडी और कछार जिलों में भी गोगोई की रिहाई की मांग के लिए इसी तरह के प्रदर्शन हुए.

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान पिछले साल 12 दिसंबर को अखिल गोगोई को जोरहाट से गिरफ्तार किया गया था. इसके अगले दिन उनके तीन साथियों को हिरासत में लिया गया था.

13 दिसंबर को असम पुलिस ने उन पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया और 14 दिसंबर को मामला एनआईए के पास पहुंचा था. तब एजेंसी ने आरोप लगाया था कि ‘गोगोई और अन्यों ने प्रकट रूप से सरकार के खिलाफ नफरत और असहमति भड़काई है.’

उन पर भारतीय दंड संहिता और अवैध (गतिविधियां) रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

एनआईए ने एफआईआर में उन्हें ‘आतंकी गतिविधियों’ में लिप्त बताते हुए आरोप लगाया गया था कि ‘गोगोई और अन्यों ने संसद में पेश हुए नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के एक पैराग्राफ का इस्तेमाल विभिन्न समूहों को धर्म, जन्मस्थान, भाषा, निवास आदि के आधार पर भड़काने के लिए किया है, जो राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता को लेकर खतरा पैदा करता है.’

गोगोई को मार्च में जमानत मिली थी, लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया गया. बाद में गौहाटी हाईकोर्ट द्वारा इस पर स्टे लगा दिया गया था.

हालांकि गोगोई के तीन सहयोगियों- बिट्टू सोनोवाल, धैय्जा कोंवर और मानश कोंवर को अब एनआईए के मामले में जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया है.

असम पुलिस ने गोगोई के खिलाफ 12 मामले दायर किए हैं, जिसमें से उन्हें अब तक तीन में जमानत मिली है. गोगोई के खिलाफ माओवादियों से कथित संबंध रखने के आरोप में भी केस दर्ज किए गए हैं.

उनके वकील के अनुसार अखिल गोगोई के खिलाफ आईपीसी की धारा 144, 143, 148, 153, 153 (ए), 153 (बी) के साथ-साथ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम (पीडीपीपीए) की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)