बीते दो दिनों में पंजाब के तीन ज़िलों में नकली शराब पीने से हुई 40 से अधिक मौतों के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं आंध्र प्रदेश में शराब न मिलने पर सैनेटाइजर पीने से दस लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है.
चंडीगढ़: पंजाब के तीन जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 41 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राज्य के माझा क्षेत्र में बीते दो दिनों में पर पीने से कम से कम 41 लोगों की मौत हुई है.
शुक्रवार शाम तक अमृतसर में 11 मौतों की पुष्टि हुई है. अमृतसर के मुच्छल और टांगरा में गुरुवार को सात मौतें हुई थीं, वहीं शुक्रवार को चार लोगों की मौत हुई.
एक अन्य मामले में कथित तौर पर जहरीली शराब के सेवन से गुरदासपुर जिले के बाटला में 11 लोगों और तरनतारण में 19 लोगों ने जान गंवाई है. तरनतारण के एसडीएम ने बताया कि जिले में और छह लोगों की हालत गंभीर है.
राज्य के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है क्योंकि नकली शराब बनाने वालों का नेटवर्क कई क्षेत्रों में फैला हुआ है.
अमृतसर, बाटला और तरनतारण में बिना पोस्टमार्टम के कुछ मृतकों का अंतिम संस्कार होने के बाद सरकार ने निर्देश दिया है कि ऐसे किसी भी मामले में बगैर पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार न होने दिया जाए.
अमृतसर के एसएसपी (ग्रामीण) विक्रमजीत सिंह दुग्गल ने बताया कि तारसिक्का थाना के प्रभारी विक्रमजीत सिंह को निलंबित कर दिया गया है.
घटना पर विपक्षी आप ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है. शिरोमणि अकाली दल ने भी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग की है.
शुक्रवार को अभियान चलाते हुए पंजाब पुलिस ने अमृतसर, बटाला और तरन तारन में 40 जगहों पर छापेमारी की और शराब की तस्करी करने वाले आठ लोगों को पकड़ा.
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि अमृतसर के तारसिक्का के मुच्छल गांव में गुरुवार रात एक महिला को पकड़ा गया. डीजीपी ने कहा कि नकली शराब का नेटवर्क कई इलाकों तक फैला हुआ था इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद मामले में और गिरफ्तारी की संभावना है. गुप्ता ने कहा कि आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नकली शराब, ड्रम और भंडारित कैन बरामद किए गए और इन्हें जांच के लिए भेजा गया है.
शराब पीने से मृत भूपिंदर सिंह की मां शीला देवी ने बटाला में संवाददाताओं को बताया कि उनके बेटे ने हाथी गेट इलाके में एक दुकान से शराब खरीदी थी.
शराब पीने के कुछ ही घंटे बाद वह अचेत हो गया. बटाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी संजीव भल्ला ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले में जालंधर के संभागीय आयुक्त द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं.
I have ordered a magisterial enquiry into suspected spurious liquor deaths in Amritsar, Gurdaspur and Tarn Taran. Commissioner, Jalandhar Division will conduct the enquiry and coordinate with concerned SSPs and other officers. Anyone found guilty will not be spared.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) July 31, 2020
बयान में कहा गया कि जांच में गौर किया जाएगा कि किस परिस्थिति में और किन वजहों से ये मौतें हुई. संभागीय आयुक्त जालंधर के साथ ही पंजाब के संयुक्त आबकारी और कर आयुक्त तथा संबंधित जिलों के एसपी द्वारा जांच की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने संभागीय आयुक्त को त्वरित जांच के लिए प्रशासन या पुलिस के किसी भी अधिकारी या अन्य विशेषज्ञ का भी सहयोग लेने की छूट दी है.
शिरोमणि अकाली दल ने संभागीय आयुक्त स्तर की जांच को खारिज कर दिया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की.
आम आदमी पार्टी ने कहा कि मजिस्ट्रेटी जांच से काम नहीं चलेगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करती है.
आंध्र प्रदेश में शराब न मिलने पर सैनेटाइजर पिया, दस की मौत
अमरावती: आंध्र प्रदेश के प्रकासम जिले के एक गांव में शराब के विकल्प के रूप में कथित तौर पर सैनेटाइजर पीने में तीन भिखारियों सहित कम से कम दस लोगों की मौत हो गई.
प्रकासम जिले के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कौशल ने समाचार एजेंसी पीटीआई को फोन पर बताया कि कुरीचेंदू गांव के ये लोग बीते कुछ दिन से सैनेटाइजर को पानी और शीतल पेय में मिलाकर पी रहे थे.
कौशल ने गांव का दौरा किया. वहां लॉकडाउन बढ़ने के कारण शराब की दुकानें बंद हैं. उन्होंने बताया कि दो लोगों की गुरुवार रात को मौत हो गई और शेष आठ लोगों की शुक्रवार को मौत हुई.
उन्होंने कहा, ‘हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि कहीं सैनेटाइजर में कोई जहरीला पदार्थ को नहीं था. हमने सैनेटाइजर को रासायनिक जांच के लिए भेजा है.’
पुलिस ने बताया कि ये लोग शराब पीने के आदी थे और कुरीचेंदू में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन बढ़ने से शराब नहीं मिलने के कारण उन्होंने सैनेटाइजर को चुना, जिसमें कुछ नशीली सामग्री होती हैं.
मरने वालो में तीन भिखारी, रिक्शाचालक तथा अन्य लोग शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि गुरुवार रात को मंदिर के पास दो भिखारियों की मौत हो गई.
उनमें से एक घटनास्थल पर मृत पाया गया वहीं दूसरे की दार्सी कस्बे में एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई. तीसरे व्यक्ति को गुरुवार रात दार्सी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
उन्होंने बताया कि कुछ और लोग सैनेटाइजर पीने के बाद बीमार पड़ गए. उनका इलाज चल रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)