उत्तर प्रदेश में 12 ज़िलों के क़रीब 293 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें 67 पूरी तरह बाढ़ से घिरे हुए हैं. वहीं बहराइच के अपर जिलाधिकारी ने बताया कि नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण ज़िले के क़रीब 60 गांवों में बाढ़ अथवा जलभराव के हालात हैं.
बहराइच (यूपी): नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण बहराइच के अनेक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. उफनती घाघरा नदी में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई है.
अपर जिलाधिकारी जयचंद्र पांडे ने रविवार को बताया कि नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण जिले के करीब 60 गांवों में बाढ़ अथवा जलभराव के हालात हैं. प्रशासन अपनी ओर से बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने बताया कि घाघरा नदी तथा उससे जुड़ी नहरों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है.
बौंडी थानांतर्गत शुकलपुरवा में शनिवार दोपहर 16 वर्षीय परमेश घाघरा नदी के किनारे जानवरों को पानी पिला रहे थे. इस दौरान पैर फिसल जाने से वह गहरे पानी में डूब गए.
पांडे ने बताया कि इसी तरह कैसरगंज थानांतर्गत के बहरैचन पुरवा के संतोष उर्फ बबलू (14) तथा पासिनपुरवा के राम संवारे (35) की घाघरा नदी में डूबकर मौत हो गयी.
तीनों मृतकों के शवों को गोताखोरों की मदद से निकाल लिया गया है. पोस्टमॉर्टम तथा अन्य औपचारिकताएं पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं.
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (बाढ़) शोभित कुशवाहा ने आज बताया कि शारदा, गिरिजापुरी तथा सरयू बैराज से नदियों में आज 3.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इन तीनों स्थानों पर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है लेकिन एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
पिछले 24 घंटों में जलस्तर दो सेंटीमीटर बढ़ा है. बैराजों के साथ साथ 110 किलोमीटर लंबे तटबंधों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे निगरानी की जा रही है.
उपजिलाधिकारी पांडे ने बताया कि जिले की कैसरगंज, महसी तथा मिहींपुरवा तहसीलों के 61 गांवों की डेढ़ लाख से ज्यादा आबादी तथा 15,500 हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है. सात गांवों में हालात ज्यादा खराब हैं.
बाढ़ तथा कटान से अभी तक 131 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. राहत कार्यों के लिए 23 बाढ़ चौकियां और एक बाढ़ शरणालय बनाया गया है.
पांडे ने बताया कि एक मोटर नौका, 179 नाव, फ्लड पीएसी और एनडीआरएफ की एक- एक प्लाटून, 48 चिकित्सा टीम राहत कार्य में लग चुकी हैं. तैयारी पूरी है, यदि बाढ़ का संकट और गहराया तो राहत में कमी नहीं आने दी जाएगी.
बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को चिकित्सकीय सुविधा, पशु टीकाकरण, तिरपाल और भोजन पैकेट वितरित कर राहत पहुंचाई जा रही है.
प्रदेश के 12 जिलों के लगभग 293 गांव बाढ़ प्रभावित
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, राज्य के 12 जिलों के लगभग 293 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें 67 गांव पूरी तरह बाढ़ से घिरे हुए हैं.
राहत आयुक्त संजय गोयल ने कहा है कि बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, आजमगढ़, बस्ती, संतकबीरनगर, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर बाढ़ से प्रभावित हैं. शारदा नदी पलियां खीरी में, राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुर में, राप्ती नदी श्रावस्ती में तथा घाघरा नदी तुर्तीपार बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित बताए गए हैं.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 94 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं. इनमें 15 का संचालन हो रहा है लेकिन फिलहाल कोई रह नहीं रहा है.
इनके अनुसार, बाढ़ से सुरक्षा के लिए 465 नावें उपयोग में लाई जा रही हैं. 636 बाढ़ चौकी स्थापित की गई हैं. 14 पशु शिविर लगाए गए हैं व 151 मेडिकल टीमें लगी हुई हैं.
साथ ही, 3.65 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत किट और पशुओं के लिए 5 किलोग्राम प्रतिदिन के हिसाब से पशुचारा देने को राशि जारी की जा चुकी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)