राज्य के तीन ज़िलों में ज़हरीली शराब पीने से दम तोड़ चुके लोगों की संख्या 112 हो चुकी है, जबकि कइयों का इलाज चल रहा है. बीमार लोगों ने बताया कि उनकी आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है. वहीं पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें शव सौंपने में देर की जा रही है.
चंडीगढ़: पंजाब में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 112 हो गई.
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तरन तारण में 25 और मौत होने और अमृतसर में एक और मौत होने से कुल आंकड़ा बढ़कर 112 हो गया है.
राज्य में बुधवार रात से शुरू हुई त्रासदी के बाद अब तक तरन तारण में कुल 88 लोगों की मौत हुई हैं, जिनमें से छह का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है जबकि दो को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) शिफ्ट किया गया है.
जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों का कहना है कि जब से उन्होंने शराब पी है, तभी से उन्हें देखने में समस्या हो रही है.
अमृतसर के मुच्छल गांव की मादेपुर कॉलोनी के एक शख्स की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. उसका भाई भी अस्पताल में है और उसकी आंखों की रोशनी चली गई है.
बाटला से एक शख्स को जीएनडीएच में रेफर किया गया है, जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
तरन तारण के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने फोन पर बताया कि वहां क्षेत्र से मिली जानकारी के आधार पर प्रशासन मृतकों का आंकड़ा 75 बता रहा है क्योंकि बीते कुछ दिनों में मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजन द्वारा कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ तो पोस्टमॉर्टम कराने के लिए भी नहीं आए. अधिकारियों ने कहा कि कुछ परिवार तो अपने संबंधी की जहरीली शराब पीने से हुई मौत की रिपोर्ट दर्ज कराने भी आगे नहीं आ रहे हैं.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अपने परिवार के सदस्य की मौत की रिपोर्ट कराएं.
वहीं, शवों के पोस्टमार्टम में देरी की भी खबरें हैं. मुच्छल गांव के बलकार सिंह का कहना है कि उनके गांव के जोगा सिंह की शुक्रवार को मौत हुई थी लेकिन उसका रविवार को अंतिम संस्कार किया गया क्योंकि परिवार को ऑटोप्सी में देरी की वजह से शव मिलने के लिए दो दिन का इंतजार करना पड़ा .
उन्होंने कहा, ‘बाबा बालक सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स नहीं होने की वजह से रविवार को पोस्टमार्टम हो पाया.’
इसी तरह कादगिल गांव के साजन सिंह अपने पिता हरजिंदर सिंह के शव के लिए तीन दिनों तक तरन तारण अस्पताल के चक्कर लगाते रहे. उनका कहना है कि रविवार को पोस्टमार्टम होने के बाद उन्हें शव सौंपा गया.
तरन तारण अस्पताल के वरिष्ठ मेडिकल अधिकारी डॉ. रोहित मेहता का कहना है, ‘हमारी टीमें ऑटोप्सी का काम पूरा करने के लिए ओवरटाइम कर रही हैं. कल हमारी टीमों ने रात आठ बजे तक काम किया और 13 शवों का पोस्टमार्टम किया. हम आज अभी तक 10 ऑटोप्सी कर चुके हैं.’
बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले के सामने आने के बाद छह पुलिसकर्मियों के साथ सात आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया.
निलंबित अधिकारियों में दो उप पुलिस अधीक्षक और चार थाना प्रभारी शामिल हैं. इस बीच पुलिस ने राज्य में 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी कर अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है.
शराब पीने से बीमार हुए 50 वर्षीय तिलक राज ने बताया, ‘मैंने जबसे यह शराब पी, तब से मेरी तबीयत खराब हो गई और मैं ठीक से देख नहीं पा रहा था. अब थोड़ा ठीक हूं लेकिन देखने में अभी भी समस्या हो रही है. मैं 60 रुपये में यह शराब खरीदी थी.’
एक और बीमार शख्स 32 वर्षीय अजय कुमार का कहना था, ‘जबसे मैंने शराब पी मुझे कमजोरी महसूस हो रही है.’
कई लोगों ने बताया कि उन्होंने हाथी गेट के पास से शराब खरीदी थी. आरोप है कि खुलेआम जहरीली और नकली शराब बेची गई लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.
इस बीच, विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसकी वजह से लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर गरीब परिवारों के थे.
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने तरन तारण जाकर मृतकों के परिजन से मुलाकात की. मान ने इस मामले की मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)