शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर मांग की गई थी कि महामारी के समय में करोड़ों बुज़ुर्ग अकेले रहे हैं और इस बात के लिए उचित निर्देश जारी किए जाने चाहिए कि पात्र लोगों को समय पर पेंशन मिले.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बुजुर्ग लोगों को समय पर पेंशन दी जानी चाहिए और कोविड-19 महामारी के दौरान देश भर में वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोगों को पीपीई, सैनिटाइजर और मास्क प्रदान किए जाएं.
शीर्ष अदालत ने कहा कि बुजुर्ग लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं और प्रशासन को इस बात के लिए कदम उठाने चाहिए कि जहां उन्हें जरूरत हो, मदद पहुंचाई जाए.
न्यायालय ने कहा कि अधिकारियों को उन्हें समय पर पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए और वृद्धाश्रमों में रहने वालों को पीपीई किट दी जानी चाहिए.
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बुजुर्गों को समय से पेंशन का भुगतान किया जाना चाहिए.
इससे पहले, कुमार ने कहा कि महामारी के दौरान बजुर्गों को समय पर पेंशन मिलना जरूरी है.
उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि करोड़ों बुजुर्ग अकेले रहे हैं और इस बात के लिए उचित निर्देश जारी किए जाने चाहिए कि पात्र लोगों को समय पर पेंशन मिले.
केंद्र की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वी. मोहन ने पीठ से कहा कि राज्य सरकारें इस दिशा में प्रयास कर रही हैं.
मोहन ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए जब एक सप्ताह का समय मांगा तो कुमार ने विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जरूरत है.
लाइव लॉ के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा है कि वे वृद्धाश्रमों में देखभाल करने वाले लोगों को जरूरी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराएं.
जस्टिस भूषण ने कहा कि देखभाल करने वाले सभी लोगों को पीपीई पहनना चाहिए और कोविड-19 को लेकर जारी किए गए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए.
पीठ ने एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई की जिसमें कोरोना वायरस संक्रमित बुजुर्गों का उपचार बिना भेदभाव के करने का निर्देश देने की मांग की गयी है.
पीठ ने राज्यों को याचिका पर जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)