दिग्गज रंगकर्मी और एनएसडी के पूर्व निदेशक इब्राहिम अल्काज़ी का निधन

इब्राहिम अल्काज़ी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में सबसे लंबे समय तक निदेशक के पद पर रहे. उन्होंने कलाकारों की कई पीढ़ियों को अभिनय की बारीकियां सिखाईं. इन कलाकारों में नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी आदि शामिल हैं.

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इ​ब्राहिम अल्काज़ी. (फोटो साभार: ट्विटर/@nsd_india)

इब्राहिम अल्काज़ी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में सबसे लंबे समय तक निदेशक के पद पर रहे. उन्होंने कलाकारों की कई पीढ़ियों को अभिनय की बारीकियां सिखाईं. इन कलाकारों में नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी आदि शामिल हैं.

इब्राहिम अल्काज़ी. (फोटो साभार: ट्विटर/@nsd_india)
इब्राहिम अल्काज़ी. (फोटो साभार: ट्विटर/@nsd_india)

नई दिल्ली: रंगमंच की दिग्गज हस्ती और विख्यात शिक्षक इब्राहिम अल्काज़ी का मंगलवार दोपहर को निधन हो गया. वह 94 साल के थे.

अल्काज़ी के बेटे ने बताया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था.

अल्काज़ी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में सबसे लंबे समय तक निदेशक के पद पर रहे. उन्होंने गिरीश कर्नाड के ‘तुगलक’, धर्मवीर भारती के ‘अंधायुग’ जैसे लोकप्रिय नाटकों का निर्माण किया.

उन्होंने कलाकारों की कई पीढ़ियों को अभिनय की बारीकियां सिखाईं. इन कलाकारों में नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी आदि शामिल हैं.

एनएसडी में उन्होंने विजय मेहता, ओम शिवपुरी, बलराज पंडित, मनोहर सिंह, उत्तरा बोकर, ज्योति सुभाष, सुहास जोशी, बी. जयश्री, जयदेव और जयदेव और रोहिणी हथंगड़ी जैसे कलाकारों के प्रशिक्षण में सहयोग दिया था.

उनके बेटे फैसल अल्काज़ी ने बताया, ‘एक जबरदस्त दिल के दौरे के बाद आज (मंगलवार) 2:45 बजे पर पापा का निधन हो गया. उन्हें परसों (दो अगस्त) एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती किया गया था.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अल्काज़ी को भारतीय रंगमंच में क्रांतिकारी बदलाव लाने का श्रेय दिया जाता है. मुंबई में 1940 से 1950 के दशक के बीच वह रंगमंच के सबसे प्रमुख कलाकारों में से एक थे.

हालांकि 37 साल की उम्र में वह दिल्ली वापस लौट गए और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के निदेशक पद पर 15 साल (1962 से 1977) तक रहे है. बतौर निदेशक यह इस संस्थान के इतिहास का सबसे लंबा कार्यकाल है.

उनका जन्म 18 अक्टूबर 1925 को महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था.

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने आधुनिक भारतीय रंगमंच के लिए पाठ्यक्रम को आकार दिया था.

50 साल की उम्र में अल्काज़ी ने एनएसडी और थियेटर से इस्तीफा दे दिया और नई दिल्ली में ही पत्नी रोशन अल्काज़ी के साथ मिलकर आर्ट हैरिटेज गैलरी की शुरुआत की.

उनके निधन पर एनएसडी के प्रभारी निदेशक सुरेश शर्मा ने कहा, ‘विख्यात रंगकर्मी इब्राहिम अलकाज़ी के निधन की खबर बेहद दुखद है. एनएसडी के निदेशक के तौर पर उन्होंने रंगमंच की समृद्धि में अभूतपूर्व योगदान दिया. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे.’

रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब मूल के धनाढ्य पिता और कुवैती मूल की मां के नौ बच्चों में से एक अल्काज़ी का बचपन पुणे में बीता था. विभाजन के बाद उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया था, लेकिन अल्काज़ी ने भारत में ही रहने का निर्णय किया.

फाइन आर्ट और थियेटर में रुचि रखने वाले मुंबई के सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज में पढ़े अल्काज़ी ने सुल्तान बॉबी पद्मसी थियेटर ग्रुप जॉइन किया था.

हालांकि 1940 के दशक में रंगमंच की शिक्षा के लिए वे लंदन चले गए थे और रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट्स में शामिल हो गए थे.

साल 1966 में उन्हें पद्मश्री, 1991 में पद्म भूषण और साल 2010 में उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था. उन्होंने दो बार संगीत नाटक अकादमी सम्मान से भी नवाजा गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)