भीमा-कोरेगांव: डीयू प्रोफेसर हेनी बाबू की एनआईए हिरासत सात अगस्त तक बढ़ाई गई

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को अदालत ने चार अगस्त को सात दिनों की हिरासत में भेजा था. एनआईए ने उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा कि उनके ईमेल और सोशल मीडिया की पड़ताल करने की ज़रूरत है.

मुंबई में एनआईए अधिकारियों के साथ प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को अदालत ने चार अगस्त को सात दिनों की हिरासत में भेजा था. एनआईए ने उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा कि उनके ईमेल और सोशल मीडिया की पड़ताल करने की ज़रूरत है.

मुंबई में एनआईए अधिकारियों के साथ प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी. (फोटो: पीटीआई)
मुंबई में एनआईए अधिकारियों के साथ प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: एलगार परिषद मामले के सिलसिले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू की एनआईए हिरासत मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत ने सात अगस्त तक बढ़ा दी.

डीयू के अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी (54) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मामले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था.

एनआईए ने दलील दी है कि आरोपी के भाकपा (माओवादी) से संबंध हैं.

विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते उन्हें चार अगस्त तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया था. मंगलवार को उनकी हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें यहां अदालत में पेश किया गया.

एनआईए ने उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा कि करीब सवा लाख मेल उनके ईमेल एकाउंट से बरामद हुए हैं और उनकी पड़ताल करने की जरूरत है.

जांच जऐंसी ने कहा कि उनके सोशल मीडिया एकाउंट की भी पड़ताल करने की जरूरत है, जिनका इस्तेमाल वह अन्य आरोपियों, संदिग्धों और भाकपा (माओवादी) समर्थकों से पत्राचार करते थे.

एनआईए ने कहा कि जांच से यह खुलासा हुआ है कि हेनी बाबू अन्य गिरफ्तार आरोपियों के संपर्क में थे और वे लोग जेल से रिहा हुए माओवादियों के लिए धन जुटाने में शामिल थे. इस सिलसिले में आगे की जांच जारी है.

एनआईए ने कहा कि जांच के दौरान यह प्रकाश में आया है कि आरोपियों ने एक साजिश रची थी, जिन्होंने विभिन्न जाति समूहों के बीच बैर को बढ़ाया था. इसके चलते हिंसा हुई, लोगों की जान गई और राज्यव्यापी आंदोलन हुआ.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हेनी बाबू के वकील सुज़ैन अब्राहम ने एनआईए की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह जांच एजेंसी द्वारा पेश होने के लिए नोटिस देने पर अपनी मर्जी से मुंबई आए थे और उनसे पांच दिनों तक पूछताछ की गई थी. लेकिन अदालत ने उनकी दलील को अस्वीकार कर दिया.

एनआईए ने हेनी बाबू की हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि एक व्यक्ति हेनी बाबू मणिपुर के प्रतिबंधित संगठन से जुड़े होने का दावा किया है. कंगलिपक कम्युनिस्ट पार्टी ने बाबू के साथ सीपीआई (माओवादी) के महासचिव गणपति का एक साक्षात्कार साझा किया है.

जांच एजेंसी की दलील सुनने के बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश आरआर भोंसले ने आरोपी को और तीन दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया.

मालूम हो कि बीते रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) हेनी बाबू की पत्नी डॉ. जेनी रोवेना के घर पर छापामारी की थी.

रोवेना ने बताया था कि कहा कि एनआईए के अधिकारियों ने कहा था कि यह सबूत इकट्ठा करने की प्रक्रिया का हिस्सा है और वे जीएन साईबाबा डिफेंस कमेटी से जुड़े कुछ हार्ड डिस्क और अन्य सामान उठाकर ले गए.

उन्होंने बताया था कि एनआईए ने जो दस्तावेज जब्त किए हैं वे सभी जीएन साईबाबा डिफेंस कमेटी से जुड़े हुए हैं. ये सभी दस्तावेज सार्वजनिक हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर साईंबाबा के समर्थन में आयोजित कई सार्वजनिक प्रदर्शनों और चर्चा के दौरान इन्हें वितरित किया गया है.

बता दें कि इससे पहले इस मामले के संबंध में पुणे पुलिस ने सितंबर 2019 में उनके नोएडा स्थित घर पर छापेमारी की थी. उसकी किताबें, लैपटॉप, फोन और हार्ड डिस्क जब्त कर ली थी.

यह मामला पुणे में 31 दिसंबर 2017 को एलगार परिषद में कथित भड़काऊ भाषण देने से संबद्ध है. पुणे के ऐतिहासिक शनिवारवाड़ा में 31 दिसंबर, 2017 को कोरेगांव भीमा युद्ध की 200वीं वर्षगांठ से पहले एल्गार सम्मेलन आयोजित किया गया था.

पुलिस का दावा है कि इन भाषणों के चलते अगले दिन भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई.

एनआईए ने इसी साल 24 जनवरी में इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली और अप्रैल में आनंद तेलतुम्बडे और सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया.

पुणे पुलिस ने इस मामले में नवंबर 2018 और फरवरी 2019 में क्रमश: आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था.

एनआईए ने इसी साल 24 जनवरी को मामले की जांच अपने हाथ में ली है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)