भीमा-कोरेगांव: एनआईए ने सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी से की पूछताछ

सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी से भीमा-कोरेगांव मामले में पहले भी पूछताछ की जा चुकी है. दिसंबर 2019 में मामले की जांच के संबंध में रांची स्थित उनके घर पर छापा मारकर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और इंटरनेट मॉडेम ज़ब्त किया गया था.

फादर स्टेन स्वामी. (फोटो: पीटीआई)

सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी से भीमा-कोरेगांव मामले में पहले भी पूछताछ की जा चुकी है. दिसंबर 2019 में मामले की जांच के संबंध में रांची स्थित उनके घर पर छापा मारकर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और इंटरनेट मॉडेम ज़ब्त किया गया था.

फादर स्टेन स्वामी. (फोटो: पीटीआई)
फादर स्टेन स्वामी. (फोटो: पीटीआई)

 

नई दिल्ली: एनआईए ने भीमा-कोरेगांव मामले में सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी से बृहस्पतिवार को उनके आवास में पूछताछ की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए की टीम रांची के नामकुन क्षेत्र स्थित उनके आवास पर पहुंची और उनसे करीब दो घंटे पूछताछ की.

बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता और विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के संस्थापक सदस्य फादर स्टेन स्वामी से इस मामले में पहले भी पूछताछ की जा चुकी है. दिसंबर 2019 में भीमा-कोरेगांव मामले की जांच के संबंध में रांची स्थित घर पर छापा मारकर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और इंटरनेट मॉडेम जब्त कर लिया गया था.

उससे पहले साल 28 अगस्त, 2018 को भी महाराष्ट्र पुलिस ने स्टेन स्वामी के कमरे की तलाशी ली थी.

एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि मामला 31 दिसंबर, 2017 को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम से संबंधित है जिसे पुणे में शनिवारवाड़ा में कबीर कला मंच ने आयोजित किया था.

पुलिस का कहना है कि इस सभा में कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए गए थे. इससे विभिन्न जाति समूहों के बीच तनाव के बाद हिंसा हुई थी और जानमाल का नुकसान हुआ था. साथ ही महाराष्ट्र में राज्यव्यापी प्रदर्शन हुए थे.

स्टेन स्वामी झारखंड के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वे कई वर्षों से राज्य के आदिवासी व अन्य वंचित समूहों के लिए काम रहे हैं. उन्होंने विशेष रूप से विस्थापन, संसाधनों की कंपनियों द्वारा लूट, विचाराधीन कैदियों व पेसा कानून पर काम किया है.

स्टेन ने समय-समय पर सरकार की भूमि अधिग्रहण कानूनों में संशोधन करने के प्रयासों की आलोचना की है. इसके साथ ही वे वन अधिकार अधिनियम, पेसा व संबंधित कानूनों के समर्थक हैं.

इससे पहले पिछले साल जुलाई में झारखंड की खूंटी पुलिस ने पत्थलगड़ी आंदोलन मामले में फादर स्टेन स्वामी, कांग्रेस के पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो समेत 20 अन्य लोगों पर राजद्रोह का केस दर्ज किया था.

मालूम हो कि बीते 28 जुलाई को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को एनआईए ने गिरफ़्तार कर लिया था. उसके बाद दो अगस्त को उनकी पत्नी डॉ. जेनी रोवेना के घर पर छापा मारा था और जीएन साईबाबा डिफेंस कमेटी से जुड़े कुछ हार्ड डिस्क और अन्य सामान उठाकर ले गए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)