हड़ताल में शामिल संगठन ट्रांसपोर्ट कारोबार पर कोविड-19 की मार का हवाला देते हुए मांग कर रहे हैं कि डीज़ल पर वैट घटाया जाए और इस वित्त वर्ष की दो तिमाहियों रोड टैक्स और जीएसटी में छूट दी जाए. साथ ही राज्य सरकार द्वारा ट्रक चालकों का कोविड-19 का बीमा कराया जाए.
इंदौर: ट्रांसपोर्टरों के एक प्रमुख संगठन ने सोमवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश में उसकी हड़ताल के पहले दिन राज्य में 2,000 करोड़ रुपये का कारोबार थम गया और इससे सरकारी खजाने को लगभग 400 करोड़ रुपये के कर राजस्व की हानि हुई.
हड़ताल में शामिल संगठन ट्रांसपोर्ट कारोबार पर कोविड-19 की मार का हवाला देते हुए सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं.
उनका कहना है कि डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) घटाया जाए और इस वित्त वर्ष की दो तिमाहियों (अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर) में पथ कर (रोड टैक्स) और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट दी जाए.
संगठनों की यह मांग भी है कि राज्य सरकार द्वारा ट्रक चालकों का कोविड-19 का बीमा कराया जाए.
हड़ताल में शामिल संगठनों के अगुवा ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के उपाध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) विजय कालरा ने कहा, ‘हमारे तीन दिवसीय लॉकडाउन (हड़ताल) के पहले दिन प्रदेश में करीब 6.5 लाख वाणिज्यिक वाहनों का चक्का थम गया. इनमें ट्रक और छोटी वाणिज्यिक गाड़ियां शामिल हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इस लॉकडाउन के पहले दिन अलग-अलग उत्पादों का 2,000 करोड़ रुपये का कारोबार ठप रहा, जिससे सरकार को लगभग 400 करोड़ रुपये के कर राजस्व की हानि हुई.’
इस बीच, राज्य की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई.
Truckers start their Crusade Against Corruption frm Madhya Pradesh in their quest for Corruption Free India – A cherished dream of @narendramodi JI. @PMOIndia @ChouhanShivraj @CMMadhyaPradesh must intervene to avoid its escalation pan India.
KULTARAN SINGH ATWAL
PRESIDENT, AIMTC— ALL INDIA MOTOR TRANSPORT CONGRESS (@aimtc1936) August 10, 2020
दैनिक भास्कर के मुताबिक तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन मंडीदीप, गोविंदपुरा, बीएचईएल समेत विभिन्न उद्योगों को भेजे जाने वाले कच्चे सामान की आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई.
हड़ताल के चलते भोपाल जिले के 70 हजार संभाग के सवा लाख और प्रदेशभर में सात लाख से ज्यादा ट्रकों व मालवाहक वाहनों के पहिए थमे रहे. भोपाल के ट्रांसपोर्ट नगर, इतवारा, बुधवारा आदि स्थानों पर ट्रक व मालवाहक वाहनों को खड़े कर ट्रांसपोर्टरों ने मांगों के समर्थन में नारेबाजी की.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय शर्मा के मुताबिक, कश्मीर से कन्याकुमारी जाना हो या दिल्ली से मुंबई या दक्षिण भारत, 80 फीसदी गाड़ियों को मध्य प्रदेश से होकर गुजरना पड़ता है. रोज 35 हजार से ज्यादा गाड़ियां प्रदेश के विभिन्न स्थानों से गुजरती हैं. इसके अलावा यहां पर दस लाख परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस कारोबार से जुड़े हैं.
हालांकि, कारोबारियों के संगठन अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा, ‘चूंकि ट्रांसपोर्टरों ने अपनी हड़ताल की घोषणा कुछ दिन पहले ही कर दी थी. इसके मद्देनजर व्यापारियों ने पर्याप्त माल का स्टॉक पहले ही कर लिया था. वैसे हम ट्रांसपोर्टरों की मांगों का समर्थन करते हैं.’
कांग्रेस उनकी माँगो का समर्थन करती है और हम सरकार से माँग करते है कि जनहित में उनकी माँगो को तत्काल मान कर उन्हें राहत प्रदान की जावे।
3/3— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 10, 2020
वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्रांसपोर्ट संगठनों की हड़ताल को समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस उनकी मांगों का समर्थन करती है और हम सरकार से मांग करते है कि जनहित में उनकी मांगों को तत्काल मान कर उन्हें राहत प्रदान की जाए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)