राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंज़ूरी, रेलवे-बैंक और एसएससी की होगी एक ही परीक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई. अभी इसके दायरे में रेलवे भर्ती, बैंकों की भर्ती और एसएससी आएंगे और परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होगा.

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कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और जितेंद्र सिंह. (फोटो साभार: पीआईबी)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई. अभी इसके दायरे में रेलवे भर्ती, बैंकों की भर्ती और एसएससी आएंगे और परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होगा.

कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और जितेंद्र सिंह. (फोटो साभार: पीआईबी)
कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और जितेंद्र सिंह. (फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया. केंद्र सरकार ने सबसे पहले इसका प्रस्ताव साल 2020 के बजट में किया था.

बैठक के बाद सूचना एव प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया, ‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिए कई अलग अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं. ऐसी परीक्षाओं के लिए अभी लगभग 20 भर्ती एजेंसियां हैं और परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है.’

उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी. इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिए ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आएंगी.

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एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) आएंगे.

उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे. परीक्षा आयोजित करने के लिए हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जाएगा.

सचिव सी. चंद्रमौली ने कहा कि सरकारी भर्ती परीक्षाओं में विभिन्न कार्यक्रम, आवेदन प्रक्रिया और शुल्क होते थे, जिनसे कई तरह की चुनौतियां पैदा होती थीं. इन चुनौतियों को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना का निर्णय लिया गया है.

द मिंट के अनुसार, ग्रुप बी और ग्रुप सी के सभी गैर-राजपत्रित पदों के लिए एकल प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी. सीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी उच्च स्तरीय परीक्षाओं के लिए किसी भी भर्ती एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी. कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के माध्यम से यह कई परीक्षणों को समाप्त कर देगा और कीमती समय और संसाधनों को भी बचाएगा. इससे पारदर्शिता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)