राजकुमार इमो सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद हैं. उन्होंने हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार के लिए मतदान किया था. वह सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.
इम्फाल: मणिपुर में कांग्रेस के विधायक राजकुमार इमो सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से बृहस्पतिवार को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. राज्य इकाई के सूत्रों ने यह जानकारी दी.
निष्कासन का यह आदेश मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के महासचिव (प्रशासन) हरेश्वर गोस्वामी द्वारा जारी किया गया है. यह फैसला राज्य कांग्रेस की अनुशासन समिति की सिफारिश के आधार पर लिया गया है.
आदेश में कहा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए तत्काल प्रभाव से राजकुमार इमो सिंह की कांग्रेस की सदस्यता समाप्त की जाती है.
मणिपुर कांग्रेस के प्रवक्ता निंगोबम बुपेन्दा मेइतेई ने ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने विधायक राजकुमार इमो सिंह को गतिविधियों में शामिल होने के लिए पार्टी से निकाल दिया और छह साल के लिए उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी गई है. मणिपुर के पीसीसी अध्यक्ष एम. ओकेन्द्रो ने विधायक को निष्कासित कर दिया क्योंकि विधायक राजकुमार कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल होकर भाजपा सरकार का समर्थन कर रहे थे.’
Congress party has expelled MLA RK Imo from the party and its primary membership for 6 years for anti-party activities. The PCC President of Manipur Shri M. Okendro has expelled the MLA, as the MLA was supporting BJP Govt. by involving in anti-Congress moves. pic.twitter.com/TS0vv2wnm3
— Ningombam Bupenda Meitei (@BupendaMeitei) August 20, 2020
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राजकुमार इमो सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद हैं. उन्होंने हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार के लिए मतदान किया था. वह सागोलबंद विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.
राजकुमार राज्य कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय आरके जयचंद्र सिंह के पुत्र हैं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री थे और मणिपुर के मुख्यमंत्री भी रहे थे.
राजकुमार ने एक अन्य पार्टी विधायक के साथ हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार महाराजा लीसम्बा संजाओबा को वोट दिया था, हालांकि चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार भी था. चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई थी.
राजकुमार पिछले रविवार को कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों के साथ मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और भाजपा नेतृत्व से मिलने पहुंचे थे. उनमें से पांच विधायक 19 अगस्त को भाजपा में शामिल हो गए थे.
भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व विधायकों में राज्य के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के भतीजे ओकराम हेनरी भी शामिल हैं.
मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सामने बीते 17 जून को उस समय राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था, जब छह विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया था, जबकि भाजपा के तीन विधायक पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
बीते 10 अगस्त को भाजपा-नीत सरकार ने राज्य विधानसभा में 16 के मुकाबले 28 वोट से विश्वास मत जीता था. कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी ह्विप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था.
विश्वास मत से पहले इबोबी सिंह द्वारा बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में केवल 13 विधायक पहुंचे थे. इसके फौरन बाद मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के छह पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था.
बीरेन सिंह की जीत लगभग तय मानी जा रही थी लेकिन कांग्रेस के आठ विधायकों के अनुपस्थित रहने से उनका रास्ता और आसान हो गया. मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)