कोरोना वायरस की वजह से नीट और जेईई स्थगित करने से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट ख़ारिज कर चुका है. इस बीच, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने परीक्षा केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की जानकारी देते हुए कहा है कि छात्रों के करिअर का ध्यान रखते हुए ऐतिहासिक रूप से निर्णय लिए जा रहे हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) और जेईई (जॉएंट एंट्रेंस एक्जाम) स्थगित करने की मांग का समर्थन करते हुए विपक्ष शासित प्रदेशों के सात मुख्यमंत्रियों ने बीते बुधवार को फैसला किया कि वे इस मुद्दे पर संयुक्त रूप से उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.
हालांकि कोविड-19 की वजह से परीक्षा स्थगित करने का निर्देश देने के लिए दायर याचिका को बीते 17 अगस्त को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था.
विभिन्न राज्यों के 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि कोरोना के मद्देनजर इन्हें रद्द किया जाना चाहिए. अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसा करने से छात्रों का करिअर संकट में पड़ जाएगा.
द्रमुक और आम आदमी पार्टी ने भी कोरोना संकट के समय इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग का समर्थन किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए.
हालांकि झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर परीक्षाओं को टालने की मांग करनी चाहिए.
Professional examinations like NEET & JEE can be done online & I think GOI should agree, its happened in the past & it’s happening all over the world, why can’t it happen here?: @capt_amarinder pic.twitter.com/xP8l0Px4pz
— Congress (@INCIndia) August 27, 2020
जीएसटी के मुआवजे की मांग से जुड़े मुद्दे पर हुई इस बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि सभी राज्य सरकारों से आग्रह है कि हालात के सामान्य होने तक इन परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय में जाना चाहिए.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि सितंबर में कोरोना वायरस के मामले और बढ़ सकते हैं, ऐसी स्थिति में परीक्षाएं कैसे कराई जा सकती हैं?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि आज कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है और संकट बढ़ गया है तो परीक्षाएं कैसे ली जा सकती हैं?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की पैरवी की और केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ न्यायालय का रुख करने के विचार से सहमति जताई.
उधर, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए केंद्र सरकार से छात्रों के चयन के लिए वैकल्पिक पद्धति पर काम करने का अनुरोध किया.
सिसोदिया ने कहा, ‘तमाम एहतियाती कदम उठाने के बावजूद बहुत सारे शीर्ष नेता संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में हम 28 लाख छात्रों को परीक्षा केंद्र भेजने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे इसकी चपेट में नहीं आएंगे.’
द्रमुक के मुखिया एमके स्टालिन ने इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग करते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार को इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए.
Now with the directive of @EduMinOfIndia to conduct NEET, JEE 2020 in Sep, I would again appeal to the Centre to assess the risk and postpone these examinations until the situation is conducive again. It is our duty to ensure a safe environment for all our students. (2/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 24, 2020
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बीते मंगलवार को कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) तय कार्यक्रम के अनुसार सितंबर में ही आयोजित की जाएंगी.
गुरुवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘जेईई के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 660 से 570 कर दी गई है, जबकि नीट के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 2,546 से 3,842 कर दी गई है. छात्रों को उनके पसंद के परीक्षा केंद्र आवंटित कर दिए गए हैं.’
एक ट्वीट में उन्होंने कहा है, ‘छात्रों के करिअर का ध्यान रखते हुए ऐतिहासिक रूप से निर्णय लिए जा रहे हैं.’
Please check my views on JEE and NEET examinations. Decisions are being taken holistically, keeping the career of students in mind. https://t.co/tt25bRzM43
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) August 27, 2020
इस बीच मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन्स के लिए 14 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए हैं जिसकी परीक्षा सितंबर में निर्धारित है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने बीते बुधवार को दोपहर 12 बजे नीट के लिए प्रवेश पत्र जारी किए, जबकि कोविड-19 के मद्देनजर नीट और जेईई मेन्स परीक्षा को स्थगित करने की विभिन्न वर्गों द्वारा मांग की जा रही है.
एनटीए के अधिकारियों ने दावा कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि 99 प्रतिशत उम्मीदवारों को उनकी प्रथम पसंद के परीक्षा केंद्र वाले शहर आवंटित किए जाएं.
इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या जेईई एक से छह सितंबर के बीच होगी जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) 13 सितंबर को कराने की योजना है. नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है.
बीते बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि जेईई मेन्स के लिये 8.58 लाख में से 7.41 लाख उम्मीदवारों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिया है.
कुल 332 उम्मीदवारों ने परीक्षा केंद्र बदलने का आग्रह किया और उस पर सकारात्मक ढंग से विचार किया जा रहा है.
कोविड-19 महामारी के कारण इन प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग बढ़ रही है. हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने जोर दिया है कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही सितंबर में होंगी.
@PIBHRD pic.twitter.com/fqNw0syEua
— National Testing Agency (@DG_NTA) August 25, 2020
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सितंबर में होने जा रही मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं (नीट और जेईई) के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने, एक सीट छोड़कर बैठाने, प्रत्येक कमरे में कम उम्मीदवारों को बैठाने और प्रवेश-निकास की अलग व्यवस्था जैसे कदम उठाएगी.
एनटीए ने बीते मंगलवार को अपने बयान में कहा था, ‘जेईई के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 की गई है जबकि नीट अब 2,546 केंद्रों के बजाय 3,843 केंद्रों पर होगी. जेईई कंप्यूटर आधारित परीक्षा है जबकि नीट पारंपरिक तरीके से कलम और कागज पर होती है.’
बयान में कहा गया, ‘इसके अलावा जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए पालियों की संख्या आठ से बढ़ाकर 12 कर दी गई है और प्रत्येक पाली में विद्यार्थियों की संख्या अब 1.32 लाख से घटकर 85,000 हो गई है.’
इसमें कहा गया, ‘सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जेईई-मुख्य परीक्षा में छात्रों को परीक्षा कक्ष में एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा, जबकि नीट में एक कमरे में विद्यार्थियों की संख्या 24 से घटाकर 12 कर दी गई है.’
वहीं, परीक्षा कक्ष के बाहर सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों का विशेष प्रवेश एवं निकास होगा. उम्मीदवारों को भी उपयुक्त सामाजिक दूरी बनाए रखने सहित अन्य परामर्श जारी किए गए हैं.
It’s deeply unfair that students of India are asked to sit national exams during the Covid-19 pandemic and while millions have also been impacted by the extreme floods. I stand with their call to #PostponeJEE_NEETinCOVID
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) August 25, 2020
गौरतलब है कि परीक्षार्थियों और उनके माता-पिता ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से परीक्षा स्थगित करने की मांग की है.
बीते मंगलवार को स्वीडन की जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी इस मुद्दे पर कहा था कि यह उचित नहीं है कि भारत के छात्रों को कोविड-19 महामारी के दौरान राष्ट्रीय परीक्षा देना पड़ रही है और जब लाखों लोग बाढ़ से भी प्रभावित है.
उन्होंने कहा, ‘मैं कोविड के दौरान जेईई-नीट परीक्षा टालने के आह्वान का समर्थन करती हूं.’
ये परीक्षाएं कोरोना महामारी की वजह से इस साल दो बार स्थगित हो चुके हैं. हालांकि, छात्र एक बार फिर परीक्षाओं को टालने की मांग कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)