सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने अपने कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ के ट्रेलर में ‘नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र का बड़ा खुलासा’ करने का दावा किया है.
नई दिल्ली: समाचार चैनल सुदर्शन न्यूज ने गुरुवार को 28 अगस्त को प्रसारित होने वाले अपने एक शो का ट्रेलर जारी किया है.
इसमें चैनल के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके ‘नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र का बड़ा खुलासा’ करने का दावा कर रहे हैं.
ट्रेलर सामने आने के बाद से ही इसे लेकर चौतरफा आलोचना शुरू हो गई है और कार्यक्रम का लहजा सांप्रदायिक होने के कारण इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है.
इस बीच भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) संगठन ने भी इसकी निंदा की है और इसे सांप्रदायिक एवं गैर-जिम्मेदाराना बताया है.
A news story targeting candidates in civil services on the basis of religion is being promoted by Sudarshan TV.
We condemn the communal and irresponsible piece of journalism.
— IPS Association (@IPS_Association) August 27, 2020
संगठन ने ट्वीट कर कहा, ‘सुदर्शन टीवी पर एक न्यूज स्टोरी में धर्म के आधार पर सिविल सेवा के कर्मचारियों को टारगेट किया जा रहा है. हम इस तरह के सांप्रदायिक और गैर जिम्मेदाराना पत्रकारिता की निंदा करते हैं.’
इसके अलावा एक स्वतंत्र थिंक टैंक इंडियन पुलिस फाउंडेशन ने भी ट्रेलर की टोन के खिलाफ ट्वीट किया है और इसे ‘नफरत फैलाने’ तथा ‘कट्टरता का उदाहरण’ बताया है.
The hate story carried on a Noida TV channel against minority candidates joining IAS /IPS is dangerous bigotry. We refrain from retweeting it because it is pure venom. We hope #NewsBroadcastingStandardsAuthority, #UPPolice and concerned government authorities take strict action.
— Indian Police Foundation (@IPF_ORG) August 27, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘आईएएस/आईपीएस में शामिल होने वाले अल्पसंख्यक व्यक्तियों के खिलाफ नोएडा के टीवी चैनल पर चलाई जा रही हेट स्टोरी खतरनाक कट्टरता है. हम इसे रीट्वीट नहीं कर रहे हैं क्योंकि यह पूर्णतया जहर है. हमें उम्मीद है कि न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी, यूपी पुलिस और संबंधित सरकारी अथॉरिटी सख्त कार्रवाई करेगी.’
वहीं, सुरेश चव्हाणके ने आईपीएस एसोसिएशन के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा कि मुद्दे को जाने बगैर वे इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं.
चव्हाणके ने कहा है कि यदि संगठन चाहता है तो वे उनके शो में आकर अपनी बात रख सकते हैं.
Unfortunate that @IPS_Association twisting without knowing the issue.
Issue is sudden spike in no of people of certain category selected in UPSC Civils in the last few years.
You're invited to participate in our program for informed discussion, if you care for UPSC objectivity. https://t.co/jy4wJXhljk
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 27, 2020
अन्य कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने सुदर्शन न्यूज के इस ट्रेलकर पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे सांप्रदायिक बताया है.
टीवी पर्सनैलिटी तहसीन पूनावाला ने दिल्ली पुलिस और नेशनल ब्रॉडकास्टिंग एसोशिएशन के अध्यक्ष रजत शर्मा के पास शिकायत दायर कर इस पर कार्रवाई की मांग की है. पूनावाला ने अपना शिकायत पत्र ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
इसके जवाब में चव्हाणके ने कहा कि इस तरह के षड्यंत्र के पीछे ‘आतंकी समूह के मुखिया जाकिर नाईक’ शामिल हैं.
Not only terror group, but the leader of all the terror groups #ZakirNaik is involved in this conspiracy. Watch #UPSC_Jihad 1st and then react #नौकरशाही_जिहाद from 28 Aug 8pm daily https://t.co/vsPSOh7NbM
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 27, 2020
यह पहला मौका नहीं है जब सुदर्शन टीवी और सुरेश चव्हाणके भड़काऊ और नफरती कार्यक्रम करने के कारण आलोचनाओं के घेरे में हैं.
जून 2018 में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने सुदर्शन न्यूज़ को एक नोटिस जारी कर उस रिपोर्ट पर माफी मांगने को कहा था जिसमें उन्होंने उत्तरी दिल्ली के बवाना इलाके के कुछ स्थानीय लोगों को कथित तौर पर ‘रोहिंग्या’ और ‘बांग्लादेशी ‘ बताया गया था.
आयोग ने चैनल से कहा था कि इसका सबूत पेश करें, वरना बिना शर्त लिखित माफी मांगें.
इसके अलावा साल 2018 में चव्हाणके ने एक ट्वीट कर उस साल दिसंबर में बुलंदशहर में हुई हिंसा को मुस्लिम तबलीगी जमात इज्तेमा से जुड़ा हुआ बताया था. बुलंदशहर में तीन दिसंबर 2018 को कथित गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी.
बाद में बुलंदशहर पुलिस ने ट्वीट कर स्पष्टीकरण दिया था कि ये हिंसा जमात के लोगों जमावड़े की वजह से नहीं हुई थी.
बता दें कि भारत में विभिन्न सिविल सेवाओं की परीक्षाओं की जिम्मेदारी केंद्रीय लोक सेवा आयोग की है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक लंबी प्रक्रिया में इन्हें आयोजित करवाता है.
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में जाने के इच्छुक उम्मीदवार इनमें हिस्सा लेते हैं.
हालांकि इन परीक्षाओं में उम्र, शैक्षणिक योग्यता, इम्तिहान देने के प्रयासों के बारे में कई नियम हैं, लेकिन किसी भी धर्म के भारतीय इसमें भाग ले सकते हैं.