जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण नहीं, उनकी जांच भी ज़रूरी: डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोवे ने कोविड टेस्टिंग पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है कि लोग अब शारीरिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे. मास्क पहनने के बाद भी कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना ज़रूरी है.

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(फोटो: पीटीआई)

डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोवे ने कोविड टेस्टिंग पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है कि लोग अब शारीरिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे. मास्क पहनने के बाद भी कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना ज़रूरी है.

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जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि देशों को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिए लोगों की जांच करनी चाहिए और उन लोगों की भी जांच की जानी चाहिए जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं.

यह रुख अमेरिका द्वारा अपनी नीति में हाल में किए गए बदलाव के विपरीत है. इससे पहले अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए कहा था कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आए ऐसे लोग जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं है, उनकी जांच करने की आवश्यकता नहीं है.

कोविड-19 के लिए डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोवे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए तथा उन लोगों की भी जांच होनी चाहिए, जिनमें संक्रमण के लक्षण या तो बहुत हल्के हैं या फिर हैं ही नहीं.’

अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की नीति में बदलाव से पहले स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से यह कहा गया था कि संक्रमित लोगों के 1.8 मीटर के दायरे में 15 मिनट से अधिक समय तक जो भी व्यक्ति आया है उसकी जांच की जाएगी.

हालांकि अब नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक संक्रमित लोगों के करीबी संपर्क में आए लोगों में यदि संक्रमण के लक्षण नहीं हैं तो उन्हें जांच करवाने की आवश्यकता भी नहीं है.

केरखोवे ने कहा, ‘यह बहुत आवश्यक है कि जांच को एक अवसर की तरह लिया जाए, ताकि संक्रमित लोगों को अलग किया जा सके, उनके संपर्कों का पता लगाया जा सके. संक्रमण फैलने की कड़ी को तोड़ने के लिए यह बुनियादी जरूरत है.’

उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि लोग अब शारीरिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे. केरखोवे के मुताबिक मास्क पहनने के बाद भी कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना जरूरी है.

ज्ञात हो कि इससे पहले मंगलवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने भी कहा था कि मास्क न पहनने और दूरी बनाकर न रखने से भारत में कोरोना बढ़ रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)