असम के पूरे 108,490 करोड़ रुपये के बजट का विश्लेषण करते हुए कैग ने कहा कि बजट को लागू करने और उस पर निगरानी रखने के सरकार के प्रयास अपर्याप्त रहे. यह भी कहा गया है कि बिना उचित स्पष्टीकरण के अतिरिक्त अनुदान का आवंटन किया गया और बिना बजट प्रावधान के भारी-भरकम राशि ख़र्च की गई है.
नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने असम सरकार के खातों की सत्यता पर संदेह जताते हुए वित्तीय मामले में उसके तौर-तरीकों पर सवाल खड़ा किया है.
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार के साल 2018-19 के बजट अनुमान ‘वास्तविक नहीं’ थे और कई नीतिगत पहलों को पूर्व तैयारी से जुड़े काम अपूर्ण होने के चलते पूरा नहीं किया जा सका.
कैग ने राज्य की 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष की लेखा परीक्षण रिपोर्ट बीते सोमवार को राज्य विधानसभा के पटल पर रखी.
कैग ने कहा कि उसके हर साल बार-बार टोकने के बाद भी राज्य सरकार सुधारात्मक कदम उठाने में असफल रही है.
राज्य के पूरे 108,490 करोड़ रुपये के बजट का विश्लेषण करते हुए कैग ने कहा कि बजट को लागू करने और उस पर निगरानी रखने के सरकार के प्रयास अपर्याप्त रहे.
कैग ने कहा है कि राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा तैयार की गईं रसीदों और व्यय के आंकड़ों का महालेखाकार के आंकड़ों के साथ मिलान नहीं होता है, जिसके कारण खातों की सटीकता को लेकर गंभीर सवाले खड़े होते हैं और यह सरकार की खराब प्रणाली को दर्शाता है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिना उचित स्पष्टीकरण के अतिरिक्त अनुदान का आवंटन किया गया और बिना बजट प्रावधान के भारी-भरकम राशि खर्च की गई है.
राष्ट्रीय ऑडिटर ने कहा कि पिछले कई वर्षों में हर साल इस मुद्दे को लेकर चिंता जाहिर किए जाने के बावजूद राज्य सरकार सुधारात्मक उपाय करने में विफल रही है.
कैग ने कहा कि स्वायत्त परिषदों, विकास बोर्डों और प्राधिकरणों द्वारा विशिष्ट विकास परियोजनाओं के लिए उपयोग प्रमाण-पत्र और अन्य बिल जमा न करना नियमों का उल्लंघन है और यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की मॉनीटरिंग तंत्र कितनी खराब स्थिति में है.
राज्य के फाइनेंस पर रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में इससे पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व प्राप्ति में 17.27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी, मुख्य रूप से गैर-कर राजस्व और राज्य की कमाई में काफी वृद्धि हुई थी.
हालांकि इसके बावजूद राज्य केंद्र सरकार पर ही निर्भर रही, जिसमें से 62 फीसदी राजस्व केंद्रीय हस्तांतरण और अनुदान के जरिये प्राप्त हुए.
कैग ने कहा है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से प्राप्ति राशि के खर्च को लेकर केंद्र के मानकों का अनुपालन नहीं किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)