असम: लव जिहाद के आरोप में बंद धारावाहिक से हाईकोर्ट ने प्रतिबंध हटाया

असम के रेंगोनी चैनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘बेग़म जान’ पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर दो महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि दूसरे पक्ष को सुने बिना एकपक्षीय रूप से यह प्रतिबंध लगाया गया था.

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असमिया भाषा के धारावाहिक बेगम जान का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक)

असम के रेंगोनी चैनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘बेग़म जान’ पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर दो महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि दूसरे पक्ष को सुने बिना एकपक्षीय रूप से यह प्रतिबंध लगाया गया था.

असमिया भाषा के धारावाहिक बेगम जान का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक)
असमिया भाषा के धारावाहिक बेगम जान का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक)

गुवाहाटीः गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम के टीवी धारावाहिक ‘बेगम जान’ पर कथित तौर पर लव जिहाद को बढ़ावा देने के आरोप में उसके प्रसारण पर लगाए गए दो महीने के प्रतिबंध को हटा दिया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सुमन श्याम की पीठ ने बीते गुरुवार को धारावाहिक के प्रसारण से प्रतिबंध हटा दिया.

पीठ ने पाया कि निगरानी समिति ने प्रभावित पक्षों को सुने बिना और केबल टीवी नेटवर्क्स (विनियमन) एक्ट 1994 के तहत प्रक्रिया का पालन किए बिना धारावाहिक पर प्रतिबंध लगा दिया था.

अदालत ने रेंगोनी टीवी के मालिक एएम प्राइवेट टेलीविजन लिमिटेड की याचिका पर यह आदेश दिया है.

अदालत का कहना है कि चैनल के प्रबंध निदेशक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी कंटेट जो धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला हो, उसे प्रसारण से पहले ही डिलीट कर देना चाहिए.

टीवी चैनल के वकील एस शर्मा ने कहा, ‘निगरानी समिति में मीडिया से कोई प्रतिनिधि नहीं था.’

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा, ‘एकपक्षीय रूप से धारावाहिक के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाना स्पष्ट रूप से न्यायोचित नहीं है. याचिकाकर्ताओं को अपनी बात रखने, अपना पक्ष रखने या ऐसा करने के लिए कोई ठोस कारण बताने का भी मौका नहीं दिया गया.’

हालांकि, राज्य सरकार ने सहमति जताई कि निगरानी समिति उसके ताजा दिशानिर्देशों के तहत नहीं गठित थी, जिसका मतलब है कि समिति अवैध हो सकती है.

बता दें कि इससे पहले शहर के पुलिस प्रमुख की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय कंटेट निगरानी समिति ने फैसला सुनाते हुए धारावाहिक पर दो महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. समिति का कहना था कि इस धारावाहिक से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

धारावाहिक पर दो महीने का प्रतिबंध लगाने के बाद धारावाहिक की मुख्य अभिनेत्री प्रीति कोंगना को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था. उन पर एसिड अटैक करने और बलात्कार की धमकियां दी गईं थी.

इस मामले में गुवाहाटी पुलिस द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने को लेकर उसकी आलोचना की गई थी.

रेंगोनी टीवी चैनल पर प्रसारित किए जाने वाला यह धारावाहिक एक ऐसी हिंदू लड़की के बारे में है, जो एक मुस्लिम युवक की मदद से समाज से लड़ती है.

इस शो का इस साल जुलाई महीने में ही प्रसारण शुरू हुआ था और तभी से यह विवादों में है.

आरएसएस से जुड़े हिंदू जागरण मंच और अन्य समूह इस धारावाहिक के प्रसारण का विरोध कर रहे हैं. इस शो पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर विरोध किया गया था.