यह मेरठ मेडिकल कॉलेज की घटना है. ज़िलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वॉर्ड में शवों की अदला-बदली का मामला सामने आया है. अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि शवों पर पहचान के लिए टैग लगाने वाले सफाईकर्मी ने शराब पी रखी थी, जिस वजह से यह गलती हुई.
इस बीच एक परिवार ने शव से पीपीई किट हटाए बिना उसका दाह संस्कार कर दिया, जबकि दूसरे परिवार ने जब शव से पीपीई किट हटाया तो उन्हें अस्पताल प्रशासन की इस चूक का पता चला.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर चिकित्सा शिक्षा के सचिव राजेंद्र दुबे ने जिलाधिकारी अनिल ढींगरा से रिपोर्ट मांगी है.
जिलाधिकारी ने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजकुमार सैनी और एडीएम अजय कुमार तिवारी से घटना की जांच करने को कहा है.
अस्पताल के दो अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सफाईकर्मी के शराब पीने की वजह से यह चूक हुई.
वॉर्ड प्रभारी डॉ. लोकेश ने कहा, ‘मोदीनगर (मेरठ) के निवासी गुरुवचन (65) को सांस संबंधी समस्या की वजह से मंगलवार (एक सितंबर) को भर्ती कराया गया था. शुक्रवार (चार सितंबर) रात को उनकी मौत हो गई. उसी रात मेरठ के रहने वाले यशपाल (58) की भी उसी वॉर्ड में मौत हो गई थी. दोनों शवों को परिवारों को सौंपने से पहले पीपीई किट में बांधा गया था. सफाईकर्मी ने शराब पीने की वजह से दोनों शवों के पहचान टैग को बदल दिया.’
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सैनी का कहना है कि यशपाल के परिवार ने बिना पीपीई किट हटाए गुरुवचन के शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
सैनी ने कहा, ‘हमने गुरुवचन के अवशेष इकट्ठा कर लिए हैं उन्हें उनके परिवार को सौंपेंगे.’
उन्होंने कहा कि यशपाल के शव को उनके परिवार को सौंपा जाएगा.
गुरुवचन के भतीजे विकास शर्मा ने कहा, ‘हमने उन्हें आखिरी बार देखने के लिए पीपीई किट हटाया तो हम हैरान हो गए. यह किसी और का शव था.’
विकास ने कहा, ‘परिवार के सदस्यों ने श्मशान घाट पर विरोध प्रदर्शन भी किया. हम उनका (गुरुवचन) अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए. इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किए जाने की जरूरत है.’
परिवार ने मुख्यमंत्री कार्यालय और डीएम ढींगरा के समक्ष इसकी शिकायत की है. ढींगरा ने कहा, ‘यह गंभीर मामला है और हम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.’