पुणे की तुलना में सोमवार तक दिल्ली में संक्रमण के कुल मामले 193,526, जबकि मुंबई में 157,410 थे. गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को छोड़कर पुणे में कोरोना के मामले कई राज्यों से अधिक हैं.
पुणेः महाराष्ट्र का पुणे देश का ऐसा पहला जिला है, जहां कोरोना वायरस मामलों की संख्या दो लाख को पार कर गई.
महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सोमवार को संक्रमण के 4,165 नए मामले सामने आने के बाद यहां संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 203,468 हो गई.
अधिकारियों ने कहा कि जांच संख्या में बढ़ोतरी के बाद ही जिले में संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं.
पुणे की तुलना में सोमवार तक दिल्ली में संक्रमण के कुल मामले 193,526, जबकि मुंबई में 157,410 थे. गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को छोड़कर पुणे में कोरोना के मामले कई राज्यों से अधिक हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को पुणे में कोरोना के मामले दो लाख से अधिक हो गए.
हालांकि राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में विसंगति है.
जिला प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों में पुणे में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 197,286 बताई गई है, जबकि राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए कोरोना बुलेटिन में सोमवार को ही पुणे में कोरोना मामलों की संख्या 2.03 लाख को पार कर गई थी.
पुणे का हाल ही में दौरा कर रही एक केंद्रीय प्रोजेक्शन टीम के अनुसार, पुणे में कोरोना संक्रमितों की संख्या 21 सितंबर तक 2.43 लाख हो सकती है.
संक्रमण के प्रसार की गति कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे. रविवार को कोरोना के 4,429 नए मामले दर्ज होने के बाद यहां कुल मामलों की संख्या बढ़कर 199,303 हो गई.
इसके बाद सोमवार को 3,262 नए मामले दर्ज होने के बाद कुल मामले बढ़कर दो लाख को पार कर गए.
पुणे में पांच अगस्त को कोविड-19 संक्रमण के मामलों का आंकड़ा एक लाख पार कर गया था और एक महीने में यह आंकड़ा दोगुना हो गया.
जिला प्रशासन ने कोरोना के बढ़े मामलों के लिए पुणे महानगर पालिका (पीएमसी) द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट के साथ टेस्ट की संख्या बढ़ाने को इसकी वजह बताया है.
हालांकि पुणे में कोरोना से मृत्यु दर घटकर 2.2 फीसदी हो गई, जबकि राज्य में यह दर 2.9 फीसदी और देश में 1.72 फीसदी है.
प्रशासन संक्रमण के प्रसार की रोकथाम कर कोरोना से होने वाली मौतों को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने हाल ही में कोरोना इलाज के लिए दो इकाइयां शुरू की है, लेकिन इनके कामकाज को लेकर काफी विवाद भी हुआ है. कई मरीजों ने यहां अनुचित रूप से इलाज करने की शिकायतें की हैं.
वहीं, पीएमसी इलाके की स्थिति की समीक्षा के बाद हर महीने कंटेनमेंट जोन को रिडिफाइन कर रहा है.
हालांकि, यहां मास्क के अनिवार्य इस्तेमाल का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा.
इसके लिए पीएमसी ने डिप्टी इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, हेल्थ इंस्पेक्टर, एनक्रोचमेंट इंस्पेक्टर, रखरखाव सर्वेक्षणकर्ता और ऑफिस सुपरिंटेंडेंट को कुछ विशेष शक्तियां दी हैं, जिसके तहत वे जिले में मास्क नहीं पहनने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगा सकते हैं.
नगर निगम आयुक्त विक्रांत कुमार ने कहा, ‘हमने सिविक स्टाफ को ये शक्तियां दी हैं कि वे सार्वजनिक स्थानों, निजी और सरकारी कार्यालयों में मास्क न पहनने वालों पर जुर्माना लगाने सकें.’
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लिए जुर्माना राशि बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दी है.
जिलाधिकारी राजेश देशमुख ने बताया कि जिले में संक्रमित होने की दर 22 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल संक्रमण के मामलों की संख्या में पुणे देश में शीर्ष पर है. इसका कारण जिला प्रशासन का जांच प्रक्रिया में तेजी लाना है.’
उन्होंने दावा किया, ‘पुणे के अलावा कोई और जिला इतनी तेजी से जांच नहीं कर रहा है.’
कोरोना वायरस से देश में सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में महाराष्ट्र में अब तक कोरोना वायरस के नौ लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. जबकि यहां मंगलवार तक 27,027 लोगों की मौत हो चुकी है. देश में अब तक कुल 72,775 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और संक्रमण के कुल 42 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)