जम्मू कश्मीर में दो के अलावा बाकी ज़िलों में 4जी इंटरनेट सेवा नहीं होगी बहाल

जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि स्थितियों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है. आदेश में कहा गया है कि इस बात की पक्की सूचना मिली है कि आतंकी गिरोह भोले-भाले युवकों की भावनाएं भड़काने और उन्हें बहला-फुसलाकर आतंकी संगठनों में शामिल करने की निरंतर कोशिश कर रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि स्थितियों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है. आदेश में कहा गया है कि इस बात की पक्की सूचना मिली है कि आतंकी गिरोह भोले-भाले युवकों की भावनाएं भड़काने और उन्हें बहला-फुसलाकर आतंकी संगठनों में शामिल करने की निरंतर कोशिश कर रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बीते मंगलवार को गांदरबल और उधमपुर जिलों को छोड़कर बाकी हिस्सों में सुरक्षा का हवाला देते हुए 4जी मोबाइट इंटरनेट सुविधा नहीं शुरू करने का निर्णय लिया.

हालांकि, उसने कहा कि 16 अगस्त को कश्मीर के गांदरबल और जम्मू के उधमपुर जिलों में प्रायोगिक (ट्रायल) आधार पर बहाल की गई उच्च गति की इंटरनेट सुविधा इस माह के आखिर तक जारी रहेगी, क्योंकि उसके दुरुपयोग की कोई खबर नहीं आई है.

मंगलवार शाम को जारी आदेश में गृह विभाग में प्रधान सचिव शालीन काबरा ने बताया कि स्थिति की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है.

आदेश में कहा गया है कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने इस बात की पक्की सूचना दी है कि आतंकी गिरोह भोले-भाले युवकों की भावनाएं भड़काने और उन्हें बहला-फुसलाकर आतंकवादी संगठनों में शामिल करने की निरंतर कोशिश कर रहे हैं और अव्यवस्था फैलाने के लिए उच्च गति की डाटा सेवाओं के संभावित दुरुपयोग का भी संकेत मिला है.

एजेंसियों ने यह भी आशंका प्रकट की कि उच्च गति यानी कि 4जी डेटा सेवाओं का दुरुपयोग आतंकवादियों को घुसपैठ में मदद करने के लिए किया जा सकता है. आदेश के अनुसार गांदरबल और उधमपुर को छोड़कर बाकी 18 जिलों में 2जी इंटरनेट सुविधा होगी.

केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा करने के बाद जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी.

हालांकि सरकार की व्यापक आलोचनाओं के बाद इस साल 25 जनवरी को 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई थी.

बीते 16 अगस्त को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने साल भर से अधिक समय तक निलंबित रखने के बाद जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों के एक-एक जिले- गांदरबल और उधमपुर में ट्रायल के आधार पर तेज गति वाली 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की थी.

एनजीओ फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से कुछ इलाकों में 4जी इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की संभावनाएं तलाशने को कहा था.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था, ‘विशेष समिति ने बैठक में इस बात पर सहमति जताई है कि जम्मू कश्मीर में डर की स्थिति कायम है. समिति का विचार था कि 4जी इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए अभी भी स्थिति अनुकूल नहीं है.’

उन्होंने आगे कहा था, ‘समिति ने यह भी कहा है कि कड़ी निगरानी के साथ कुछ क्षेत्रों में हाई स्पीड इंटरनेट को बहाल किया जा सकता है. यह काम ऐसे क्षेत्रों में किया जाना चाहिए, जहां आतंकी गतिविधियां कम हैं.’

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को जम्मू कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की याचिकाओं पर विचार करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में ‘विशेष समिति’ के गठन का आदेश दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)