साल 2017 से 2019 के बीच अर्धसैनिक बलों के 4,132 जवानों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई: सरकार

इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने संसद में ये भी बताया कि मृतक जवानों के आश्रितों को अनुकंपा नौकरी देने के नियम के तहत इन तीन सालों में कुल 3,676 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 1,600 लोगों की नियुक्ति की गई है.

A Central Reserve Police Force (CRPF) personnel stands guard in front of closed shops next to the Jamai Masjid in Srinagar February 23, 2019. REUTERS/Danish Ismail

इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने संसद में ये भी बताया कि मृतक जवानों के आश्रितों को अनुकंपा नौकरी देने के नियम के तहत इन तीन सालों में कुल 3,676 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 1,600 लोगों की नियुक्ति की गई है.

प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बीते मंगलवार को कहा कि वर्ष 2017 से 2019 के बीच अर्धसैनिकों बलों के कुल 4,132 लोगों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई.

उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. राय ने कहा कि जिन लोगों की मौत हुई, उनमें राजपत्रित अधिकारी (गैजेटेड ऑफिसर) और दूसरे अधिकारी शामिल हैं.

मंत्री ने बताया कि सीआरपीएफ के 1,597 लोगों की मौत हुई. इस दौरान बीएसएफ के 725, सीआईएसएफ के 671, आईटीबीपी के 429, एसएसबी के 329 और असम राइफल्स के 381 कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई.

 Paramilitary forces personnel
(स्रोत: लोकसभा)

इसके साथ ही सांसदों ने ये भी पूछा था कि ड्यूटी पर मौत होने के चलते कितने लोगों/आश्रितों को अनुकंपा नौकरी दी गई है.

इसके जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि साल 2017 से 2019 के बीच कुल 1,600 लोगों की अनुकंपा नियुक्ति की गई है. इसमें से साल 2017 में 580, साल 2018 में 630 और साल 2019 में 390 लोगों की अनुकंपना नियुक्ति हुई है.

हालांकि यदि हम ये देखते हैं कि इन वर्षों में मृतक जवानों के कितने आश्रितों में अनुकंपा नौकरी के आवेदन किया था, इसकी तुलना में काफी कम लोगों को नौकरी दी गई है.

साल 2017-19 के बीच कुल 3,676 लोगों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, लेकिन इसमें से सिर्फ 1600 लोगों की ही नियुक्ति हुई है. यानी कि कुल आवेदनकर्ताओं की तुलना में मात्र करीब 43 फीसदी लोगों की नियुक्ति हो पाई है.

इस संबंध में गृह राज्य मंत्री राय ने संसद को बताया, ‘कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के दिशानिर्देशों के अनुसार, समूह-ग के पदों में सीधी भर्ती कोटा के अंतर्गत आने वाली रिक्तियों की अधिकतम पांच प्रतिशत सीमा तक ही अनुकंपा आधार पर नियुक्तियां की जाती हैं. यह एक निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है.’

गृह मंत्रालय से यह भी पूछा गया था कि सेवा काल के दौरान मृतक जवानों के आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नौकरियां दिए जाने के संबंध में सरकार के पास कुल कितने मामले लंबित हैं.

इसके जवाब में विभाग ने बताया कि उनके पास इस तरह के कुल 291 मामले लंबित हैं, जिसमें से सीआरपीएफ श्रेणी के 37, बीएसएफ के 24, आईटीबीपी के 155 और सीआईएसएफ के 75 अनुकंपा नियुक्ति के मामले लंबित हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)