बिहार हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा- शिक्षा के साथ बच्चों के लिए मिड-डे मील सुनिश्चित करें

बिहार हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मिड-डे मील और सर्व शिक्षा से जुड़ीं योजनाओं को जारी रखने के साथ सरकारी स्कूल के छात्रों को पाठ्य पुस्तकें और नोटबुक मुहैया कराने का आदेश दिया है.

(फोटो: रॉयटर्स)

बिहार हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मिड-डे मील और सर्व शिक्षा से जुड़ीं योजनाओं को जारी रखने के साथ सरकारी स्कूल के छात्रों को पाठ्य पुस्तकें और नोटबुक मुहैया कराने का आदेश दिया है.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से राज्य के 1.19 करोड़ बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास से हटकर अलग तरह की व्यवस्था करने पर विचार करने को कहा है, जो कोरोना के दौरान स्कूल बंद हो जाने से कक्षाओं में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने यह आदेश सात जुलाई को अखबार की एक रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेने के बाद दिया है.

इस रिपोर्ट में बताया गया था कि भागलपुर जिले के छात्र स्कूल बंद होने की वजह से मिड-डे मील नहीं मिलने से कबाड़ बीनकर उन्हें बेच रहे हैं. इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी बिहार सरकार को नोटिस जारी किया था.

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस. कुमार की पीठ ने राज्य सरकार से मिड-डे मील और सर्व शिक्षा से जुड़ी योजनाओं को जारी रखने के साथ सरकारी स्कूल के छात्रों को पाठ्य पुस्तकें और नोटबुक मुहैया कराने का भी आदेश दिया है.

अदालत का कहना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वैधानिक लाभ का सही तरीके से वितरण हो और इसके रिकॉर्ड को सही से अपडेट किया जाए.

पीठ ने सरकार से सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए डिजिटल लेक्चर की व्यवस्था करने को भी कहा है.

आदेश में कहा गया, ‘सामुदायिक स्तर के टीवी सेट और रेडियो सेट इंस्टॉल किए जाएं, ताकि दूरस्थ लर्निंग प्लेटफॉर्म तक पहुंच सुनिश्चित किया जा सके. सामुदायिक स्तर में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करते हुए छोटे-छोटे ग्रुप में बच्चों को टीवी पर लेक्चर दिया जा सकता है.’

अदालत ने सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से बच्चों के पोषण संबंधी स्वास्थ्य की नियमित जांच करने को भी कहा. ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छात्रों के वजन और उनकी लंबाई का नियमित तौर पर रिकॉर्ड रख सकते हैं.

राज्य सरकार ने स्कूलों में खाद्यान्न वितरण दोबारा शुरू कर दिया है और इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को दी है.