राज्यसभा में कथित अभद्र व्यवहार के लिए डेरेक ओ ब्रायन सहित 8 विपक्षी सांसद निलंबित

रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयक ध्वनि मत से पास होने के पहले कई विपक्षी नेता इसके विरोध में हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए थे. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित करते हुए उपसभापति हरिवंश के ख़िलाफ़ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर दिया है.

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**EDS: VIDEO GRAB** New Delhi: TMC MP Derek O'Brien attempts to tear the rule book as ruckus erupts in the Rajya Sabha over agriculture related bills, during the ongoing Monsoon Session, at Parliament House in New Delhi, Sunday, Sept. 20, 2020. (RSTV/PTI Photo)(PTI20-09-2020_000118B)

रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयक ध्वनि मत से पास होने के पहले कई विपक्षी नेता इसके विरोध में हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए थे. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित करते हुए उपसभापति हरिवंश के ख़िलाफ़ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर दिया है.

**EDS: COMBO** New Delhi: In this combo image, is seen TMC MP Derek O'Brien attempting to tear the rule book as ruckus erupts in the Rajya Sabha over agriculture related bills, during the ongoing Monsoon Session, at Parliament House in New Delhi, Sunday, Sept. 20, 2020. (RSTV/PTI Photo)(PTI20-09-2020_000147B)
रविवार को उपसभापति हरिवंश के आसन के सामने रूल बुक फाड़ते टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राज्यसभा में रविवार को दो कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान सदन में कथित तौर पर अभद्र व्यवहार करने के कारण सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और माकपा के आठ सदस्यों को एक सप्ताह के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, निलंबित होने वाले सांसदों में टीएमसी के डेरेक ओ’ब्रायन और डोला सेन, आप के संजय सिंह, कांग्रेस नेता राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नासिर हुसैन और माकपा के केके रागेश और एलाराम शामिल हैं.

दरअसल हंगामे के दौरान विपक्षी सदस्यों पर पीठासीन अधिकारी के आसन की ओर रुख करते हुए उनकी ओर नियम पुस्तिका को उछालने, सरकारी कागजातों को फाड़ने और मत विभाजन की अपनी मांग को लेकर उन पर दबाव बनाने का प्रयास करने का आरोप है.

इसके साथ ही राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया.

नायडू ने कहा, ‘14 दिनों की नोटिस अवधि आवश्यक है. मेरा मानना है कि विपक्ष के नेता और अन्य सदस्यों द्वारा प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है.’

आठ सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित किए जाने के बाद सोमवार को विपक्ष के विरोध के कारण बार-बार सदन की कार्यवाही को रोकना पड़ रहा है.

बता दें कि इससे पहले रविवार को विपक्ष के 12 दलों ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था.

कार्यवाही के स्थगन के विपक्षी दलों के अनुरोध की अनदेखी के बाद जिस तरह से सदन में दो कृषि विधेयकों को पारित किया गया, उसे लेकर ही यह नोटिस दिया गया था.

उप सभापति के खिलाफ नोटिस देने वाले दलों में कांग्रेस, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, भाकपा, माकपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (मणि) और आम आदमी पार्टी शामिल हैं.

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने आरोप लगाया कि जिस तरह विधेयकों को पारित किया गया, वह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि इसके मद्दनेजर 12 दलों ने उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

**EDS: VIDEO GRAB** New Delhi: TMC MP Derek O'Brien attempts to tear the rule book as ruckus erupts in the Rajya Sabha over agriculture related bills, during the ongoing Monsoon Session, at Parliament House in New Delhi, Sunday, Sept. 20, 2020. (RSTV/PTI Photo)(PTI20-09-2020_000118B)
(फोटो: पीटीआई)

दरअसल विपक्षी दलों के हंगामे के बीच उच्च सदन ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी थी.

ये विधेयक लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है. इस प्रकार इन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल गई है जिन्हें अधिसूचित किए जाने से पहले अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा.

हालांकि, समस्या तब शुरू हुई जब सदन की बैठक का समय विधेयक को पारित करने के लिए निर्धारित समय से आगे बढ़ा दिया गया.

विपक्षी सदस्यों, का मानना था कि इस तरह का फैसला केवल सर्वसम्मति से ही लिया जा सकता है और वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के सामने इकट्ठा हो गये.

उन्होंने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया. हंगामे के कारण कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को संक्षेप में अपनी बात रखनी पड़ी तथा उप सभापति हरिवंश ने विधेयकों को परित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी.

विपक्ष द्वारा व्यापक जांच के लिए लाये गये चार प्रस्तावों को ध्वनिमत से नकार दिया गया. लेकिन कांग्रेस, तृणमूल, माकपा और द्रमुक सदस्यों ने इस मुद्दे पर मत विभाजन की मांग की.

उप सभापति हरिवंश ने उनकी मांग को ठुकराते हुए कहा कि मत विभाजन तभी हो सकता है जब सदस्य अपनी सीट पर हों.

तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आसन की ओर बढ़ते हुए नियम पुस्तिका उप सभापति की ओर उछाल दी. सदन में खड़े मार्शलों ने इस कोशिश को नाकाम करते हुए उछाली गई पुस्तिका को रोक लिया. माइक्रोफोन को खींच निकालने का भी प्रयास किया गया लेकिन मार्शलों ने ऐसा होने से रोक दिया.

द्रमुक नेता तिरुचि शिवा, जिन्होंने ओ’ब्रायन के साथ और कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और माकपा के केके रागेश के साथ मिलकर विधेयकों को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था, उन्होंने कागजात फाड़कर हवा में उछाल दिए.

उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को अपने स्थानों पर वापस जाने और कोविड-19 के कारण भौतिक दूरी बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखकर आसन के समीप न आने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने हंगामा थमता न देख, पहले लाइव कार्यवाही के ऑडियो को बंद करवा दिया और फिर कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया.

जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी दलों ने नारे लगाए लेकिन वे हरिवंश को ध्वनि मत से विधेयक को पारित करने के लिए रखने से रोक नहीं पाए.

विपक्षी दलों द्वारा लाए गए संशोधनों को खारिज करते हुए दोनों विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)