भारत में छह प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियां- इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, एयर एशिया इंडिया, एयर इंडिया और विस्तारा हैं, जिन पर एक अगस्त तक एएआई का कुल 2,562.04 करोड़ रुपये बकाया है. यह एक फरवरी के स्तर से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर फरवरी से जुलाई के दौरान चार प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियों ‘इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर और एयर एशिया इंडिया के ऊपर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) का बकाया दोगुना से अधिक हो गया है.
हालांकि एएआई का सर्वाधिक बकाया एयर इंडिया के ऊपर है, जो इस अवधि के दौरान 2.75 प्रतिशत बढ़कर 2,258.27 करोड़ रुपये हो गया.
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि एक विमानन कंपनी को एएआई के 100 से अधिक हवाई अड्डों में से किसी पर सुविधाओं का उपयोग करने के लिए हवाई नेविगेशन, लैंडिंग, पार्किंग आदि जैसे विभिन्न शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है.
एयर इंडिया और एएआई दोनों नागर विमानन मंत्रालय के तहत आती हैं. भारत में छह प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियां इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, एयर एशिया इंडिया, एयर इंडिया और विस्तारा हैं, जिन पर एक अगस्त तक एएआई का कुल 2,562.04 करोड़ रुपये बकाया है. यह एक फरवरी के स्तर से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है.
अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की बकाया राशि एक फरवरी को 41.62 करोड़ थी, जो बाद के छह महीने की अवधि में 130.6 प्रतिशत बढ़कर 95.99 करोड़ रुपए हो गई.
अधिकारियों ने कहा कि देश की दूसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी स्पाइसजेट के ऊपर एएआई का एक फरवरी को 65.35 करोड़ रुपये का बकाया था, जो एक अगस्त तक बढ़कर 132.4 करोड़ रुपये हो गया.
बकाया भुगतान न करने के कारण एएआई ने एक अगस्त को स्पाइसजेट को कैश एंड कैरी मोड पर रख दिया, जिसका अर्थ है कि एयरलाइन को वहां से उड़ानें संचालित करने के लिए एएआई द्वारा संचालित हवाई अड्डों पर प्रतिदिन शुल्क देना पड़ता है.
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बताया, ‘स्पाइसजेट अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है. हमने पहले की तरह एएआई के सभी हवाई अड्डों पर सामान्य संचालन जारी रखा है.’
अधिकारियों ने बताया कि एक फरवरी को एयर इंडिया का बकाया 2,197.6 करोड़ था और यह बढ़कर 2,258.27 करोड़ रुपये हो गया. इसी तरह एयर एशिया इंडिया का बकाया इस दौरान 96 लाख रुपये से बढ़कर 18.89 करोड़ रुपये हो गया.
छह प्रमुख कंपनियों में विस्तारा अकेली ऐसी एयरलाइन रही, जिसके ऊपर इन छह महीने के दौरान एएआई का बकाया कम हुआ है. इस दौरान कंपनी के ऊपर एएआई का बकाया 5.72 करोड़ रुपये से कम होकर 4.31 करोड़ रुपये पर आ गया.
एयर एशिया इंडिया और विस्तारा दोनों में टाटा समूह की बहुलांश हिस्सेदारी है. एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा ने इस मामले पर पीटीआई के सवालों का जवाब नहीं दिया.
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते यात्रा प्रतिबंधों के कारण विमानन क्षेत्र बेहद प्रभावित हुआ है. इस कारण छह प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों के दौरान वेतन कटौती, छंटनी या बिना वेतन के छुट्टी जैसे विभिन्न लागत-कटौती उपायों को अपनाया है.
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने बीते 20 जुलाई को घोषणा की थी कि कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न आर्थिक संकट के चलते वह अपने 10 प्रतिशत कर्मचारियों को हटाएगी.
उससे पहले बीते मई महीने में निजी विमानन कंपनी इंडिगो ने कहा था कि वह मई से अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत तक की कटौती करेगी. कंपनी कुछ कर्मचारियों को मई, जून और जुलाई में ‘सीमित आधार पर बिना वेतन छुट्टियों’ पर भी भेजेगी.
वहीं, एयर इंडिया ने कर्मचारियों के वेतन को तर्कसंगत बनाने के प्रयास के तहत एक महत्वपूर्ण कदम में 14 जुलाई को एक आंतरिक आदेश जारी कर अपने विभाग प्रमुखों तथा क्षेत्रीय निदेशकों से कार्यक्षमता, स्वास्थ्य जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने को कहा था जिन्हें बिना वेतन पांच साल तक की आवश्यक छुट्टी पर भेजा जा सके.
वहीं, गोएयर ने भी मार्च महीने में कहा था कि सभी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जाएगी. जिसमें शीर्ष नेतृत्व के वेतन में 50 प्रतिशत तक कटौती करने की बात कही थी.
एयर एशिया इंडिया ने अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में 20 प्रतिशत तक की कटौती की थी, जबकि एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों का वेतन 10 प्रतिशत काटा था. स्पाइसजेट ने भी मध्यम स्तर से लेकर वरिष्ठ स्तर तक के कर्मचारियों के वेतन में 10 से 30 प्रतिशत तक की कटौती की थी.
साथ ही अप्रैल के आखिरी में निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने पायलटों को ई-मेल के जरिये सूचना दी थी कि अप्रैल और मई के लिए उन्हें कोई वेतन नहीं मिलेगा और मालवाहक विमानों का परिचालन कर रहे पायलटों को उड़ान के घंटों के आधार पर भुगतान किया जाएगा.
अप्रैल की शुरुआत में एयर इंडिया ने अपने करीब 200 अस्थायी कर्मचारियों के अनुबंध निलंबित कर दिए थे, जिन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा नियुक्त किया गया था.
मालूम हो कि अप्रैल महीने में इंटरनेशनल एविएशन ट्रैवल एसोसिएशन (आईएटीए) ने कोरोना की वजह से भारतीय विमान सेवा कंपनियों में 20 लाख से भी ज्यादा लोगों के बेरोजगार होने की आशंका जताई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)