उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नॉर्थ एमसीडी) के तहत आने वाले हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों को आख़िरी बार जून महीने में वेतन दिया गया था. सोमवार से शुरू ऑनलाइन कैंपेन के जरिये डॉक्टर लंबित वेतन जल्द जारी करने की मांग कर रहे हैं.
नई दिल्लीः बीते कुछ महीनों से वेतन न मिलने से गुस्साए उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नॉर्थ एमसीडी) के तहत आने वाले हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने एक ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया है, जिसके तहत वे लंबित वेतन जारी करने की मांग कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऑनलाइन कैंपेन के जरिये सोमवार से डॉक्टर इस टेक्सट के साथ तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं कि ‘दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल में कोविड-19 ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों को 105 दिनों से वेतन नहीं मिला है.’
इसके साथ ही डॉक्टर वेतन न मिलने से आ रही समस्याओं को लेकर भी तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं.
अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के महासचिव डॉ. सागर दीप कहते हैं, ‘डॉक्टर हर दिन इस तरह की तस्वीरें शेयर करेंगे, क्योंकि अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे डॉक्टरों को नियमित विरोध के बावजूद भी वेतन नहीं दिया जा रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है. हमें आखिरी बार जून महीने में वेतन दिया गया था. इससे पहले भी वेतन मिलने में दो से तीन महीने की देरी हो चुकी है. डॉक्टर अब इससे परेशान हो चुके हैं.’
अन्य अस्पतालों और उत्तरी एमसीडी द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टर और नर्स भी वेतन मिलने में देरी की वजह से विरोध कर रहे हैं.
उत्तरी एमसीडी के तहत आने वाले हिंदू राव, महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग, कस्तूरबा अस्पताल, गिरधारी लाल मातृत्व अस्पताल और राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरकुलोसिस के अलावा 21 डिस्पेंसरी, 63 प्रसूति एवं बाल कल्याण केंद्र, 17 पॉलीक्लीनिक्स और सात प्रसूति गृह के डॉक्टर और नर्स भी वेतन देरी की वजह से विरोध कर रहे हैं.
उत्तरी एमसीडी की मेडिकल इकाइयों में 1,000 वरिष्ठ डॉक्टर, 500 रेजिडेंट डॉक्टर और 1.500 नर्सिंग अधिकारी हैं.
उत्तरी एमसीडी के मेयर जयप्रकाश का कहना है, ‘वह इस मुद्दे को सुलझाने के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाएंगे.’
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से नगरपालिका का वित्त प्रभावित हुआ है.
उन्होंने दिल्ली सरकार पर 1,200 करोड़ रुपये के बकाए का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘हमें मदद का वादा किया गया है चूंकि मैं खुद कोरोना से प्रभावित था तो मैं इसका अनुसरण नहीं कर सका लेकिन अब दोबारा नए प्रयास करूंगा और जल्द ही किसी न किसी रूप में हमें कुछ वित्तीय मदद मिल जाएगी.’
आरडीए अध्यक्ष अभिमन्यु सरदाना ने कहा कि उन्होंने हिंदू राव प्रशासन को पत्र लिखा है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद लंबे समय से वेतन अटका हुआ है.
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराने के लिए प्रतिदिन सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक हड़ताल करने का फैसला किया है. हम आपसे त्वरित समाधान उपलब्ध कराने का आग्रह करते हैं.
सरदाना ने आगे कहा, ‘स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन कोविड वॉरियर्स हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर सेवाएं दे रहे हैं. हर तरीके से इन्हें समय पर वेतन देना उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और इस समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए.’
बता दें कि जून में हुई सुनवाई में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के वेतन का भुगतान नहीं किए जाने के मामलों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि देश महामारी के खिलाफ युद्ध में अंसतुष्ट सैनिकों को बर्दाश्त नहीं कर सकता.
अदालत ने सरकार से इन कोरोना वॉरियर्स के लिए धनराशि जुटाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने को कहा था.
बीते जुलाई महीने में भी हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने अदालत के दखल के बावजूद पिछले तीन महीने से वेतन न मिलने को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा था.
द वायर द्वारा अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि नॉर्थ एमसीडी के तहत आने वाले दो अस्पतालों- कस्तूरबा और हिंदू राव के 350 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों ने तीन से चार महीने तक का वेतन न मिलने की बात कहते हुए सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी दी थी.
इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी को उसके तहत आने वाले कस्तूरबा गांधी और हिंदू राव समेत छह अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों को मार्च का वेतन 19 जून तक देने का निर्देश दिया था. इसके बाद उन्हें दो महीने का वेतन मिला था.