असम पुलिस में उपनिरीक्षकों के 597 पदों की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र बीते 20 सितंबर को लीक हो गया था. परीक्षा शुरू होने के कुछ मिनट के अंदर ही इसे रद्द कर दिया गया था. पुलिस मुख्य आरोपी पूर्व डीआईजी और भाजपा के एक नेता की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
गुवाहाटी: असम में पुलिस भर्ती प्रश्न पत्र के लीक होने के सिलसिले में छह और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे इस मामले में गिरफ्तार होने वाले कुल लोगों की संख्या 19 हो गई है. यह जानकारी डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने दी.
उन्होंने बताया कि एक फरार पूर्व पुलिस अधिकारी तथा भाजपा के एक नेता को पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा की गई है. मामले में दोनों मुख्य आरोपी हैं.
घोटाला सामने आने के बाद पहली बार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उपनिरीक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने में संलिप्त लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों या किसी भी पद पर हों.
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद सीआईडी, गुवाहाटी पुलिस और असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले में अपने क्षेत्रों से हुई गिरफ्तारियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नलबारी जिला पुलिस ने भी छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
मालूम हो कि असम पुलिस में उपनिरीक्षकों के 597 पदों की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र 20 सितंबर को लीक हो गया था और परीक्षा शुरू होने के कुछ मिनट के अंदर ही इसे रद्द कर दिया गया था. राज्य भर में 154 केंद्रों पर करीब 66 हजार उम्मीदवार परीक्षा में बैठे थे.
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस परीक्षा को एक महीने के भीतर दोबारा करवाने के निर्देश दिए हैं.
डीजीपी महंत ने कहा, ‘हम पूर्व डीआईजी पीके दत्ता और दीबान डेका को गिरफ्तार करने पर गौर कर रहे हैं. वे फरार हैं. उन्हें पकड़ने के लिए हमने इनाम की घोषणा करने का निर्णय किया है.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बाद में शाम को पुलिस ने दोनों मुख्य आरोपियों- पीके दत्ता और दीबान डेका के संबंध में सूचना देने के लिए एक-एक लाख रुपये की इनाम राशि की घोषणा कर दी.
दीबान डेका 2011 में बरखेत्री निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. पार्टी ने कहा है कि दोषी पाए गए भाजपा के किसी भी नेता को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता डेका का नाम इस संबंध में दर्ज प्राथमिक एफआईआर में नहीं था. पिछले हफ्ते सीआईडी मुख्यालय में उनसे पूछताछ की गई थी. हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया और उसके बाद से वे गायब हो गए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फेसबुक पर खुद को भाजपा किसान मोर्चा का कार्यकारी सदस्य बताने वाले डेका ने बृहस्पतिवार (24 सितंबर) को कहा था कि परीक्षा प्रक्रिया में शामिल थे और अब उन्होंने असम छोड़ दिया है, क्योंकि घोटाले में असम पुलिस के काफी बड़े और भ्रष्ट अधिकारी शामिल हैं जिससे किसी भी समय उनकी हत्या हो सकती है.
दोनों मुख्य आरोपियों के बारे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, ‘हमने पूर्व डीआईजी दत्ता के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है, ताकि वह देश न छोड़ सके. उनके बारे में सभी संबंधित सूचनाएं जारी कर दी गई हैं.’
सिंह ने कहा कि उनकी बेहिसाब संपत्ति के खिलाफ अलग से मामला दर्ज किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि दत्ता के पास गुवाहाटी में चार लग्जरी होटल और कई आवासीय संपत्तियां, कछार जिले में 1600 बीघा जमीन, डिब्रूगढ़ और देश के अन्य हिस्सों में अपार्टमेंट हैं.
डीजीपी ने कहा कि मामले की जांच कई जिलों में एक साथ चल रही है और कार्बी आंगलांग, लखीमपुर तथा नलबाड़ी जिलों में मामले दर्ज किए गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, राज्यस्तरीय पुलिस भर्ती बोर्ड (एसएलपीआरबी) के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने इस मामले में गड़बड़ियों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बीते रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सोमवार देर शाम मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने डीजीपी महंत को बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया और 20 नवंबर से पहले तक लिखित परीक्षा फिर से आयोजित करने का निर्देश दिया.
वहीं, कांग्रेस ने असम पुलिस परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखाकर असम सरकार पर दोषियों को बचाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)