प्रसार भारती ने बीते 15 अक्टूबर को समाचार एजेंसी पीटीआई और यूएनआई का सब्सक्रिप्शन रद्द कर दिया है. सीमा पर हुए गतिरोध के बीच पीटीआई द्वारा जून महीने में भारत में चीन के राजदूत का इंटरव्यू करने पर सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने एजेंसी की कवरेज को ‘देशविरोधी’ क़रार देते हुए उसके साथ सभी संबंध तोड़ने की धमकी दी थी.
नई दिल्लीः एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने प्रसार भारती द्वारा समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) का सब्सक्रिप्शन रद्द करने के फैसले की आलोचना की है.
एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि जिस तरह से सरकार और उनकी एजेंसियों ने हाल ही में मीडिया के साथ बदले की भावना से कार्रवाई की है, उससे वह निराश और चिंतित हैं.
एडिटर्स गिल्ड का यह बयान इस हफ्ते राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती द्वारा समाचार एजेंसियों प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) और यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) का सब्सक्रिप्शन रद्द करने के बाद आया है.
The Editors Guild of India has issued a statement pic.twitter.com/hSCJBUKpI5
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) October 16, 2020
इसके साथ ही एडिटर्स गिल्ड ने हाल ही में ओडिशा के एक टीवी पत्रकार रमेश रथ की गिरफ्तारी का भी उल्लेख किया, जिन्हें एक अश्लील वीडियो सर्कुलेट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पत्रकार के चैनल ओटीवी का कहना है कि ओडिशा की बीजेडी सरकार को बेनकाब करने के लिए पत्रकार के काम की वजह से उन्हें निशाना बनाने के लिए साजिश रची गई.
बयान में कहा गया कि एडिटर्स गिल्ड का मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयां मीडिया संस्थानों के स्वतंत्र तरीके से कामकाज करने के लिए खतरा है और इसे कमजोर करती हैं.
हालांकि, प्रसार भारती ने कारोबारी विचार-विमर्श के आधार पर यूएनआई और पीटीआई के साथ सब्सक्रिप्शन रद्द करने के फैसले को न्यायोचत ठहराया है.
बता दें कि इस साल जून महीने में चीन के साथ सीमा पर हुए गतिरोध के बीच पीटीआई द्वारा भारत में चीन के राजदूत का इंटरव्यू करने पर सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने एजेंसी की कवरेज को ‘देशविरोधी’ करार देते हुए उसके साथ सभी संबंध तोड़ने की धमकी दी थी.
इस साल जून महीने में प्रसार भारती के वरिष्ठ अधिकारी ने लद्दाख मामले को लेकर पीटीआई की कवरेज की निंदा कर उसे देशद्रोही करार दिया था.
उस समय प्रसार भारती समाचार सेवा एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रमुख समीर कुमार ने पीटीआई के मुख्य विपणन अधिकारी को पत्र लिखकर एजेंसी की न्यूज कवरेज को राष्ट्रहित के लिए हानिकारक और भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमतर करने वाला बताया था.
पत्र में कहा गया था, ‘यह उल्लेख किया जाता है कि पीटीआई को समय-समय पर कई बार उनकी संपादकीय खामियों के बारे में बताया गया, जिस वजह से गलत खबरों का प्रसार हुआ और इससे जनहित को हानि पहुंची.’
बता दें कि पीटीआई देशभर में संवाददाताओं और फोटोग्राफरों का एक बड़ा नेटवर्क है और इसकी सेवाओं को देश में सभी प्रमुख समाचार संगठनों के लिए अनिवार्य समझा जाता है.
प्रसार भारती दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो का संचालन करता है और ये दोनों प्रसारक लंबे समय से पीटीआई की वायर सेवाओं के सब्सक्राइबर रहे हैं.