यह घटना असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हुई. पुलिस ने बताया कि भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर क़रीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी. स्थिति अब नियंत्रण में है.
गुवाहाटी/आइजोल/सिलचर: असम और मिजोरम सीमा पर स्थित दोनों तरफ के दो गांवों के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल होने के बाद दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव की स्थिति बन गई है.
हिंसक झड़प असम के कछार जिले के लैलापुर गांव और मिजोरम को कोलासिब जिले के वैरेंगते गांव के लोगों के बीच हुई.
मिजोरम की राजधानी आइजोल में एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी. उन्होंने कहा कि अब इलाके में स्थिति नियंत्रण में है.
अधिकारी ने कहा कि मिजोरम सरकार ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय रिज़र्व वाहिनी को तैनात किया है, जो कि मिजोरम के वैरेंगते गांव के पास और असम के लैलापुर अंतर्गत आते हैं.
मिजोरम के कोलासिब जिले का वैरेंगते गांव राज्य का उत्तरी हिस्सा है, जिससे गुजरता राष्ट्रीय राजमार्ग-306 असम को इस राज्य से जोड़ता है. वहीं, असम के कछार जिले का लैलापुर इसका सबसे करीबी गांव है.
कोलासिब जिले के पुलिस उपायुक्त एच. लल्थलंगलियाना ने कहा कि शनिवार शाम को लाठी-डंडे लिए असम के कुछ लोगों ने सीमावर्ती गांव के बाहरी क्षेत्र में स्थित ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास कथित तौर पर एक समूह पर पथराव किया, जिसके बाद वैरेंगते गांव के निवासी भारी संख्या में एकत्र हो गए.
उन्होंने कहा कि इलाके में लागू निषेधाज्ञा के बावजूद वैरेंगते गांव की गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी, जो कि लैलापुर गांव के लोगों की थीं.
पुलिस उपायुक्त ने कहा कि घंटों तक चली इस हिंसक झड़प में मिजोरम के चार लोगों समेत कई लोग घायल हो गए.
उन्होंने कहा कि झड़प में घायल एक व्यक्ति को कोलासिब जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसके में गर्दन में गहरा घाव होने के कारण उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. वहीं, तीन लोगों का इलाज वैरेंगते गांव के जन स्वास्थ्य केंद्र में किया गया.
पुलिस ने कहा कि एक घायल को असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस बीच असम के वन मंत्री एवं स्थानीय विधायक परिमल शुक्ला बैद्य ने बताया कि क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं लगभग हर साल होती हैं, क्योंकि दोनों ही तरफ के लोग अवैध तरीके से पेड़ काटते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं इस मामले को देखूंगा.’
मिजोरम सरकार ने भी असम के कछार जिले और राज्य के कोलासीब जिले के बीच सीमा पर तनाव दूर करने के लिये केंद्र से संपर्क किया है.
मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने बताया कि दोनों राज्यों के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक होगी, जिसमें हालात का जायजा लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिव भी बैठक में उपस्थित रहेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस महीने दोनों राज्यों के निवासियों के बीच यह दूसरा ऐसा विवाद है. नौ अक्टूबर को असम के करीमगंज और मिजोरम के मामित जिलों में भी ऐसी झड़प हुई थी.
कोलासिब जिले के पुलिस उपायुक्त एच. लल्थलंगलियाना ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि कुछ साल पहले असम और मिजोरम की सरकारों के बीच हुए समझौते के अनुसार, सीमा क्षेत्र स्थित नो मैंस लैंड में यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए. हालांकि लैलापुर गांव के लोगों ने इसका खिलाफ जाकर कथित तौर पर कुछ अस्थायी झोपड़ियां का निर्माण किया है. मिजोरम के लोग ने इन झोपड़ियों में आग लगा दी.
बहरहाल, रविवार को मिजोरम मंत्रिमंडल ने इस मुद्दे पर एक आपात बैठक की. मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ट्वीट किया, ‘मैं ईमानदारी से सभी से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रशासनिक कार्यवाही को दरकिनार न करने का अनुरोध करता हूं.’
Currently in an emergent Cabinet Meeting to discuss the recent #borderconflict between #Mizoram and #Assam.
I sincerely request everyone to maintain peace and to kindly not bypass any administrative proceedings.@AmitShah @narendramodi @sarbanandsonwal @himantabiswa pic.twitter.com/JlDPT4hcDy
— Zoramthanga (@ZoramthangaCM) October 18, 2020
सोनोवाल ने सीमा पर स्थिति से पीएमओ को अवगत कराया
इधर, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मिजोरम से लगी राज्य की सीमा पर हुई एक हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल हो जाने के बाद वहां की मौजूदा स्थिति से रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया.
असम सरकार के एक बयान के मुताबिक, सोनोवाल ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा को भी टेलीफोन किया और सीमा पर हुई घटना के बारे में उनसे बात की.
मिजोरम के मुख्यमंत्री के साथ अपनी बातचीत के दौरान सोनोवाल ने सीमा मुद्दे को हल करने के लिये सार्थक उपाय एवं संयुक्त कोशिशें करने पर जोर दिया.
उन्होंने सीमा विवाद को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल करने और अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति, कानून व्यवस्था कायम रखने के लिये सहयोग के साथ काम करने की भी हिमायत की.
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आपस में मतभेद हों, लेकिन उन्हें अवश्य ही वार्ता के जरिये दूर किया जाना चाहिए.
जोरमथांगा ने सोनोवाल को अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति कायम रखने की कोशिशों और सहयोग का भरोसा दिलाया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)