यह घटना उत्तर पश्चिम दिल्ली के आज़ादपुर इलाके में हुई. पुलिस ने बताया कि मज़दूर सुरक्षा उपकरण नहीं पहने अंदर गए थे. फैक्टरी मालिक और ठेकेदार के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है.
नई दिल्ली: उत्तर पश्चिम दिल्ली के आजादपुर इलाके में सेप्टिक टैंक साफ करने के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.
पुलिस ने सोमवार को बताया कि रविवार शाम करीब छह बजकर 45 मिनट पर उसे सूचना मिली की आजादपुर के जी-ब्लॉक में स्थित एक गहनों की फैक्टरी में सेप्टिक टैंक साफ करते वक्त तीन मजदूर बेहोश हो गए हैं.
अग्निशमन सेवा के अधिकारियों के मुताबिक सूचना मिलने के बाद बचाव कार्य के लिए चार दमकल वाहन मौके पर भेज गए.
पुलिस ने बताया कि बड़ा बाग स्थित जीडी करनाल रोड औद्योगिक क्षेत्र की फैक्टरी में सोने और चांदी की माला बनती है, जहां ये हादसा हुआ.
उन्होंने बताया कि फैक्टरी में रसायनों का इस्तेमाल गहनों को बनाने में होता है और सेप्टिक टैंक का इस्तेमाल उन्हें साफ करने वाले पानी को जमा करने के लिए किया जाता है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फैक्टरी मालिक राजेंद्र सोनी ने टैंक को साफ करने का ठेका नजफगढ़ निवासी प्रमोद डांगी (35) को दिया था.
उत्तर पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त विजयंता आर्या ने बताया, ‘टैंक को साफ कर रहे सात लोगों में तीन बेहोश हो गए. उन्हें बीजेआरएफ अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल पहुंचने पर दो लोगों- इदरीस (45) और सलीम (45) को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. दोनों उत्तर प्रदेश के खुर्जा के रहने वाले थे.’
उन्होंने बताया कि अब्दुल सद्दाम (35), सलीम (35) और मंसूर (38) को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि इस्लाम (40) का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर है. उपायुक्त ने बताया कि फैक्टरी मालिक और ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
उन्होंने बताया कि मजदूर सुरक्षा उपकरण नहीं पहने हुए थे और 400 रुपये की दिहाड़ी के लिए सेप्टिक टैंक में उतरे थे.
बता दें राजधानी में बीते एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है. इससे पहले 10 अक्टूबर को बदरपुर इलाके में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मकान मालिक और एक मजदूर की मौत हो गई थी.
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में बदरपुर के मोलारबंद इलाके में देवेंदर नामक मजदूर सफाई के लिए अंदर गए तो जहरीली गैस की चपेट में आकर अचेत होकर सेप्टिक टैंक में गिर गए थे. ठेकेदार मनोज और मकान मालिक सतीश चावला देवेंदर को बचाने अंदर गए तो वे भी बेहोश हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)