बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: चुनाव आयोग ने मतदान वाले दिन और उससे एक दिन पहले राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों तथा अन्य द्वारा अप्रमाणित विज्ञापन प्रकाशित किए जाने पर रोक लगाई. नीतीश कुमार ने लालू पर तंज़ करते हुए कहा कि पत्नी को सीएम बनाने के अलावा महिलाओं के लिए क्या किया. लोजपा का घोषणा पत्र ‘बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट’ जारी. दूसरे चरण की 94 सीटों के लिए 1,464 उम्मीदवार मैदान में.
नई दिल्ली/पटना/केसरिया/मढ़ौरा/बेतिया: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मैदान में उतर रहे 1,064 उम्मीदवारों में से 30 प्रतिशत से अधिक ने हलफनामे में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
रिपोर्ट के अनुसार, 23 प्रतिशत या 244 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है. गंभीर आपराधिक मामले पांच साल से अधिक की सजा के साथ ही गैर-जमानती अपराध हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 328 या 31 प्रतिशत उम्मीदवारों ने उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
रिपोर्ट के अनुसार, कुल 375 या 35 फीसदी ने अपनी वित्तीय संपत्ति करोड़ों रुपये बताई है, जबकि पांच उम्मीदवारों ने शून्य संपत्ति घोषित की है.
विश्लेषण किए गए राजद के 41 उम्मीदवारों में से 30 (73 फीसदी) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 22 (54 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के 29 उम्मीदवारों में से 21 (72 फीसदी) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की सूचना दी हैं और 13 (45 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
कांग्रेस के 21 उम्मीदवारों में से लगभग 12 (57 प्रतिशत), जदयू के 35 उम्मीदवारों में से 15 (43 प्रतिशत) और बसपा के 26 में से आठ उम्मीदवारों (31 प्रतिशत) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के 21 उम्मीदवारों में से नौ (43 प्रतिशत), जदयू के 35 उम्मीदवारों में से 10 (29 प्रतिशत) और बसपा से 26 उम्मीदवारों में से पांच (19 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
इसके अनुसार, 29 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें से तीन ने उनके खिलाफ बलात्कार से जुड़े मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
एडीआर और ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ के संस्थापक सदस्य एवं ट्रस्टी जगदीप छोकर ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि उन्होंने फिर से टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया और लगभग 31 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
बिहार में पहले चरण में 28 अक्टूबर को 71 सीटों, दूसरे चरण में तीन नवंबर को 94 सीटों और तीसरे चरण में सात नवंबर को 78 सीटों पर मतदान होगा. चुनाव परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
दूसरे चरण की 94 सीटों के लिए 1,464 उम्मीदवार मैदान में
बिहार विधानसभा के दूसरे चरण के 94 सीटों पर होने वाले चुनाव में कुल 1,464 उम्मीदवार मैदान में हैं. प्रदेश में दूसरे चरण का मतदान तीन नवंबर को होना है.
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से दूसरे चरण के तहत तीन नवंबर को 94 सीटों पर मतदान होना है.
उन्होंने बताया कि 46 उम्मीदवारों ने सोमवार को नाम वापसी के अंतिम दिन अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया, जिसके बाद दूसरे चरण के लिए अब कुल 1,464 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
सिंह ने कहा कि दूसरे चरण में कुल 1,698 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे, लेकिन आयोग द्वारा 188 उम्मीदवारों के कागजात अमान्य पाए जाने के बाद 1,510 उम्मीदवार बचे थे.
उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में दरौली विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम चार उम्मीदवार हैं, जबकि महाराजगंज में सबसे अधिक 27 उम्मीदवार मैदान में हैं.
तीसरे चरण के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि मंगलवार को थी. शाम 5 बजे तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 884 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है. तीसरे चरण में 78 सीटों पर चुनाव होना है.
सिंह ने बताया कि तीसरे चरण में नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के दस्तावेजों की जांच बुधवार को की जाएगी तथा उम्मीदवार 23 अक्टूबर तक अपना नाम वापस ले सकेंगे.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तीसरे चरण के लिए पर्चा दाखिल करने वालों की सूची बढ़ सकती है.
सिंह ने बताया कि विधानसभा के तीसरे चरण के लिए होने वाले मतदान के साथ ही वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के लिए भी उपचुनाव कराया जा रहा है. उपचुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन तीन उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 71 सीटों के लिए 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान के लिए नामांकन पत्र वापस लेने के बाद कुल 1,066 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गए हैं.
चुनाव आयोग ने अप्रमाणित विज्ञापनों के प्रकाशन पर रोक लगाई
चुनाव आयोग ने बिहार में तीन चरणों में होने वाले चुनाव में मतदान वाले दिन और उससे एक दिन पहले राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों एवं अन्य द्वारा अप्रमाणित विज्ञापन प्रकाशित किए जाने पर रोक लगाई है.
आयोग ने कहा है कि जब तक विज्ञापन की सामग्री को स्क्रीनिंग समिति प्रमाणित नहीं करती तब तक उन्हें प्रकाशित नहीं किया जा सकता.
यही पाबंदी सात नवंबर को बिहार के वाल्मीकि नगर लोकसभा उपचुनाव के लिए भी लागू होगी.
आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला किया है.
चुनाव आयोग ने पहली बार 2015 के बिहार चुनाव में इस तरह का फैसला किया था.
मतदान वाले दिन और उससे एक दिन पहले राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने का प्रस्ताव कुछ साल से विधि मंत्रालय के पास लंबित है.
आयोग ने सोमवार को बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि प्रिंट मीडिया में भ्रामक प्रकृति के विज्ञापन प्रकाशित किए जाने के मामले पहले भी उसके संज्ञान में आए हैं.
उसने कहा, ‘मतदान के अंतिम चरण में इस तरह के इश्तहार पूरी चुनाव प्रक्रिया को खराब कर देते हैं. इस तरह के परिदृश्य में प्रभावित उम्मीदवारों और पार्टियों को स्पष्टीकरण देने का कोई अवसर ही नहीं मिलेगा.’
नीतीश का लालू पर तंज़: पत्नी को सीएम बनाने के अलावा महिलाओं के लिए क्या किया
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास और महिलाओं के सशक्तीकरण के मुद्दे पर राजद नेता लालू प्रसाद पर परोक्ष प्रहार करते हुए बुधवार को कहा कि 15 वर्ष के राजद के शासनकाल में उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाने के अलावा महिलाओं के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया.
पूर्वी चंपारण के केसरिया और सारण के मढौरा में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, ‘इन लोगों को (राजद को) 15 साल काम करने का मौका मिला, लेकिन किसी के लिए कुछ नहीं किया.’
राजद नेता लालू प्रसाद का नाम लिए बिना नीतीश ने कहा, ‘15 साल मौका मिला लेकिन महिलाओं के लिए क्या किया? अंदर (जेल) चले गए तब अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया. इसके अलावा बताएं कि महिलाओं के लिए क्या किया?’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इन लोगों को जब मौका मिला था, तब पंचायत चुनाव तक नहीं करवाए गए. जब पंचायत चुनाव करवाये गए, तब किसी को आरक्षण नहीं दिया गया. लेकिन हमने महिलाओं से लेकर हर वर्ग को आरक्षण दिया, उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया. पहले महिलाओं को अवसर नहीं मिलता था. आज विकास में उनकी बराबरी की भागीदारी है.’
जिनके कारण पूरा बिहार पलायन कर गया, वे नौकरी देने की बात कर रहे हैं: भाजपा अध्यक्ष
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियां देने के वादे पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि जिनके कारण पूरा बिहार पलायन कर गया था, वे अब रोजगार देने के वादे कर रहे हैं.
आपको पूछना चाहिए टुकड़े-टुकड़े गैंग से कि 'अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल ज़िंदा हैं' का क्या मतलब है?
आपका वोट प्रदेश के लिए है, देश के लिए है।
सोच कर देखिए, किन हाथों में यह सुरक्षित रहेगा, प्रगति करेगा?
– श्री @JPNadda pic.twitter.com/HhZYBIkdUa
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) October 21, 2020
बेतिया में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘राजद में बेटा कहता है कि मैं आपको रोजगार दूंगा, जबकि इन्हीं के चलते सारा बिहार पलायन कर गया और लालू उस पर खुशी मनाते रहे.’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘ये क्या रोजगार देंगे? नौकरियां तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी हैं.’
राजद पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी की राजनीति ने लोगों को इतना जागरूक कर दिया कि बेटे को पिता की तस्वीर पोस्टर से हटानी पड़ रही है. तेजस्वी को मालूम है कि लालू की तस्वीर से लोगों को बिहार का लालटेन युग याद आएगा और जब जगत प्रकाश भाषण देंगे और मोदी की तस्वीर होगी तो लोगों को एलईडी युग याद आएगा.’
गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी रैलियों में रोजगार और विकास का मुद्दा उठा रहे हैं.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘दुनिया मोदी की तारीफ कर रही है और हमारे यहां राहुल गांधी पाकिस्तान की डफली बजा रहे हैं.’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘सारी दुनिया कोविड-19 से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रही है जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव भी शामिल है. लेकिन राहुल गांधी कोरोना के संबंध में पाकिस्तान की बात कर रहे हैं. कांग्रेस के नेता पाकिस्तान के मंच से भारत की निंदा कर रहे हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से राष्ट्रीय (भावना) कहां है?’
नड्डा ने कहा कि विपक्ष के गठबंधन में ऐसे दल भी है जो टुकड़े-टुकड़े गैंग वाले लोग हैं.
बिहार के बक्सर और आरा में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, ‘माले, कांग्रेस और राजद का गठबंधन साधारण नहीं है. ये एक अपवित्र और अस्वाभाविक गठबंधन है. ये तीनों समाज के प्रेमी नहीं बल्कि समाज को तोड़ने वाले और समाज में अशांति फैलाने वाले हैं.’
भाकपा-माले पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जो विभाजनकारी और देश के खिलाफ काम करने वाली ताकतों के साथ खड़े रहते हैं.
चिराग ने लोजपा का घोषणा पत्र ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ जारी किया
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बुधवार को बिहार चुनाव के लिए अपनी पार्टी का दृष्टि पत्र ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ जारी किया जिसमें युवा आयोग गठित करने, रोजगार के लिए पोर्टल बनाने, डेनमार्क की तर्ज पर दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देने, बाढ़ एवं सूखे को रोकने के लिए नहरों को नदियों से जोड़ने जैसे वादे किए गए हैं.
आज बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोजपा का 'बिहार1st-बिहारी 1st' घोषणापत्र जारी किया है।
घोषणा पत्र में कृषि-किसानों की बात रखी गई है।#बिहार1stबिहारी1st pic.twitter.com/VHu1lD8576
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 21, 2020
लोजपा का दृष्टि पत्र जारी करते हुए चिराग ने कहा कि वह सकारात्मक राजनीति करना चाहते हैं, युवा हैं और दुनिया घूमे हैं. ऐसे में उन्होंने अपने दृष्टि पत्र में हर मुद्दे को शामिल किया है, जिससे बिहार की जनता जूझती है.
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तक तो बिजली पहुंच जानी चाहिए थी, लेकिन मुख्यमंत्री अब इसका वादा कर रहे हैं.
चिराग ने राजग सरकार के मुखिया पर हमला करते हुए कहा कि 15 साल से सत्ता में रहने के बाद भी वे नाली-गली और खेत में पानी पहुंचाने की बात कर रहे हैं. बीते 15 साल में क्या किया, बिहार में रोजगार के लिए क्या किया? बिहार को सशक्त करने के लिए क्या किया?
लोजपा नेता ने आरोप लगाया कि बिहार में अभी स्वास्थ्य की सही सुविधा नहीं है, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं और शिक्षा के हालात खराब हैं.
लोजपा के दृष्टि पत्र में समान काम-समान वेतन लागू करने, युवा आयोग का गठन करने का वादा किया गया है.
पार्टी ने कहा कि सत्ता में आने पर उसकी सरकार रोजगार पोर्टल बनाएगी जहां रोजगार लेने वाला और देने वाला सीधा जुड़ सकेगा.
इसमें कहा गया है कि कम्युनिटी मोबिलाइजर जीविका मित्र को वेतन दिया जाएगा तथा बिहार में दुग्ध उद्योग को प्राथमिकता देकर चरणबद्ध तरीके से डेनिश मॉडल (डेनमार्क मॉडल) पर विकसित किया जाएगा.
लोजपा ने सभी प्रखंड मुख्यालय, ग्राम पंचायत मुख्यालय और बाजारों में महिलाओं के लिए अलग से शौचालय बनाने का वादा किया.
Today, with the release of our party's manifesto for the Bihar assembly polls, I put forward our vision of 'Bihar 1st Bihari 1st' which will resolve various problems that the people of Bihar have been facing: Lok Janshakti Party (LJP) chief Chirag Paswan https://t.co/Muu553PDUe pic.twitter.com/btUAe9vusE
— ANI (@ANI) October 21, 2020
उसने प्राथमिकता के आधार पर सभी जरूरतमंद जिलों में स्थानीय उपज के आधार पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का वादा किया.
दृष्टि पत्र में बाढ़ और सूखा रोकने के लिए नहर बनाकर राज्य की सभी नदियों को उससे जोड़ने का वादा किया गया है. इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति छात्रावास को वाई-फाई, लाइब्रेरी, मेस, खेलकूद सामग्री व सुरक्षा गार्ड के साथ आधुनिक स्तर का बनाने की बात कही गई है.
लोजपा ने प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए कुछ सीटें आरक्षित करने का वादा किया.
लोजपा ने तीसरे चरण के लिए 41 उम्मीदवारों की सूची जारी की
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन कर रही और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ नाता तोड़कर अकेले अपने बलबूते बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रही लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने तीसरे चरण के लिए मंगलवार को अपने 41 उम्मीदवारों की सूची जारी की.
बिहार विधानसभा की जिन 78 सीटों पर तीसरे चरण के तहत मतदान होना है, लोजपा ने मंगलवार को उसके लिए अपने 41 उम्मीदवारों की सूची जारी की.
लोजपा द्वारा इस चुनाव में भाजपा सहित सत्तापक्ष के अन्य दलों तथा विपक्षी दलों के कई बागी नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया गया है. तीसरे चरण में लोजपा ने महिषी से दिवंगत राजद नेता अब्दुल गफूर के पुत्र अब्दुर रज़ाक़ को अपना उम्मीदवार बनाया है.
समान चुनाव-चिह्न देने की प्लूरल्स पार्टी की याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नवगठित राजनीतिक दल प्लूरल्स पार्टी की बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ‘चेस बोर्ड’ का समान चुनाव-चिह्न देने के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा.
जस्टिस जयंत नाथ ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की.
वकील जतन सिंह के माध्यम से दाखिल याचिका में पार्टी ने आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि चुनाव लड़ने के लिए पार्टी द्वारा तय किए गए सभी उम्मीदवारों को ‘चेस बोर्ड’ का एक जैसा चुनाव-चिह्न या पार्टी द्वारा चुने गए अन्य कोई चुनाव-चिह्न का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए.
हालांकि ईसीआई की ओर से वकील सिद्धांत कुमार ने याचिका की विचारणीयता पर प्रारंभिक आपत्ति प्रकट की.
पार्टी ने कहा कि राजनीतिक दलों के पंजीकरण के कानून, नियमों और नियमनों का पालन किए जाने के बावजूद चुनाव आयोग ने प्लूरल्स पार्टी को 13 अक्टूबर को पंजीकृत किया.
राजनीतिक दल को समय पर पंजीकृत करने का मुख्य उद्देश्य बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना था. हालांकि चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख आठ अक्टूबर को ही निकल चुकी है.
वकील अमित कुमार शर्मा और सत्यम सिंह के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया, ‘भारत जैसे देश में जहां कि मतदाता विविध सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों से आते हैं, वहां एक चुनाव-चिह्न एकता की भावना को बल प्रदान करता है.’
भारत का हितैषी हर व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा: योगी आदित्यनाथ
जमुई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि भारत का हितैषी हर व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है.
लोगों को सवाल पूछना चाहिए कि आज 10 लाख नौकरी का वादा करने वाले लोगों ने 15 साल में कितनी नौकरियां दीं?
जो लोग गरीबों का राशन तो छोड़िए, मूक जानवरों का चारा तक गायब कर चुके, वे क्या रोजगार देंगे?
– श्री @myogiadityanath pic.twitter.com/jRo9CN3Sgt
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) October 21, 2020
जमुई में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत का हितैषी प्रत्येक व्यक्ति मोदीजी के साथ खड़ा है और उनके साथ कदम मिलाकर काम करना चाहता है.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इसके नेता पाकिस्तान की तारीफ करने में लगे हैं. ऐसे नेताओं से क्या देश के हित की कल्पना की जा सकती है?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर बहुत पीड़ा हुई. उन्होंने कहा कि इनमें सबसे अधिक पीड़ा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी को हुई.
राजद नेता तेजस्वी यादव के नौकरी देने के वादे पर तंज करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘लोगों को सवाल पूछना चाहिए कि आज 10 लाख नौकरी का वादा करने वाले लोगों ने 15 साल में कितनी नौकरियां दीं?’
उन्होंने कहा, ‘जो लोग गरीबों का राशन तो छोड़िए, मूक जानवरों का चारा तक गायब कर चुके, वे क्या रोजगार देंगे?’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)