दिल्ली: वेतन की मांग पर हिंदूराव अस्पताल के पांच डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की

कोरोना वायरस के समय में उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों को पिछले तीन महीने का वेतन नहीं मिला है, जिसके बाद डॉक्टरों ने ये कदम उठाया है. उनका कहना है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं, क्योंकि मौखिक आश्वासन से खाना नहीं मिल सकता.

वेतन की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टर. (फोटो: ट्विटर/@rao_cell)

कोरोना वायरस के समय में उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों को पिछले तीन महीने का वेतन नहीं मिला है, जिसके बाद डॉक्टरों ने ये कदम उठाया है. उनका कहना है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं, क्योंकि मौखिक आश्वासन से खाना नहीं मिल सकता.

दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों का प्रदर्शन. (फोटो: रॉयटर्स)
दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों का प्रदर्शन. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: पिछले तीन महीने से लंबित वेतन के भुगतान की मांग को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदूराव अस्पताल के पांच रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी.

अस्पताल के मुख्य द्वार पर बैठे डॉक्टरों ने कहा कि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, क्योंकि मौखिक आश्वासन से खाना नहीं मिल सकता.

अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्य पिछले कई दिनों से लंबित वेतन के भुगतान की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.

शुक्रवार को आरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हिंदूराव अस्पताल के पांच रेजिडेंट डॉक्टर आज शाम से भूख हड़ताल शुरू कर रहे हैं, क्योंकि हमारी मांगें नहीं सुनी जा रही हैं.’

अमर उजाला के मुताबिक, हिंदूराव अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अभिमन्यु ने कहा, ‘भूख हड़ताल पर जाने के अलावा डॉक्टरों के पास अब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. दो हफ्तों से बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है. डॉक्टर सिर्फ अपना वेतन चाहते हैं, जो मूल अधिकार है.’

भूख हड़ताल पर बैठने वाले डॉक्टरों में शामिल नीलचक्र साहू ने कहा, ‘मौखिक आश्वासनों से खाना नहीं मिल सकता, हमें ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है. ऐसा करने के अलावा हमारे पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भूख हड़ताल पर पांच डॉक्टर- डॉ. मनीष चौधरी (25), डॉ. नीलचक्र साहू (29), डॉ. तेजस चौधरी (26), डॉ. सिद्धार्थ तारा (32) और डॉ. मयूर (24)  बैठे हैं. सभी डिप्लोमेटिक ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) के छात्र हैं.

भूख हड़ताल कर रहे डॉ. सिद्धार्थ तारा ने कहा, ‘हम दो चीजें चाहते हैं- हमारे लंबित वेतन का भुगतान किया जाए और चूंकि हमेशा वेतन का अनियमित भुगतान एक समस्या रही है, एक तारीख निश्चित की जाए कि हर महीने वेतन कब दिया जाएगा.’

हिंदू राव आरडीए के अध्यक्ष अभिमन्यु सरदाना ने कहा, ‘हम वेतन भुगतान के लिए एक तारीख का लिखित आश्वासन चाहते हैं.’

वहीं, वेतन जारी नहीं होने को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल के डॉक्टर भी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते 22 अक्टूबर को हिंदू राव और कस्तूरबा गांधी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था.

इसी बीच, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार फंड जारी नहीं कर रही है.

गुप्ता ने कहा, ‘हिंदू राव अस्पताल के कोविड अस्पताल बनने पर दिल्ली सरकार ने मदद करने का आश्वासन दिया था. दिल्ली सरकार पर एमसीडी फंड का 13,000 करोड़ रुपये का बकाया है. नॉर्थ एमसीडी को 2,090.52 करोड़ रुपये देना बाकी है और जबकि उसने केवल 612.02 करोड़ रुपये दिए हैं.’

मेयर जय प्रकाश ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर लड़ने के लिए सड़कों पर उतरेंगे.’

उनके दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए आप के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, ‘भाजपा अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है. अगर वो एमसीडी नहीं चला सकती है, तो उसे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. आप इसे उसी बजट में चलाएगी.’

बता दें कि इससे पहले भी दिल्ली सरकार ने कहा था कि नगर निगम अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे सकती तो अपस्तालों को सरकार को सौंप दें.

दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने तीनों नगरपालिकाओं को पत्र लिखकर कहा था कि अगर वे अपने स्टाफ को वेतन का भुगतान करने में असमर्थ हैं तो वे अपने अस्पतालों को दिल्ली सरकार को सौंपने पर विचार करें.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)