काल्पनिक ब्रिटिश जासूस जेम्स बॉन्ड पर आधारित 1962 में आई पहली फिल्म डॉ. नो में शॉन कॉनरी ने अभिनय किया था. वर्ष 1987 में आई फिल्म ‘द अनटचेबल्स’ के लिए उन्हें ऑस्कर पुरस्कार से नवाज़ा गया था.
नई दिल्ली: ईयान फ्लेमिंग के उपन्यासों के काल्पनिक ब्रिटिश जासूस जेम्स बॉन्ड के चरित्र को सबसे पहले फिल्मी परदे पर जीवंत करने वाले अभिनेता शॉन कॉनरी का शनिवार को निधन हो गया. वह 90 वर्ष के थे.
जेम्स बॉन्ड के आधिकारिक ट्विटर पेज से इस बात की पुष्टि की गई है. इस पेज से ट्वीट कर कहा गया है, ‘सर शॉन कॉनरी का निधन 90 वर्ष की उम्र में हो गया. बड़े परदे पर जेम्स बॉन्ड की भूमिका निभाने वाले वे पहले अभिनेता थे. 1962 में आई फिल्म डॉ. नो, इसके बाद फ्रॉम रशिया विथ लव, गोल्ड फिंगर, थंडरबॉल, यू ओन्ली लिव ट्वाइस और डायमंड्स आर फॉरएवर में वह जेम्स बॉन्ड का किरदार निभा चुके थे.’
जेम्स बॉन्ड फिल्मों के प्रोड्यूसर माइकल जी. विल्सन और बारबरा ब्रॉकली ने संयुक्त रूप से एक बयान में कहा, ‘सर शॉन कॉनरी के निधन के समाचार से हम टूट से गए हैं. वह वास्तविक जेम्स बॉन्ड के रूप में याद किए जाते थे और आगे भी याद किए जाएंगे.’
Sir Sean Connery has died at the age of 90. He was the first actor to play James Bond on the big screen in Dr. No in 1962, From Russia With Love, Goldfinger, Thunderball, You Only Live Twice and Diamonds Are Forever followed. pic.twitter.com/VaFPHCM5Ou
— James Bond (@007) October 31, 2020
उन्होंने आगे कहा, ‘सिनेमा इतिहास में उनका अमिट प्रवेश तब हुआ, जब उन्होंने उन अविस्मरणीय शब्दों को कहा, द नेम इज़ बॉन्ड… जेम्स बॉन्ड.’
उनके अनुसार, ‘सेक्सी और करिश्माई सीक्रेट एजेंट के किरदार को गंभीर और मजाकिया शैली में निभाकर उन्होंने दुनिया में एक क्रांति ला दी थी. वह निस्संदेह इस फिल्म शृंखला की सफलता के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं और हम हमेशा उसके आभारी रहेंगे.’
“The name’s Bond… James Bond” — he revolutionised the world with his gritty and witty portrayal of the sexy and charismatic secret agent. He is undoubtedly largely responsible for the success of the film series and we shall be forever grateful to him.”
— James Bond (@007) October 31, 2020
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कॉनरी एडिनबर्ग (स्कॉटलैंड) के स्लम में गरीबी में पले-बढ़े. वह ताबूत पॉलिश करने और दूध आदि बेचने जैसे काम किया करते थे. बॉडी बिल्डिंग का उनका शौक उन्हें अभिनय की दुनिया में लेकर आया, जिसने उन्हें विश्व के सबसे बड़े कलाकारों में से एक बना दिया.
जेम्स बॉन्ड की फिल्मों के अलावा उन्होंने अन्य किरदार भी निभाए. वर्ष 1987 में आई फिल्म ‘द अनटचेबल्स’ में शिकागो पुलिस का किरदार निभाने के लिए उन्हें ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
शॉन कॉनरी निर्देशक अल्फ्रेड हिचकॉक की फिल्म मार्नी (1964), द विंड एंड द लॉयन (1975), जॉन ह्यूस्टन की फिल्म मैन हू उड बी किंग (1975), स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म इंडियाना जोन्स एंड द लास्ट क्रूसेड (1989) और द हंट फॉर रेड अक्टूबर (1990) में यादगार किरदार निभा चुके थे.
59 साल की उम्र में पीपल मैगजीन ने उन्हें ‘सेक्सिएस्ट मैन अलाइव’ का खिताब दिया था.
साल 2003 में आई फिल्म ‘द लीग ऑफ एक्स्ट्राऑर्डिनरी जेंटलमेन’ के निर्देशकों से विवाद के बाद शॉन कॉनरी ने फिल्मों से संन्यास ले लिया था.
रिपोर्ट के अनुसार, 25 अगस्त 1930 को थॉमस कॉनरी के रूप में उनका जन्म हुआ था. ट्रक ड्राइवर पिता और सफाईकर्मी मां के दो बेटों में वह बड़े थे. 13 साल की उम्र में उनका स्कूल छूट गया और वह छोटे मोटे अलग अलग तरह के काम करने लगे थे. द्वितीय विश्व युद्ध के खत्म होने के दो साल बाद 16 साल की उम्र में वह रॉयल नेवी (ब्रिटिश नौसेना) में शामिल हो गए और तीन साल तक वहां अपनी सेवाएं दी थीं.