उत्तर प्रदेश के मथुरा का मामला. मथुरा के नंदमहल मंदिर में कथित तौर पर बिना अनुमति नमाज़ पढ़ने के लिए सामाजिक संगठन ख़ुदाई ख़िदमतगार के चार सदस्यों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
लखनऊः दिल्ली के सामाजिक संगठन खुदाई खिदमतगार के चार सदस्यों के खिलाफ रविवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा में मंदिर में कथित तौर पर बिना मंजूरी नमाज पढ़ने को लेकर मामला दर्ज किया गया.
यह घटना मथुरा के नंदबाबा मंदिर की है. इस मामले में खुदाई खिदमतगार के अध्यक्ष फैजल खान को गिरफ्तार भी किया गया है.
यह घटना का उस समय पता चला, जब इन चार लोगों में से एक ने रविवार को सोशल मीडिया पर नमाज अदा करती कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि यह सांप्रदायिक सौहार्द दिखाता है.
फैजल खान के अलावा तीन अन्य लोगों की पहचान चांद मोहम्मद, आलोक रतन और नीलेश गुप्ता के रूप में की गई है. इन पर धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
मंदिर के केयरटेर की शिकायत पर मथुरा के बरसाना पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई. मंदिर प्रशासन का कहना है कि सोमवार को गंगाजल और हवन से परिसर को दोबारा पवित्र किया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मथुरा के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने कहा, ‘हमें सूचित किया गया कि यह घटना 29 अक्टूबर की है. इनमें से दो मुस्लिम थे. उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई थी, क्योंकि वहां किसी तरह का धार्मिक भेदभाव नहीं है. इसके बाद दो मुस्लिम युवाओं ने दोपहर को मंदिर परिसर के भीतर नमाज अदा की. रविवार को कुछ लोगों ने फेसबुक पर इसकी कुछ तस्वीरें शेयर की और इस सौहार्द बताया. मंदिर प्रशासन की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई.’
खुदाई खिदमतगार के प्रवक्ता पवन यादव ने सोमवार को कहा कि मंदिर के कुछ कर्मचारियों ने दो युवाओं को नमाज अदा करने की अनुमति दी थी, लेकिन मंदिर प्रशासन ने इससे इनकार किया है.
मंदिर के केयरटेकर मुकेश गोस्वामी ने कहा कि फैजल खान ने हिंदू धर्म का अनुनायी होने का दावा किया और कई श्लोक सुनाए, जिसके बाद उन्हें मंदिर जाने और प्रार्थना करने की अनुमति दी गई.
गोस्वामी ने कहा, ‘जिस शख्स ने टोपी (फैजल) पहनी थी, उन्होंने हमसे अच्छे से बात की और कहा कि वह कृष्ण भक्त हैं. हमने उन्हें मंदिर आने की मंजूरी दी.’
इसके बाद मंदिर में एक सफाई कर्मचारी ने दोनों को मंदिर के अंदर नमाज अदा करते देखा.
उन्होंने कहा कि उसे इसके पीछे कुछ साजिश लगी.
पुलिस के मुताबिक, ‘आरोपियों ने सांप्रदायिक सौहार्द और धार्मिक सहिष्णुता फैलाने के लिए 26 से 29 अक्टूबर के बीच 84 कोस ब्रज परिक्रमा भी की थी.’