मणिपुर के थौबल ज़िले के लिलॉन्ग स्थित एक कॉलेज के सहायक प्रोफेसर मोहम्मद सिदिकुर रहमान ने यहां हो रहे उपचुनाव में खड़े निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल नासिर के ख़िलाफ़ कुछ आरोप लगाए गए थे. नासिर भाजपा के समर्थन से चुनाव मैदान में हैं.
इम्फालः मणिपुर के थौबल जिले के लिलॉन्ग हाओरिबी कॉलेज के एक सहायक प्रोफेसर को सात नवंबर को लिलॉन्ग में होने वाले उपचुनाव में खड़े एक उम्मीदवार के खिलाफ कुछ आरोप लगाने को लेकर निलंबित कर दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च और तकनीकी शिक्षा के आयुक्त एम. हरेकृष्ण ने केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1965 के तहत सहायक प्रोफेसर मोहम्मद सिदिकुर रहमान को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, सिदिकुर रहमान ने लिलॉन्ग उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार वाई. अंतास खान के आवास पर 21 अक्टूबर को हुई एक बैठक में हिस्सा लिया था.
बैठक में रहमान ने अपने संबोधन में उसी निर्वाचन क्षेत्र के एक अन्य उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल नासिर की सार्वजनिक गतिविधियों से संबंधित कुछ आरोप लगाए थे.
बता दें कि नासिर ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. वह भाजपा के समर्थन के साथ निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके समर्थन में हो रही रैलियों में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह भी शामिल हो रहे हैं.
Attended One Day Political Conference & Public Meeting at Khekman Jilla Keithel, Lilong AC, held in support of Ex MLA Abdul Nasir.@BJP4India stands for secularism and every community residing in the State have the same ancestors. Let us vote for unity and development. pic.twitter.com/NagJTesSbI
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) October 26, 2020
रहमान के संबोधन के बाद मणिपुर के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रशासनिक विभाग को सूचित किया कि उन्होंने केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 की धारा 5(1) का उल्लंघन किया है और उन्हें जांच पूरी होने तक निलंबित रखा जाना चाहिए और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए.
मणिपुर के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रामानंद नोंग्मीकापम ने कहा कि मोहम्मद अब्दुल नासिर के एक कार्यकर्ता द्वारा सहायक प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के ऑफिस के निर्देश के आधार पर डिप्टी कमिश्नर ने जांच शुरू कर रिपोर्ट जमा की गई.
निलंबन आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय सिविल सेवा नियम 1964 के नियम 5(4) और आदर्श आचार संहिता नियमावली के पैरा 4.4.2 (बी) (4) और (5) और अन्य संबंधित दिशानिर्देशों के उल्लंघन को लेकर सहायक प्रोफेसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है.
निलंबन की अवधि के दौरान रहमान को बिना मंजूरी के मुख्यालय से नहीं जाने के आदेश दिए गए हैं. उन्हें उनकी निलंबन अवधि के दौरान नियमों के तहत निर्वाह भत्ता दिया जाएगा.