जांच के लिए सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस लेने वाला छठा राज्य बना केरल

इससे पहले आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ की सरकारों ने अपने राज्य में सीबीआई को जांच के लिए दी गई आम सहमति को रद्द कर दिया था.

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केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन. (फोटो: पीटीआई)

इससे पहले आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ की सरकारों ने अपने राज्य में सीबीआई को जांच के लिए दी गई आम सहमति को रद्द कर दिया था.

केरल मुख्यमंत्री पिनारई विजयन. (फोटो: पीटीआई)
केरल मुख्यमंत्री पिनारई विजयन. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ की सरकारों के बाद बुधवार को केरल ने भी मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दिए गए आम सहमति के प्रावधान को वापस ले लिया.

केरल में माकपा नेतृत्व वाली एलडीएफ गठबंधन सत्ता में है जो नागरिकता संशोधन अधिनियम सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र सरकार के खिलाफ गई है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘यह फैसला मुख्यमंत्री पिनारई विजयन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया.’

इसमें कहा गया, ‘हमने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 6 के तहत अधिसूचनाओं के माध्यम से सीबीआई को दी गई आम सहमति को वापस लेने का फैसला किया है.’

बयान के अनुसार, ‘केंद्रीय एजेंसी को आवश्यक परिस्थितियों में मामलों की जांच का जिम्मा राज्य सरकार की विशेष अनुमति से दिया जाएगा.’

दरअसल सीबीआई ‘दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम’ द्वारा शासित है. सीबीआई इस अधिनियम की धारा छह के तहत काम करती है. सीबीआई और राज्यों के बीच सामान्य सहमति होती है, जिसके तहत सीबीआई अपना काम विभिन्न राज्यों में करती है, लेकिन अगर राज्य सरकार सामान्य सहमति को रद्द कर दे, तो सीबीआई को उस राज्य में जांच या छापेमारी करने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी.

चूंकि सीबीआई के पास केवल केंद्र सरकार के विभागों और कर्मचारियों पर अधिकार क्षेत्र है, यह राज्य सरकार के कर्मचारियों या किसी राज्य में हिंसक अपराध से संबंधित मामले की जांच तभी कर सकती है जब संबंधित सरकार इसकी सहमति देती है.

दरअसल, सोमवार को विजयन ने आरोप लगाया था कि सोने की तस्करी मामले की जांच कर रहीं केंद्रीय एजेंसियां संवैधानिक तौर पर चुनी गई सरकार की छवि खराब करने और अस्थिर करने के लिए अपनी कानूनी सीमा लांघ रही हैं.

उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत आवश्यक हस्तक्षेप करेगी.

बता दें कि कई केंद्रीय जांच एजेंसियां सोने की तस्करी के मामले में केरल में कई जांच कर रही हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अलावा सीबीआई, एनआईए और सीमा शुल्क मामले से जुड़े अलग-अलग पहलुओं की जांच कर रही हैं.

दरअसल केरल सरकार द्वारा गरीबों के लिए शुरू किए गए एक आवास योजना लाइफ मिशन प्रोजेक्ट में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत अनियमितता को लेकर सीबीआई ने एक एफआईआर दर्ज की थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लाइफ मिशन की याचिका पर अक्टूबर में केरल हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगा दी थी.