बीते दो जुलाई को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी गैंगस्टर विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. नौ जुलाई को उज्जैन से गिरफ़्तार कर उत्तर प्रदेश लाने के दौरान पुलिस ने विकास दुबे को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था.
लखनऊ: कानपुर के बिकरू में आठ पुलिसकर्मियों की जघन्य हत्या मामले की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट में पुलिस और मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे के बीच सांठगांठ का इशारा किया गया है. एसआईटी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के 80 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है.
इसी वर्ष जुलाई माह में हुए बिकरू कांड की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के गृह विभाग को सौंप दी है.
एक अधिकारी ने बताया कि एसआईटी ने करीब 3500 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है.
उन्होंने बताया, ‘रिपोर्ट में एसआईटी ने करीब 36 अनुशंसाएं की हैं और दोषी अधिकारियों तथा 80 पुलिसकर्मियों की भूमिकाओं का विस्तार से ब्योरा दिया है.’
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद सरकार कार्रवाई करेगी.
एसआईटी की रिपोर्ट में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और गैंगस्टर विकास दुबे के बीच सांठगांठ की बात कही गई है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ‘जांच में यह भी बात सामने आई है कि पुलिसकर्मी विकास दुबे के लिए मुखबिरी करते थे और घटना की रात विकास को मालूम था कि उसके घर पर पुलिस की छापेमारी होने वाली है.’
राज्य सरकार द्वारा गठित इस एसआईटी में भुसरेड्डी के अलावा अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) हरिराम शर्मा व पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जे. रवींद्र गौड़ शामिल थे.
मालूम हो कि दो जुलाई की देर रात उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में पुलिस की एक टीम गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई थी, जब विकास और उसके साथियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था.
इस मुठभेड़ में डिप्टी एसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और विकास दुबे फरार हो गया था.
पुलिस के मुताबिक, विकास दुबे को नौ जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी-एसटीएफ) का दल अपने साथ कानपुर ला रहा था कि पुलिस दल की एक गाड़ी पलट गई.
पुलिस का कहना था कि इस दौरान विकास दुबे ने भागने की कोशिश की तो पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसके बाद दुबे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
दुबे 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था और 11 जुलाई को एसआईटी का गठन किया गया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शुरुआत में एसआईटी को जांच रिपोर्ट 31 जुलाई तक सौंपने के लिए कहा गया था लेकिन बाद में सरकार ने अतिरिक्त समय दे दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)