नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष वीके पॉल ने कहा कि वैक्सीन आने पर इसे स्वास्थ्य प्रणाली और महामारी नियंत्रण प्रणाली के सिद्धांत के अनुसार प्राथमिकता दी जाएगी, साथ ही जिन लोगों में मृत्यु का अत्यधिक जोखिम हैं, वे भी प्राथमिकता में होंगे.
नई दिल्लीः नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) के अध्यक्ष वीके पॉल का कहना है कि कोरोना वायरस का टीका आने पर इसे स्वास्थ्य प्रणाली और महामारी नियंत्रण प्रणाली के सिद्धांत के अनुसार प्राथमिकता दी जाएगी, साथ ही जिन लोगों में मृत्यु का अत्यधिक जोखिम हैं, वे भी प्राथमिकता में होंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. पॉल ने कहा कि लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराने में संसाधनों की समस्या नहीं होगी.
डॉ. पॉल ने कहा, ‘भारत में तीन वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है. इसके अलावा दो अतिरिक्त वैक्सीन के परीक्षण को हाल ही में मंजूरी दी गई. हालांकि, उस पर काम शुरू होना अभी बाकी है लेकिन तीन का पहले ही मानव परीक्षण शुरू हो चुका है.’
उन्होंने कहा कि इन तीन में से दो आईसीएमआर भारत और कैडिला वैक्सीन स्वदेशी टीके हैं. दोनों का परीक्षण चरण-2 के अंतिम पड़ाव पर हैं और इनके नतीजे जल्द ही उपलब्ध होंगे, जिसके बाद इनके तीसरे चरण का परीक्षण शुरू होगा.
डॉ. पॉल ने कहा, ‘सीरम (भारतीय संस्थान) ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए इसका उत्पादन कर रहा है और इसका ट्रायल तीसरे चरण में हैं. इस वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में है, जो अनुसंधान एवं विकास के संदर्भ में सबसे उन्नत है. अगर यह सफल होता है तो टीकाकरण की संभावना खुल जाएगी. इस तरह उम्मीद है कि 2021 की शुरुआत में इसकी संभावना है.’
यह पूछने पर कि क्या वैक्सीन सभी भारतीयों को निशुल्क उपलब्ध होगी?
इस पर डॉ. पॉल ने कहा, ‘वैक्सीन का परीक्षण फिलहाल शुरुआती चरणों में है. किसी भी देश में इसकी असीमित सप्लाई नहीं होगी क्योंकि फिलहाल हम शून्य पर हैं. इसमें महीने लगेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘शुरुआती चरणों में टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर होगा और यह प्राथमिकता स्वास्थ्य प्रणाली और महामारी नियंत्रण प्रणाली के सिद्धांत के आधार पर होगी और उन लोगों को सुरक्षा दी जाएगी, जिनमें मृत्यु का जोखिम अधिक है. भारतीय लोगों को वैक्सीन का विकल्प उपलब्ध कराने में संसाधन कोई समस्या नहीं होंगे.’
पॉल ने कहा, ‘लगभग एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी. हमें नहीं पता कि अभी आगे कितना समय लगेगा… इसलिए हमें स्वास्थ्य प्रणाली की रक्षा करनी होगी.’