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अमेरिकी चुनाव: कांटे की टक्कर के बाद डोनाल्ड ट्रंप की हार, जो बाइडेन होंगे 46वें राष्ट्रपति

बीते मंगलवार को समाप्त हुए चुनाव के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन की जीत की घोषणा चार दिनों तक चली कांटे की टक्कर के बाद हुई है. उनकी सहयोगी सीनेटर कमला हैरिस अमेरिका के उपराष्ट्रपति का पद संभालने वाली पहली महिला, पहली अश्वेत अमेरिकी और पहली एशियाई मूल की अमेरिकी हैं.

जो बाइडेन और कमला हैरिस. (फोटो: रॉयटर्स)

जो बाइडेन और कमला हैरिस. (फोटो: रॉयटर्स)

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने शनिवार को रिपब्लिकन पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को कड़े मुकाबले में हरा दिया.

प्रमुख अमेरिकी मीडिया संगठनों की रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार पेन्सिलवेनिया राज्य में जीत दर्ज करने के बाद 77 वर्षीय पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे.

इस राज्य में जीत के बाद बाइडेन को 270 से अधिक ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ मिल गये जो जीत के लिए जरूरी थे. पेन्सिलवेनिया के 20 इलेक्टोरल वोटों के साथ बाइडेन के पास अब कुल 273 इलेक्टोरल वोट हो गए हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बेहद कांटे की टक्कर में ट्रंप को हराकर अमेरिकी जनता ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने और विभाजित देश में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बाइडेन के वादे पर अपना भरोसा जताया.

जीत की घोषणा के बाद बाइडेन ने ट्वीट कर कहा, ‘अमेरिका, मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि हमारे महान देश का नेतृत्व करने के लिए आपने मुझे चुना है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी आगे की राह कठिन है लेकिन मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं सभी अमेरिकियों का राष्ट्रपति रहूंगा, चाहे आपने मुझे वोट किया हो या नहीं. आपने मुझ पर जो भरोसा जताया है मैं उसे कायम रखूंगा.’

आगामी 20 जनवरी को पूर्व उपराष्ट्रपति जब व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे तब वह अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने वाले सबसे उम्रदराज (78) व्यक्ति होंगे.

बीते मंगलवार को समाप्त हुए चुनाव के बाद उनकी जीत की घोषणा चार दिनों तक चली कांटे की टक्कर के बाद की गई है. हालांकि, डाकमत पत्रों की भारी संख्या के कारण कुछ निर्णायक राज्यों में अभी भी मतों की गिनती जारी है.

बीते शुक्रवार को बाइडेन ने अपनी जीत की उम्मीद जताई थी लेकिन कोई विजयी भाषण नहीं दिया था.

वहीं, ट्रंप द्वारा लगातार की जा रही जीत की घोषणा के बीच ही ट्रंप के एक सलाहकार ने शुक्रवार को ट्रंप की हार मान ली थी लेकिन कहा था कि राष्ट्रपति हार स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.

एडिसन रिसर्च के मुताबिक, बाइडेन ने ट्रंप के 214 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों के मुकाबले 273 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करके जीत हासिल की. पेंसिलवेनिया से 20 इलेक्टोरल वोट हासिल करने बाइडेन बहुमत के 270 के आंकड़े को पार कर गए.

इस जीत को हासिल करने के लिए बाइडेन को अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इसमें रिपब्लिकन पार्टी के वे प्रयास भी शामिल थे जिसके तहत डाक मतपत्रों की संख्या को सीमित करने की गई जबकि कोविड-19 महामारी के कारण बड़ी संख्या में लोग डाक मतपत्रों का इस्तेमाल कर रहे थे.

बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण अमेरिका में 2,35,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

दोनों ही पक्षों ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को अमेरिका के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण चुनावों में से एक बताया और इसकी तुलना 1860 के गृहयुद्ध और 1930 की महामंदी के दौरान मतदान से की.

कई महीनों तक दोनों ही तरफ के अधिकारियों ने सही तरीके से वोटिंग न होने की आशंका जताई. हालांकि, अंत में बेहद ही कम बाधाओं के साथ वोटिंग हुई और लोगों ने लाइन में लगकर वोट दिए.

दोनों ही तरफ हजारों वालंटियरों ने चार दिन तक कड़ी मेहनत से यह सुनिश्चित किया कि हर वोट गिने जाएं.

अगर महीनों तक नहीं तो यह चुनावी ड्रामा अभी हफ्तों तक चलने वाला है.

74 वर्षीय ट्रंप वोटों की गिनती को अदालत में चुनौती दे रहे हैं. हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इससे परिणामों पर असर पड़ने की बहुत कम उम्मीद है.

बाइडेन की जीत में महिलाओं, अफ्राकी-अमेरिकियों, कॉलेज डिग्री वाले श्वेत वोटरों और शहरी वोटरों की बड़ी भूमिका रही. देशव्यापी लोकप्रिय वोटों के मामले में बाइडेन को ट्रंप से 40 लाख अधिक वोट मिले.

सीनेटर और ट्रंप के पूर्ववर्ती बराक ओबामा के उपराष्ट्रपति के तौर पर 50 से अधिक साल तक सार्वजनिक जीवन में रहने वाले बाइडेन को कोरोना वायरस महामारी, उसके कारण आई आर्थिक अस्थिरता और साथ ही नस्लभेद व पुलिस बर्बरता के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों से जूझना है.

बाइडेन ने कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता महामारी को रोकना और उससे उबरना है. इसके लिए उन्होंने पहुंच में टेस्ट में सुधार करने के साथ ट्रंप के विपरीत सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों की सलाह लेने की बात कही है.

बाइडेन ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद व्हाइट हाउस में सामान्य स्थिति की भावना को बहाल करने का भी वादा किया है जिसमें ट्रंप ने निरंकुशवादी विदेशी नेताओं की प्रशंसा की, वैश्विक गठबंधनों का तिरस्कार किया, श्वेत वर्चस्ववादियों को अस्वीकार करने से इनकार कर दिया और अमेरिकी चुनाव प्रणाली की वैधता पर संदेह किया.

हालांकि, सीनेट में रिपब्लिकन के दबदबे के कारण बाइडेन को अपने विधायी एजेंडा को पूरा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है जिसमें ओबामाकेयर की वापसी और पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते शामिल होंगे.

हालांकि, यह स्थिति सीनेट की चार सीटों पर होने वाले चुनाव से बदल सकती है जिसमें से दो सीटें जॉर्जिया में हैं.

बता दें कि, 1988 और 2008 में राष्ट्रपति पद के लिए असफल प्रयासों के बाद तीसरी बार में बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं.

उनकी सहयोगी अमेरिकी सीनेटन कमला हैरिस पहली महिला, पहली अश्वेत अमेरिकी और पहली एशियाई मूल की अमेरिकी होंगी जो कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद संभालेंगी.

ट्रंप का हार स्वीकार करने से इनकार

साल 2016 में डेमोक्रेट पार्टी की हिलेरी क्लिंटन को हराकर ट्रंप ने पहली बार में ही राष्ट्रपति पद हासिल कर लिया था. हालांकि, अब चार साल बाद 1992 में रिपब्लिकन जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश के बाद वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्हें दोबारा हुए राष्ट्रपति के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है.

चुनाव से ठीक पहले ट्रंप ने इससे साफ इनकार कर दिया था कि अगर वह बाइडेन से चुनाव हारते हैं तो वह आसानी से सत्ता का हस्तांतरण नहीं करेंगे. वह उस बात पर अभी भी कायम हैं. मतगणना समाप्त होने से बहुत पहले ही उन्होंने अपनी जीत की घोषणा कर दी थी.

बाइडेन की जीत की घोषणा होने से पहले ही जब ट्रंप के दोबारा चुने जाने की उम्मीदें धुंधली होने लगी थीं तभी उन्होंने अमेरिका के लोकतांत्रिक ढांचे पर बड़ा हमला करते हुए गुरुवार को व्हाइट हाउस से झूठा दावा किया कि चुनाव को उनसे चुराया जा रहा है.

बिना कोई सबूत दिए हुए ट्रंप ने उन राज्यों में और वहां चुनावी कार्यकर्ताओं कथित धोखाधड़ी का आरोप लगाया जहां वोटों की गिनती जारी थी और उसकी वजह से बाइडेन जीत के करीब पहुंच रहे थे.

गुरुवार को ट्रंप ने कहा, ‘यह एक ऐसा मामला है जहां वे एक चुनाव चुराने की कोशिश कर रहे हैं.’

वोटों की गिनती जारी रहने के दौरान धैर्य का आग्रह करते हुए बाइडेन ने एक ट्वीट कर ट्रंप पर पलटवार किया था और कहा था, ‘कोई भी हमारे लोकतंत्र को हमसे दूर नहीं ले जाएगा. अभी नहीं, कभी नहीं.’

प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी ने बाइडेन और कमला हैरिस को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को जो बाइडेन के अमेरिका का राष्ट्रपति और भारतीय मूल की कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने पर उन्हें बधाई दी.

बाइडेन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘आपकी शानदार जीत पर बधाई! उपराष्ट्रपति के रूप में, भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में आपका योगदान महत्वपूर्ण और अमूल्य था. मैं भारत-अमेरिका संबंधों को अधिक से अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक बार फिर साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं.’

वहीं, हैरिस के लिए उन्होंने लिखा, ‘कमला हैरिस को दिल से शुभकामनाएं. आपकी सफलता अभूतपूर्व है और न केवल आपकी चित्तियों के लिए बल्कि सभी भारतीय-अमेरिकियों के लिए भी बहुत गर्व की बात है. मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन और नेतृत्व से जीवंत भारत-अमेरिका संबंध और भी मजबूत हो जाएंगे.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी शनिवार को जो बाइडेन के अमेरिका का राष्ट्रपति और भारतीय मूल की कमला हैरिस के उप राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर उन्हें बधाई दी.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को बधाई. मुझे भरोसा है कि वह अमेरिका को एकजुट करेंगे और एक स्पष्ट दिशा का मजबूत भाव प्रदान करेंगे.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उप राष्ट्रपति निर्वाचित हुईं कमला हैरिस को बधाई. हमें इसका गर्व होता है कि अमेरिका की पहली महिला उप राष्ट्रपति की जड़ें भारत से जुड़ी हैं.’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी बाइडेन और कमला हैरिस के निर्वाचन पर बधाई दी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)