वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक नए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है. कोविड-19 के टीके पर शोध के लिए 900 करोड़ रुपये और 65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी का ऐलान. आवास के लिए 18,000 करोड़ रुपये का प्रावधान.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को घोषित प्रोत्साहन पैकेज के तहत रोजगार के लिए नई योजना की घोषणा की. इसके तहत नई नियुक्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को भविष्य निधि योगदान में सहायता प्रदान की जाएगी.
योजना के तहत उद्योगों को नई नियुक्तियों पर उनके कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योगदान पर कर्मचारी के साथ-साथ नियोक्ता के हिस्से का योगदान भी सरकार की तरफ से किया जाएगा.
सीतारमण ने कहा कि इसके तहत सेवानिवृत्ति कोष में कर्मचारियों का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) यानी कुल वेतन का 24 प्रतिशत हिस्सा अगले दो साल के दौरान नई नियुक्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा.
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत प्रतिष्ठानों को नए कर्मचारियों की नियुक्ति पर यह सब्सिडी मिलेगी.
वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को ही शामिल किया जाएगा.
आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठानों में शामिल होने वाले उन नए कर्मचारियों के लिए और COVID महामारी के दौरान इन प्रतिष्ठानों से बाहर निकलने वालों के लिए लागू होगी। pic.twitter.com/eMcJe9JfgN
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उन्होंने कहा कि कि इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं.
योजना के दायरे में ईपीएफओ के पास पंजीकृत प्रतिष्ठान आएंगे. नए कर्मचारियों का आकलन सितंबर, 2020 की स्थिति से किया जाएगा.
इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नई भर्तियां करनी होंगी, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई नियुक्ति करनी होगी. यह योजना 30 जून, 2021 तक परिचालन में रहेगी.
वित्त मंत्री ने आपात ऋण सहायता गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाए जाने की भी घोषणा की. इस योजना के तहत लघु एवं मझोले उद्यमों को गारंटीशुदा और बिना किसी गिरवी के कर्ज उपलब्ध कराया जाता है.
सीतारमण ने दबाव वाले क्षेत्रों की मदद के लिए गारंटीशुदा ऋण योजना की भी घोषणा की.
ग्रामीण रोजगार के लिए 10,000 करोड़ रुपये का बढ़ावा। pic.twitter.com/ix1v8w4icZ
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योजना दबाव वाले 26 क्षेत्रों में कार्यरत इकाइयों के अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी लागू होगी. इन दबाव वाले क्षेत्रों की पहचान केवी कामत समिति ने की है. इसके तहत 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपये से अधिक या 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज वाली इकाइयां आएंगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि 29 फरवरी, 2020 तक बकाये का 20 प्रतिशत तक कर्ज क्षेत्र की इकाइयों को दिया जाएगा.
अतिरिक्त कर्ज की अवधि पांच साल होगी. इसमें एक साल के लिए मूल राशि को लौटाने पर रोक शामिल है. योजना 31 मार्च, 2021 तक के लिये होगी.
कोविड-19 टीके पर शोध के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित
इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 टीके पर शोध के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को 900 करोड़ रुपये अनुदान देने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि अनुदान के दायरे में टीके की वास्तविक लागत और वितरण का खर्च शामिल नहीं है. टीका उपलब्ध होने पर इसके लिए अलग से प्रावधान किया जाएगा.
COVID वैक्सीन विकास के लिए रीसर्च एंड डिवेलप्मेंट ग्रांट। pic.twitter.com/BigE39coDN
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सीतारमण ने कहा कि घरेलू रक्षा उपकरण, औद्योगिक प्रोत्साहन, अवसंरचना और हरित ऊर्जा के लिए पूंजीगत एवं औद्योगिक व्यय के लिए 10,200 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय आवंटन का भी प्रावधान किया जाएगा.
आवास के लिए 18,000 करोड़ रुपये
सीतारमण ने शहरी आवास योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया.
इस घोषणा से रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे अनेक क्षेत्रों में रोगजार मिलेगा और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी.
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए बजट अनुमानों के अलावा अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से 18,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. यह राशि इस साल दिए जा चुके 8,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी.
An additional Rs 18,000 crore will be provided under the PM Awaas Yojana – Urban over and above the Rs 8,000 crore allocated in the Budget Estimates. This is expected to create an additional 78 lakh jobs and to significantly increase the utilisation of steel and cement. pic.twitter.com/Ko01ssSGEw
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उन्होंने कहा कि इस फैसले से 12 लाख मकानों का काम शुरू करने के साथ ही 18 लाख मकानों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 78 लाख नए रोजगार के मौके पैदा होंगे और स्टील तथा सीमेंट की मांग भी बढ़ेगी.
65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए घोषित प्रोत्साहन पैकेज के तहत किसानों को 65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी देने का ऐलान किया.
उन्होंने कहा कि किसानों को आगामी फसल सत्र के दौरान उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने 65,000 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी.
कृषि के लिए 65,000 करोड़ रुपये का समर्थन। pic.twitter.com/6lXxbrvolX
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सीतारमण ने आगे कहा कि कर्ज सहायता के जरिये निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्जिम बैंक को 3,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि एक लंबे और कड़े लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार सुधार देखने को मिल रहा है.
अर्थव्यवस्था में सुधार का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि कंपनियों के कारोबार की गति का संकेत देने वाला कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 रहा, जो इससे पिछले महीने में 54.6 था.
उन्होंने कहा कि अक्टूबर के दौरान ऊर्जा खपत में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया.
वित्त मंत्री ने कहा कि दैनिक रेलवे माल ढुलाई में औसतन 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है. उन्होंने आगे कहा कि बैंक ऋण में भी 5.1 प्रतिशत का सुधार हुआ है.
ECLGS 2.0 के तहत अतिरिक्त ऋण की अवधि 5 वर्ष होगी, जिसमें मूल पुनर्भुगतान पर एक वर्ष की रोक शामिल है। pic.twitter.com/v7POStJ561
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इससे पहले सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के इरादे से बुधवार को 10 और क्षेत्रों के लिए दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दे दी थी.
उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन जैसे उत्पादों, औषधि, विशेष प्रकार के इस्पात, वाहन, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पादों, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन बैटरी जैसे उद्योगों में निवेशकों को मिलेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)